त्याग  सुल्तान उल-हिंद हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती

त्याग   सुल्तान उल-हिंद हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती

 

त्याग

 सुल्तान उल-हिंद हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (क्यूएसए) ने सलाह दी, "ए अज़ीज़! जितना अधिक आप सांसारिक मामलों और सांसारिक पुरुषों में शामिल हैं, उतना ही आप अल्लाह से दूर हैं। यदि आप अपने नियत कार्य में व्यस्त हैं जो अल्लाह की याद है, जैसे आप अपने सांसारिक मामलों में हैं, तो यह आपके लिए बहुत बेहतर है। आप दुनिया के लोगों के जितने करीब आते हैं, आप अल्लाह से उतने ही अलग होते हैं।"

 हज़रत ख़्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी (क्यूएसए) को लिखे एक पत्र में, हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (क्यूएसए) ने सलाह दी "जानें कि दुनिया के लोगों में सबसे बुद्धिमान वे हैं जिन्होंने खुद को सूफीवाद के लिए समर्पित कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इधर उद्देश्य है कि कोई उद्देश्य ना हो और उद्देश्य खोना उद्देश्य को पाना है। लेकिन अज्ञान में लोगों ने खुशी को परेशानी के रूप में लिया है और परेशानी को खुशी के रूप में माना है। तो सबसे बुद्धिमान वह है जो किसी सांसारिक वस्तु के बारे में सोचकर उसे त्याग देता है और तकवा स्वीकार करता है ( फक़र) अपने अंतिम लक्ष्य के रूप में।"

 दुआ:

 या मेरे अल्लाह जुमला अंबिया के वास्ते,
 हाजतें बरला मेरी कुल औलिया के वास्ते

 
 सिलसिला ए आलिया ख़ुशहालिया !!

 (संदर्भ: ख्वाजा ग़रीब नवाज़ डॉ. जेड. हसन शारिब द्वारा, पृष्ठ 90, 115)

Syed-Afzal--Ali-shah Maududi. 

Lucknow