अंकोरहा रेलवे स्टेशन: जनसमस्याओं का समाधान और ओवरब्रिज की आवश्यकता
अंकोरहा रेलवे स्टेशन पर समपार फाटकों की वजह से आम जनता को हो रही परेशानियों और ओवरब्रिज के निर्माण की मांग पर विस्तृत रिपोर्ट। यहां के निवासियों ने रेलवे विभाग से महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की भी अपील की है।
बिहार के औरंगाबाद जिले के अंतर्गत स्थित अंकोरहा रेलवे स्टेशन, जो नवीनगर प्रखंड के समीप पड़ता है, हमेशा से ही स्थानीय जनता के लिए कई समस्याओं का कारण बना रहा है. इस स्टेशन के पास स्थित दो समपार फाटक (रेलवे गुमटी) और यातायात की व्यस्तता, खासकर रेलवे ट्रेनों के आवागमन के कारण लोगों को न सिर्फ समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता है, बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी उत्पन्न होती हैं. इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय जनता ने ओवरब्रिज (उपरी पुल) बनाने की मांग उठाई है ताकि आम जनता को राहत मिल सके. https://bitli.in/2399fug
सम्पार फाटकों के कारण होने वाली परेशानियां:
अंकोरहा रेलवे स्टेशन के दक्षिण दिशा में दो समपार फाटक स्थित हैं. इन फाटकों की वजह से जब भी रेलवे ट्रेनों का आवागमन होता है, तो यह मार्ग बंद हो जाता है. ऐसे में स्थानीय लोग और यात्री घंटों तक रास्ते में फंसे रहते हैं. इनमें से एक समपार फाटक तो अक्सर बंद ही रहता है, जिससे स्थिति और भी विकट हो जाती है. औरंगाबाद जिले का प्रसिद्ध बारुण - नबीनगर एनटीपीसी मुख्य पथ, जो मझियाव गांव के पास से होकर अंकोरहा रेलवे स्टेशन की ओर जाता है, इस फाटक के बंद होने के कारण प्रभावित होता है.
यह समस्या तब और अधिक गंभीर हो जाती है जब मालगाड़ियां, जो नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन को कोयला आपूर्ति करती हैं, इस रास्ते से गुजरती हैं. इसके अलावा, अंकोरहा रेलवे स्टेशन की रेलवे लाइन न सिर्फ बिहार, बल्कि झारखंड और उड़ीसा जैसे राज्यों से भी जुड़ी हुई है. यह मार्ग गढ़वा रोड से होते हुए कई राज्यों को जोड़ता है, जिससे रेलवे ट्रेनों की अत्यधिक संख्या यहां से गुजरती है.
सुरक्षा और यातायात में रुकावटें:
अंकोरहा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित समपार फाटक के बंद होने से, न केवल यातायात में रुकावट आती है, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक बड़ी चिंता का विषय है. जब रेलवे गुमटी बंद होती है, तो लोग बिना सोचे-समझे रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश करते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है. कई बार तो यह गुमटी लंबे समय तक बंद रहती है, और इस दौरान वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
ओवरब्रिज बनाने की मांग:
यहां की जनता ने लंबे समय से इस समस्या के समाधान के लिए ओवरब्रिज (उपरी पुल) बनाने की मांग उठाई है. ओवरब्रिज के निर्माण से न केवल यातायात की समस्या का समाधान होगा, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह एक बेहतर कदम होगा. जब ओवरब्रिज बनेगा, तो यात्री बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. साथ ही, रेलवे गुमटी के बंद होने से उत्पन्न होने वाली समस्याएं भी समाप्त हो जाएंगी.
महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होना:
अंकोरहा रेलवे स्टेशन की समस्या सिर्फ समपार फाटकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां से गुजरने वाली महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की कमी भी एक बड़ा मुद्दा है. कोरोनाकाल के दौरान, रेलवे विभाग ने कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों, जैसे रांची-वाराणसी, वाराणसी-संबलपुर, रांची-अजमेर इंटरसिटी एक्सप्रेस, और पटना जंक्शन से डेहरी ऑन सोन होते हुए गढ़वा रोड तक चलने वाली पलामू एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव अंकोरहा रेलवे स्टेशन पर बंद कर दिया था. इसके बाद से क्षेत्रीय यात्रियों को लंबी दूरी के सफर करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इस समय, जब नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण उद्योग यहां स्थित हैं और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी हैं, तब अंकोरहा रेलवे स्टेशन पर इन एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव पुनः शुरू किए जाने की जरूरत है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इन ट्रेनों के ठहराव से न सिर्फ यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास के लिए भी लाभकारी होगा.
नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन और आर्थिक महत्व:
अंकोरहा रेलवे स्टेशन के पास स्थित नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन, जो भारत का एक प्रमुख विद्युत उत्पादन केंद्र है, भी इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है. यहां से उत्पादित बिजली कई राज्यों में आपूर्ति की जाती है. इस पावर स्टेशन के नजदीक होने के कारण, यहां के गांवों के लोग विभिन्न राज्यों में यात्रा करने के लिए अंकोरहा रेलवे स्टेशन का प्रयोग करते थे. लेकिन ट्रेनों के ठहराव बंद होने के कारण, इन लोगों को अब अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
रेलवे विभाग से उम्मीदें:
क्षेत्रीय जनता और यात्री संगठन अब रेलवे विभाग से यह उम्मीद कर रहे हैं कि वे अंकोरहा रेलवे स्टेशन पर सभी महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू करें. यह कदम न केवल यात्रियों की समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि यह अंकोरहा स्टेशन के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा. स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को लेकर रेलवे विभाग से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
निष्कर्ष:
अंकोरहा रेलवे स्टेशन की समस्याएं, जैसे समपार फाटकों के कारण यातायात में रुकावट और महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव न होना, स्थानीय जनता के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं. ओवरब्रिज के निर्माण और ट्रेनों के ठहराव की पुनः शुरुआत से यह समस्याएं हल हो सकती हैं. स्थानीय लोगों की उम्मीद है कि सरकार और रेलवे विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द समाधान देंगे, ताकि अंकोरहा क्षेत्र की जनता को राहत मिल सके और यहां के लोग सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा कर सकें.
-- अजय कुमार पाण्डेय