नई दिल्ली, 2 अक्टूबर 2025: वक्फ़ संशोधन बिल को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम सुनवाई के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कोर्ट के आदेश को “अधूरा न्याय” करार देते हुए केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है।
15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ़ संशोधन बिल की कुछ विवादित धाराओं पर अंतरिम रोक (स्टे) लगा दी। इनमें कलेक्टर द्वारा सर्वे कराने का प्रावधान और पाँच वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे मुस्लिम की अनिवार्यता जैसी शर्तें शामिल थीं। हालांकि, कोर्ट ने बिल के अन्य कई प्रावधानों को यथावत रहने दिया।
हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओवैसी ने सवाल उठाया, “जब कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को दान दे सकता है, तो सिर्फ़ मुसलमानों के लिए ही शर्तें क्यों लगाई जा रही हैं? भाजपा को ये बताना चाहिए कि किस कन्वर्जन के बाद वक्फ़ को दान मिला है?”
उन्होंने यह भी कहा कि भले ही कोर्ट ने कुछ धाराओं पर स्टे लगाया हो, लेकिन कलेक्टर को वक्फ़ संपत्तियों का सर्वे करने का अधिकार अब भी बरकरार है। इससे सरकारी हस्तक्षेप का खतरा बना रहेगा, और यह मुसलमानों की धार्मिक सम्पत्तियों के अधिकारों पर सीधा हमला है।
इस मुद्दे को लेकर AIMIM ने ‘सेव वक्फ़ कैंपेन’ का दूसरा चरण 19 सितंबर से शुरू किया है। इस अभियान को जुमे की नमाज़ से जोड़कर grassroots लेवल पर राजनीतिक मोबलाइज़ेशन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इस मुहिम को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) का भी समर्थन प्राप्त हुआ है।
इसके अलावा, 28 सितंबर को ओवैसी का एक वीडियो X पर सामने आया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चिराग पासवान पर आरोप लगाया कि वे “मस्जिदें छीन रहे हैं”।
रिपोर्ट: ITN Desk.