बांग्लादेश में वकील की हत्या से तनाव, आज भी हड़ताल
बांग्लादेश के चटगांव में हिंदू तंत्र के संत चिन्मय कृष्ण दास ब्राह्मण आचार्य की गिरफ्तारी के दौरान एक वकील की हत्या हो गई. इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव फैला दिया है.
बांग्लादेश के चटगांव में हिंदू तंत्र के संत चिन्मय कृष्ण दास ब्राह्मण आचार्य की गिरफ्तारी के दौरान एक वकील की हत्या हो गई. इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव फैला दिया है. बुधवार को दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश के वकीलों ने हड़ताल का ऐलान किया, और गुरुवार को भी वकील अपनी हड़ताल जारी रखने के लिए तैयार हो गए. यह हत्या अब सवालों के घेरे में है, और लोग जानना चाहते हैं कि वकील की हत्या किसने की.
हत्या के पीछे कौन?
वकील की हत्या के मामले में अब तक कोई साफ़ जानकारी नहीं आई है. संत चिन्मय कृष्ण दास और उनके समर्थकों ने इस हत्या में किसी भी प्रकार की भूमिका से इनकार किया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. चटगांव जिला बार संगठन ने इस हत्या के लिए पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि दिनदहाड़े हुई इस हत्या में पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया और वकील की जान बचाने के लिए कुछ नहीं किया. अब वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और सरकार से ठोस कदम की मांग कर रहे हैं.
पुलिस की गिरफ्तारी
इस घटना के बाद पुलिस ने वकील सैफुल इस्लाम की हत्या और सुरक्षा कर्मियों पर हमले के आरोप में 30 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह घटना उस वक्त हुई जब संत चिन्मय कृष्ण दास को अदालत में पेशी के बाद वापस ले जाया जा रहा था. इस दौरान पुलिस और वकील तथा संत के समर्थकों के बीच झड़प हो गई. पुलिस का आरोप है कि इस झड़प में संत के समर्थकों का हाथ था और उन्हीं की वजह से वकील की हत्या हुई.
सरकारी प्रतिक्रिया
बांग्लादेश सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और आरोप लगाया है कि इस हत्या में संत चिन्मय कृष्ण दास के समर्थक शामिल थे. सरकार का कहना है कि मामले की पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी और कोई भी दोषी नहीं छोड़ा जाएगा.
बांग्लादेश के सूचना और प्रशासन मंत्रालय के सलाहकार नाहिद इस्लाम ने बीबीसी से बातचीत करते हुए भारत के बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भारत का बयान इस घटना को और बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है. उनका मानना है कि भारत को अपने देश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, न कि बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए. नाहिद इस्लाम ने भारत से अपील की कि वह जिम्मेदारी से पेश आए और झूठे प्रचार से बचें.
भारत का प्रतिक्रिया
भारत ने इस घटना पर अपनी चिंता जाहिर की थी और कहा था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर रोक लगाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. भारत ने बांग्लादेश से अपील की थी कि वह अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. वहीं, बांग्लादेश सरकार ने भारत के बयान को नकारते हुए कहा कि भारत को अपनी चिंता अपने देश की स्थिति को लेकर करनी चाहिए, न कि दूसरे देशों के मामलों में दखल देना चाहिए.
संघर्ष की तीव्रता
चटगांव में हुई इस हत्या के बाद से स्थानीय वकील समुदाय में गहरी नाराजगी है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में पूरी तरह से विफलता दिखाई है. उनका कहना है कि अगर पुलिस सही समय पर सक्रिय होती, तो शायद यह हत्या नहीं होती. इसके अलावा, स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों का कहना है कि बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा और तनाव लगातार बढ़ रहा है, और अब सरकार को इस पर कड़ा कदम उठाना चाहिए.
परिणाम
बांग्लादेश में इस समय जो तनाव और हिंसा की स्थिति है, वह न केवल वकील समुदाय तक सीमित है, बल्कि पूरे देश में महसूस की जा रही है. वकीलों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं. यह घटना एक संकेत है कि बांग्लादेश में धार्मिक तनाव और हिंसा का स्तर बढ़ता जा रहा है, और इससे निपटने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है.
भारत और बांग्लादेश के बीच इस मामले को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. बांग्लादेश सरकार ने भारत के बयान को नकारते हुए कहा कि भारत को अपनी स्थिति को सुधारना चाहिए और बांग्लादेश में आंतरिक मामलों में दखल देने से बचना चाहिए. वहीं, भारत ने बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की है.
--शहाबुद्दीन अंसारी.