लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की औरंगाबाद बैठक में विरोध, मुर्दाबाद के नारे

औरंगाबाद में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की बैठक में विरोध हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने मुर्दाबाद के नारे लगाए। यह विरोध चिराग पासवान के 14 दिसंबर को कुटुंबा दौरे और पार्टी में हुए बदलावों को लेकर था।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की औरंगाबाद बैठक में विरोध, मुर्दाबाद के नारे
Protest in Aurangabad meeting of Lok Janshakti Party Ram Vilas

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की बैठक में विरोध प्रदर्शन, मुर्दाबाद के नारे

चिराग पासवान के 14 दिसंबर के दौरे को लेकर कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, औरंगाबाद में पार्टी की स्थिति पर उठे सवाल

औरंगाबाद (बिहार): 07 दिसंबर 2024 को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) द्वारा आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। आई.एम.ए. हॉल में हुई बैठक में मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। इस विरोध के पीछे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के 14 दिसंबर को कुटुंबा प्रखंड के अंबा में प्रस्तावित दौरे और पार्टी में कुछ नेताओं के शामिल होने की प्रक्रिया थी।

पार्टी की ओर से कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष पंकज पासवान को पार्टी में शामिल करने की बात हो रही थी, जो कार्यकर्ताओं के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया। यही वजह रही कि इस बैठक में विरोध प्रदर्शन हुआ।

वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में पंकज पासवान की पत्नी रेणु देवी ने कुटुंबा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधायक पद हासिल किया था। इस क्षेत्र में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की और भी महिला उम्मीदवार कुसुम देवी ने चुनाव लड़ा था, हालांकि वह हार गई थीं। इसके अलावा, 2020 के विधानसभा चुनाव में सरुण पासवान भी लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन वह भी हार गए।

अगले विधानसभा चुनाव 2025 में कुटुंबा क्षेत्र से लोजपा (रामविलास) के दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र पासवान और चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष डॉक्टर रामबिलास पासवान भी चुनावी मैदान में उतरने का विचार कर रहे हैं। यह सभी पार्टी नेता कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र को लेकर आश्वस्त हैं कि यह सीट सुरक्षित है, और यहाँ पर चुनावी विवाद बढ़ सकता है।

हालाँकि, पार्टी के अंदर यह भी सच है कि कुछ नेता और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम नहीं करते हैं। यदि पार्टी के असली कार्यकर्ता होते, तो पिछले लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद और काराकाट लोकसभा क्षेत्रों से एनडीए के प्रत्याशियों की हार और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों की जीत नहीं होती। इन सीटों पर लोजपा (रामविलास) के कार्यकर्ताओं ने अंदरूनी विरोध किया था, जिससे चुनाव का परिणाम प्रभावित हुआ।

अब, लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करना होगा। औरंगाबाद जिले में पार्टी की मजबूती तभी सुनिश्चित हो सकती है जब असली कार्यकर्ताओं की पहचान हो और उनका सम्मान किया जाए।

--अजय कुमार पाण्डेय.