शाहरुख खान के प्रेरणादायक शिक्षक ब्रदर एरिक स्टीव डिसूजा का हुआ निधन
ब्रदर एरिक स्टीव डिसूजा का निधन एक ऐसी घटना है जो हमें यह याद दिलाती है कि शिक्षकों की भूमिका हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण होती है. वे न केवल ज्ञान के दाता होते हैं, बल्कि हमारे मार्गदर्शक और साथी भी होते हैं.
भारतीय सिनेमा के बादशाह शाहरुख खान का नाम सुनते ही उनके अभिनय और व्यक्तित्व का एक अलग ही चित्र आंखों के सामने आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी सफलता के पीछे एक खास शिक्षक का हाथ था? ब्रदर एरिक स्टीव डिसूजा, जिन्होंने शाहरुख खान को उनके स्कूल के दिनों में गहराई से प्रभावित किया, अब हमारे बीच नहीं रहे.
ब्रदर डिसूजा का निधन 74 साल की उम्र में हुआ, और इस दुखद समाचार ने न केवल शाहरुख खान बल्कि उनके सैकड़ों छात्रों को भी गहरे सदमे में डाल दिया. शाहरुख खान ने कई साल पहले एक टीवी शो "जीनो इसी का नाम है" में अपने शिक्षक से दर्शकों को मिलवाया था. उस समय उन्होंने बताया था कि कैसे ब्रदर डिसूजा ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
थिएटर के प्रति प्रेम
ब्रदर डिसूजा ने शाहरुख खान को स्कूल के थिएटर ग्रुप से जोड़ा था, जिससे उनकी अभिनय की दुनिया में पहली कदम रखने में मदद मिली. शाहरुख खान का कहना था कि ब्रदर डिसूजा के मार्गदर्शन ने ही उन्हें नाटकों और अभिनय के प्रति आकर्षित किया. स्कूल के दिनों में, ब्रदर डिसूजा हमेशा छात्रों को नाटकों में भाग लेने के लिए प्रेरित करते थे, जिससे न केवल उनकी अभिनय प्रतिभा को निखारने में मदद मिली, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया.
शिक्षा के प्रति उनकी दृष्टिकोण
ब्रदर डिसूजा केवल एक शिक्षक ही नहीं थे, बल्कि वे एक दोस्त और मार्गदर्शक भी थे. उन्होंने सेंट कोलंबस स्कूल में करीब 10 वर्षों तक कार्य किया, और इस दौरान उन्होंने हजारों बच्चों को शिक्षा दी. वे न केवल छात्रों के शिक्षण में मदद करते थे, बल्कि उनके लिए एक संरक्षक की भूमिका भी निभाते थे.
उनका दृष्टिकोण प्रयोगात्मक शिक्षा पर था, जहां वे बच्चों को कहानियों और नाटकों के माध्यम से पढ़ाते थे. इससे बच्चों में न केवल विषय की समझ बढ़ती थी, बल्कि उनकी रचनात्मकता भी निखरती थी. ब्रदर डिसूजा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि उनकी कक्षा में सभी बच्चे सक्रिय रूप से भाग लें.
स्कूल में उनकी प्रबंधन शैली
ब्रदर डिसूजा ने जब सेंट कोलंबस स्कूल के प्रिंसिपल का पद संभाला, तब उनकी एक अलग पहचान बनी. उन्होंने बच्चों के प्रति अपनी सख्त छवि बनाई, खासकर उन छात्रों के लिए जो क्लास से भागते थे. एक बार, जब दिल्ली के एक मशहूर वकील ने बताया कि कुछ बच्चे कनॉट प्लेस के रीगल थिएटर में फिल्में देख रहे हैं, तो ब्रदर डिसूजा ने उन्हें पकड़ने के लिए वहां जाकर छात्रों की खोज शुरू की.
यह उनकी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण था, जो यह दर्शाता है कि वे बच्चों की भलाई के लिए कितने समर्पित थे. कभी-कभी वे जंतर-मंतर तक भी चले जाते थे, बस यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चे पढ़ाई में ध्यान दें और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए.
उनका छात्र जीवन पर प्रभाव
ब्रदर डिसूजा ने केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने बच्चों के साथ दोस्ती का रिश्ता बनाया, जिससे बच्चे उनसे खुलकर बात कर सकें. कई छात्रों के लिए, वे सिर्फ एक शिक्षक नहीं थे, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे वे अपनी समस्याएं साझा कर सकते थे.
उनकी शिक्षण शैली ने न केवल छात्रों के ज्ञान में वृद्धि की, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी योगदान दिया. उन्होंने न केवल पाठ्यक्रम के विषयों को पढ़ाया, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाए.
शाहरुख खान का सम्मान
ब्रदर डिसूजा के निधन पर शाहरुख खान ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने बताया कि कैसे ब्रदर डिसूजा ने उनके जीवन में एक अद्भुत बदलाव लाया और उन्हें प्रेरित किया. यह एक उदाहरण है कि कैसे एक शिक्षक का प्रभाव जीवन भर के लिए हो सकता है.
शाहरुख खान जैसे स्टार का यह कहना कि ब्रदर डिसूजा ने उन्हें उनकी करियर की शुरुआत में कितना प्रभावित किया, यह इस बात का प्रमाण है कि शिक्षकों का काम कितना महत्वपूर्ण है.
एक विरासत का निर्माण
ब्रदर डिसूजा ने अपने कार्यकाल में न केवल छात्रों को पढ़ाया, बल्कि एक ऐसी विरासत भी बनाई जो आगे भी जिंदा रहेगी. उनकी शिक्षण शैली, उनकी सोच और बच्चों के प्रति उनका प्यार आज भी कई छात्रों के दिलों में जिंदा है.
उनके निधन से सिर्फ शाहरुख खान ही नहीं, बल्कि उनके सभी छात्रों और सहयोगियों को गहरा दुख हुआ है. उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और वे हमेशा एक प्रेरणा के रूप में रहेंगे.
अंतिम शब्द
ब्रदर एरिक स्टीव डिसूजा का निधन एक ऐसी घटना है जो हमें यह याद दिलाती है कि शिक्षकों की भूमिका हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण होती है. वे न केवल ज्ञान के दाता होते हैं, बल्कि हमारे मार्गदर्शक और साथी भी होते हैं.
शाहरुख खान जैसे सितारों की सफलता में उनके शिक्षकों का योगदान अद्वितीय होता है. हम सभी को चाहिए कि हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करें और उनके द्वारा दी गई शिक्षा को अपने जीवन में लागू करें.
ब्रदर डिसूजा की याद हमेशा हमारे साथ रहेगी, और उनकी शिक्षाएं हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी. शिक्षकों का योगदान हमेशा अमूल्य रहेगा, और हमें उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए.
by शाहबुद्दीन अंसारी, नई दिल्ली.