बनाही हत्याकांड: 48 घंटे में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी, पुलिस ने दी जानकारी
एसडीपीओ ने बताया कि इस मामले में मात्र 48 घंटे के अंदर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस के लगातार प्रयासों से अपराध का खुलासा किया गया है.
औरंगाबाद (बिहार): बिहार के औरंगाबाद जिले के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) सदर-01, संजय कुमार पांडेय ने मंगलवार, 12 नवंबर 2024 को समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने बनाही हत्याकांड से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. एसडीपीओ ने बताया कि इस मामले में मात्र 48 घंटे के अंदर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस के लगातार प्रयासों से अपराध का खुलासा किया गया है. इस जांच की निगरानी खुद पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल कर रहे हैं.
घटना का प्रारंभिक विवरण
बनाही हत्याकांड की घटना फेसर थाना क्षेत्र के उन्थू बधार के पास स्थित धान के खेत से जुड़ी हुई है, जहां पर कामेश्वर चौधरी उर्फ कारू चौधरी का शव पाया गया था. शव मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, 9 नवंबर 2024 को इस मामले को लेकर फेसर थाना में हत्या का मामला (कांड संख्या 130/24) दर्ज किया.
पुलिस की तत्परता
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल ने एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की. इस टीम को कांड के खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी गई. एसआईटी टीम ने तकनीकी विश्लेषण, खुफिया जानकारी और विभिन्न सुरागों के आधार पर कड़ी मेहनत की. मात्र 48 घंटे में ही टीम ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त एक धारदार चाकू और एक जिंदा कारतूस भी बरामद कर लिया.
गिरफ्तारी और आरोपी की पहचान
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने आरोपियों के नाम और उनके संबंध में जानकारी दी. गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- मुन्ना चौधरी (32 वर्ष) - पिता राम नारायण चौधरी, निवासी बनाही गांव
- सुगंधा देवी (28 वर्ष) - मुन्ना चौधरी की पत्नी, निवासी बनाही गांव
- टुन्ना चौधरी (30 वर्ष) - पिता राम नारायण चौधरी, निवासी बनाही गांव
- चंदन कुमार (30 वर्ष) - पिता रामेश्वर चौधरी, निवासी बनाही गांव
- संजय सिंह (35 वर्ष) - पिता स्वर्गीय सरयू सिंह, निवासी ढेकही रघुनाथपुर गांव, रोहतास जिला (जो नोखा थाना क्षेत्र में आता है)
एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा.
हत्या के कारण का खुलासा
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपनी संलिप्तता स्वीकार की. उन्होंने बताया कि हत्या का कारण जमीन के विवाद को लेकर था. आरोपियों के अनुसार, मृतक कामेश्वर चौधरी उर्फ कारू चौधरी से उनकी जमीनी विवाद था, जिसे लेकर उन्होंने हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया.
पुलिस द्वारा बरामद किए गए सामान
एसडीपीओ ने यह भी बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त एक धारदार चाकू और एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया है. यह चीजें मामले के महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकती हैं, जिससे पुलिस को जांच में मदद मिली.
चंदन कुमार के खिलाफ पूर्व में दर्ज था मामला
एसडीपीओ ने यह भी खुलासा किया कि गिरफ्तार किए गए एक आरोपी चंदन कुमार के खिलाफ पहले भी फेसर थाना में एक मामला दर्ज था. यह मामला मार्च 2019 में कांड संख्या 29/19 के तहत दर्ज किया गया था. इस प्रकार, चंदन कुमार का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है, जो उसकी संलिप्तता को और पुख्ता करता है.
पुलिस की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय सुरक्षा
इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और लगातार प्रयासों के कारण इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश किया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल की मार्गदर्शन में टीम ने दिन-रात एक करके मामले की तह तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की. इसके साथ ही एसडीपीओ ने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन इलाके में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है और आगे भी ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी.
पुलिस की आगे की रणनीति
एसडीपीओ ने बताया कि अब पुलिस की प्राथमिकता है कि इस मामले में किसी भी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता का पता लगाया जाए. वे यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी दोषी बचकर न जाए. इसके अलावा, पुलिस आगामी दिनों में इलाके में गश्त बढ़ाएगी और अपराध की रोकथाम के लिए कई कदम उठाएगी. पुलिस ने यह भी कहा कि अगर किसी के पास इस मामले से संबंधित कोई और जानकारी हो, तो वह पुलिस से संपर्क कर सकता है.
पुलिस प्रशासन की सराहना
एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने प्रेस कांफ्रेंस के अंत में पुलिस प्रशासन की सराहना की और कहा कि इस तरह के मामले में जनता का सहयोग भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग करें.
निष्कर्ष
इस घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर पुलिस प्रशासन पूरी तत्परता और ईमानदारी से काम करता है, तो किसी भी जघन्य अपराध का पर्दाफाश संभव है. औरंगाबाद जिले के पुलिस प्रशासन ने इस मामले में अपनी कार्यक्षमता को साबित किया है. विशेष रूप से एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल के नेतृत्व में जो कार्रवाई की गई, उससे अपराधी सजा के हकदार होंगे.
यह केस यह भी दर्शाता है कि स्थानीय विवादों के चलते हत्या जैसी घटनाएं हो सकती हैं, और पुलिस प्रशासन को ऐसे मामलों में और अधिक सजग और तत्पर रहने की जरूरत है. अपराधियों को पकड़कर ही कानून का राज स्थापित किया जा सकता है, और यह घटनाक्रम एक उदाहरण है कि कैसे पुलिस की मेहनत से अपराध का जल्द ही पर्दाफाश किया जा सकता है.
समाप्त.
-- Report by : अजय कुमार पांडेय.