कोटा शिक्षा का केंद्र है: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
विद्यार्थियों को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि हर दिन एक नया अवसर है और नई संभावनाएं हैं। अपनी दिशा तय करें और ईमानदारी से मेहनत करते रहें। जिस मार्ग पर आप चलेंगे, सफलता आपके कदम चूमेगी।
जयपुर, 15 नवंबर 2024 : विद्यार्थियों को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि हर दिन एक नया अवसर है और नई संभावनाएं हैं। अपनी दिशा तय करें और ईमानदारी से मेहनत करते रहें। जिस मार्ग पर आप चलेंगे, सफलता आपके कदम चूमेगी। विद्यार्थियों को पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम और एक ठोस टाइम टेबल के तहत पढ़ाई करनी चाहिए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ये बातें कोटा के एलन करियर इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहीं। जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ कैंपस में आयोजित इस संवाद सत्र में उन्होंने विद्यार्थियों को धर्म, अध्यात्म और इसके वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में एलन के निदेशक राजेश माहेश्वरी और डॉ. नवीन माहेश्वरी भी मौजूद थे।
डॉ. यादव ने कहा, "कोटा शिक्षा का प्रमुख केंद्र है, और यहां विद्यार्थियों के बीच आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे मेरे पुराने दिन वापस लौट आए हों। यहां की ऊर्जा का अनुभव हो रहा है।"
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा, "मैं खुद एक उदाहरण हूं। मेरा चयन प्री-मेडिकल टेस्ट में हुआ था, मुझे इंदौर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला था, लेकिन मैंने बीएससी की और फिर राजनीति क्षेत्र में कदम रखा। मैंने कड़ी मेहनत की और आज आप सभी के सामने मुख्यमंत्री के रूप में खड़ा हूं। जीवन के किसी भी मार्ग पर आत्मविश्वास के साथ चलें, सफलता आपका इंतजार करती है। जब भी आपको लगे कि आप असफल हो गए हैं, तो निराश न हों। एक राजनीतिक व्यक्ति के जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते हैं।"
डॉ. यादव ने उदाहरण देते हुए कहा, "अब्राहम लिंकन ने जीवन में कई चुनाव हारे, लेकिन जब जीत हासिल की, तो राष्ट्रपति बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51 वर्ष की उम्र तक कोई चुनाव नहीं लड़े, लेकिन जब चुनाव लड़ा तो वह मुख्यमंत्री बने और बाद में प्रधानमंत्री बने। इस बात को समझें कि आपके लिए कौन सा अवसर किस उम्र में और कब आएगा, इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता। इसलिए हमें हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें निरंतर मेहनत करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि, "चाहे मेडिकल प्रवेश परीक्षा हो या इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, चुनौतियां हर क्षेत्र में होती हैं, लेकिन हमें पूरी ईमानदारी से अपने प्रयास जारी रखने चाहिए, ताकि हम सफलता प्राप्त कर सकें।"
डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को यह भी सलाह दी कि जब वे विज्ञान का अध्ययन करते हैं, तो उन्हें ग्रह-नक्षत्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी समझना चाहिए। उन्होंने श्री कृष्ण के उदाहरण से बताया, "श्री कृष्ण जैसे विद्यार्थी बनने की कोशिश करें, जिन्होंने शिक्षा के लंबी अवधि के बाद महाभारत के युद्ध में गीता उपदेश दिया, जिसमें सभी वेदों का सार है। यदि विद्यार्थी समर्पण के साथ सीखते हैं, तो जो ज्ञान वे प्राप्त करेंगे, वह जीवनभर उनके साथ रहेगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे दोस्त कृष्ण और सुदामा की तरह होने चाहिए, जिनमें विश्वास हो। "वो भले ही वर्षों बाद मिलें, लेकिन आपस में अटूट विश्वास और साथ बनाए रखें।"
कार्यक्रम में डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों से भी संवाद किया और राजस्थान तथा मध्यप्रदेश के बीच पर्यटन विकास के लिए हो रहे समझौतों की जानकारी दी।
इससे पहले, एलन के विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत करते हुए उन्हें बड़े पुष्पहार से सम्मानित किया। कार्यक्रम में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। एलन के निदेशकों, राजेश माहेश्वरी और डॉ. नवीन माहेश्वरी ने मुख्यमंत्री को रामलला की तस्वीर भेंट कर आभार व्यक्त किया।