आम आदमी पार्टी और भाजपा में संग्राम की असल वजह
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा के मैदान में सराहनीय काम किया है और यात्रा में महिलाओं के लिए मुफ्त सेवा है। बिजली में 200 यूनिट मुफ्त है। जनता दिल्ली में सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं से खुश है मगर भाजपा वालों ने इसे रेवड़ी का नाम दे दिया है जो अनुचित है। केन्द्र सरकार की पांच किलो राशन कौन सी रेवड़ी कहलाती है। जरूरतमंदों को रेवड़ी तो देनी पड़ेगी ही.
प्रिय पाठको, पूरे देश में राजनीति का जो स्तर गिरा है वह कभी पहले सुनने में नही आया कि किस तरह ढिंढ़ोरा यानि मीडिया में खूब प्रचार किया जाता है कि ऐसा होने वाला है और ऐसा हो भी जाता है। हमारे सामने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, बिहार इसके जीते जागते सबूत हैं। आज दिल्ली की जनता को दिल्ली की सरकार के गिरने का भय दिखाया जा रहा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को ईडी की कैद में कई दिन रहना पड़ा. भाजपा पर दिल्ली सरकार के विधायक खरीदने का आरोप आम आदमी पार्टी लगा रही है। आम आदमी पार्टी के नेतागण यहां तक कह रहे हैं कि उन्हें 20 करोड़ रूपये तक का आॅफर मिला है।
जहां तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिएक्शन का सवाल है वह कहते हैं कि जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने सीबीआई भेजी। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा। केजरीवाल ने कहा, दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा हो रही है। लेकिन यहां हमारे देश में हमारे नेताओं को अच्छा काम करने वाली सरकार को तंग किया जाता है और इसीलिए आज हमारा भारत पीछे है।
मनीष सिसोदिया ने अपनी सफाई में कहा कि मेरे और सत्येन्द्र जैन के ऊपर झूठे आरोप हैं। कोर्ट में सच सामने आकर रहेगा। आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज, विधायक संजीव झा, कुलदीप कुमार, अजय दत्त और सोमनाथ भारती ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उन्हें आम आदमी पार्टी छोड़ने के एवज में 20 करोड़ और विधायक तोड़कर लाने के लिए 25 करोड़ दिए जाएंगे. अगर बात नहीं मानी तो मनीष सिसोदिया की तरह हाल किया जाएगा. फर्जी केस में फंसाया जाएगा.
दिल्ली सरकार पर दारू, लो फ्लोर बसें और अन्य घोटाले को लेकर इन दिनों चर्चा है। कुछ दिन पहले ‘द न्यू बीजेपी’ के लेखक प्रोफेसर नलिन मेहता का एक लेख बीजेपी और आप के बीच डील टाइम्स ऑफ इंडिया में छपा था? क्या 2024 के आम चुनावों को लेकर बीजेपी और आप के बीच पर्दे के पीछे कोई डील हुई है? गुजरात और हिमाचल चुनाव के बाद यह पता लग जाऐगा की आम आदमी पार्टी अभी किस जगह है।
आज पूरा देश गैरजरूरी हालातों से जूझ रहा है. जनता के बीच चर्चाएं और अफवाहें हैं कि आम आदमी पार्टी और भाजपा देश की जनता को भ्रम में डालकर कांग्रेस का सफाया करना चाहती है। गुजरात और हिमाचल में विधान सभा चुनाव नजदीक हैं और ड्रामा सस्पेंस का चल रहा है जो आम जनता को समझ में बिल्कुल नहीं आ सकता और कोई जनता को समझा भी नहीं सकता कि इनकी भलाई किस पार्टी के साथ है।
नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, केसीआर, राहुल गाँधी, स्टालिन, नवीन पटनायक, अखिलेश यादव इत्यादि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए क्या रणनीति बना रहे हैं और आम आदमी पार्टी को कैसे लेते हैं। कहां तक ये नेता आपस में एकता बनाए रख सकते हैं यह विषय देखने और चर्चा का है।
भाजपा सरकार के कार्य, समस्याओं और मुद्दों पर केन्द्र सरकार को चुनौती दी जा सकती है मगर जहां तक लीडरशीप का सवाल उस पर विपक्ष कमजोर है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा के मैदान में सराहनीय काम किया है और यात्रा में महिलाओं के लिए मुफ्त सेवा है। बिजली में 200 यूनिट मुफ्त है। जनता दिल्ली में सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं से खुश है मगर भाजपा वालों ने इसे रेवड़ी का नाम दे दिया है जो अनुचित है। केन्द्र सरकार की पांच किलो राशन कौन सी रेवड़ी कहलाती है। जरूरतमंदों को रेवड़ी तो देनी पड़ेगी ही.
द्वेष की राजनीति जो आज हो रही है वह देश के अनुचित है और जो अनुचित हो रहा है वह देश देख रहा है। कब तक देश की जनता मूक दर्शक बनी रहेगी? कब आऐगा रामराज? कब आऐंगे अच्छे दिन?
-मोहम्मद इस्माइल, एडीटर