नये संगठन मैढ़ क्षत्राणी स्वर्णकार पहली बैठक का आयोजन
संगठन सम्पर्क चाहता है संगठन समर्पण के साथ चलता है,संगठन समर्थन की चाल का मुरीद होता है।
नये संगठन मैढ़ क्षत्राणी स्वर्णकार का जन्म ले रहा है।जन्मभूमि दिल्ली में उत्तर प्रदेश, हरियाणा से नायाब मोती दिल्ली के सूत्र मेें पिरोने का प्रयास हुआ। एक प्रबुद्ध वर्ग से सम्बंधित अधिवक्ता, चिकित्सक, प्रवक्ता, कवयित्री, बैंक मैनेजर ,प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, राजनीतिक बहनों का एकत्रीकरण रहा जिसमें गरिमामयी उपस्थिति विशेष रूप से राज्यसभा सांसद श्री कैलाश चंद जी सोनी तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मंजु सोनी जी की रही तथा उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
समाज में कार्य करने के लिए बस इतना ही करना है ----
धूप में चल कर देखो,
बारिश में नहा कर देखो,
जिन्दगी क्या है
यह किताबें हटा कर देखो।
हमारा मानना है कि बदलते दौर में आज परम्परा बदल गयी है क्षत्रिय अब तलवार की झंकार में नहीं जीते वरन शतरंज की बिसात पर चलने वाली चालें चलते हैं।
लेकिन भावनात्मक अर्थ क्षत्राणियों का अपनी व अपने समाज की सुरक्षा को लेकर सजग रहना है। कर्तव्य कहता है कि कोई कमजोर अन्याय का शिकार न हो और अधिकार कहता है सबके साथ हम भी आत्मसम्मान के साथ जी पायें।
भूखे को भोजन ,प्यासे को पानी,अशिक्षित को शिक्षा,रोगी को चिकित्सा, बेघर को घर, बेरोजगार को रोजगार जैसे विषयों पर कार्य करना है।
चूंकि महिला संगठन है तो स्वाभाविक ही है कि महिला की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अभियान चलाए जाएं।
हमारी संगठन की उन्नति के लिए शुभकामनायें तथा पदाधिकारियों का हार्दिक अभिनन्दन।