उधमपुर में बीजेपी विधायक रणवीर सिंह पठानिया का एक बयान विवादों के घेरे में आ गया है। पठानिया, जो उधमपुर ईस्ट से विधायक हैं, ने भारतीय वायुसेना और सेना के जवानों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायुसेना के जवानों को “सोया हुआ” करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारा कसूर है कि हमने इन्हें पलकों पर बैठा कर रखा है। ये इनकी नालायकी होगी।” इस बयान ने भारतीय सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जहां ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सुरक्षा बलों ने साहस और वीरता का परिचय दिया, वहीं विधायक के इस बयान को सैन्य बलों के मनोबल को कमजोर करने वाला माना जा रहा है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है, जबकि बीजेपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बयान का कारण और पृष्ठभूमि
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पठानिया उधमपुर एयर फोर्स स्टेशन द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए जारी एक नोटिस के खिलाफ स्थानीय लोगों के प्रदर्शन में शामिल हुए। इस नोटिस में वायुसेना ने स्टेशन के पास सड़क से सटे दुकानों और घरों को हटाने का निर्देश दिया था। स्थानीय लोगों ने इस नोटिस का विरोध किया, और विधायक उनके समर्थन में उतर आए। प्रदर्शन के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पठानिया ने कहा, “जब उधमपुर में एयरपोर्ट बनाया गया था, तब लोगों ने बिना किसी मुआवजे के अपनी जमीन दी थी। अब उसी जमीन पर बने घरों और दुकानों को हटाने की धमकी दी जा रही है।” उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी जो हुआ, वह सबके सामने है। नालायकी होगी इनकी, सोए हुए होंगे ये लोग। कसूर इनका है, हमारा नहीं। हमने तो इन्हें पलकों पर बैठा कर रखा।”
विवाद और प्रतिक्रियाएं
पठानिया के इस बयान ने भारतीय वायुसेना और सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान पर सवाल उठा दिए हैं। सोशल मीडिया पर यह बयान तेजी से वायरल हो गया, और कई लोगों ने इसे वायुसेना का अपमान करार दिया। पूर्व सैनिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और विधायक से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है। विपक्षी दलों ने इसे सैन्य बलों के प्रति असंवेदनशील रवैया बताते हुए बीजेपी से कार्रवाई की मांग की है। एक विपक्षी नेता ने कहा, “यह बयान न केवल सेना का अपमान है, बल्कि उन जवानों की शहादत और साहस को भी कमतर करता है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी जान जोखिम में डाली।”
बीजेपी की चुप्पी
फिलहाल, बीजेपी ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह बयान पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर तब जब देश में सैन्य बलों के प्रति सम्मान और समर्थन का माहौल है।
निष्कर्ष
पठानिया का यह बयान न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। यह देखना बाकी है कि बीजेपी इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या विधायक अपने बयान पर माफी मांगते हैं। फिलहाल, यह विवाद भारतीय वायुसेना और स्थानीय लोगों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।