बांग्लादेश की जेल से 500 कैदी फरार, हालात हुये बेकाबू

बांग्लादेश की जेल से 500 कैदी फरार, हालात हुये बेकाबू
500 prisoners escaped from Bangladesh jail

नई दिल्ली:  बांग्लादेश की पीएम शेख़ हसीना के देश छोड़ कर चले जाने पर वहां के हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं. अब खबर आ रही है कि बांग्लादेश एक जेल से 500 कैदी फरार हो गए हैं. हथियारबंद लोगों ने जेल में आग लगा दी. भीषण आगजनी और हिंसा के बीच खबर आ रही है. इस बीच सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को तोड़ते हुए भी देखे गए हैं.

बांग्लादेश से सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर उसे तोड़ते हुए नजर आ रहे थे. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो चुके हैं कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को बुलडोजर से तोड़ दिया. देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार कर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लॉन्ग मार्च के लिए ढाका के शाहबाग चौराहे पर इकट्ठा हुए थे. इससे पहले रविवार को हुई हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

बांग्लादेश में ताजा हिंसा 5 अगस्त को शुरू हुई. सुबह-सुबह बंग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार करते हुए प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं. प्रदर्शन ने इतना उग्र रूप ले लिया कि पुलिस और छात्रों के बीच भी हिंसा भड़क उठी.

सुरक्षा बलों ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और स्टन ग्रेनेड दागे. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि वो पीएम हाउस के भीतर घुस गए और सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया.

हिंसा के बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने प्रेस कान्फ्रेंस कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आपकी मांगें हम पूरी करेंगे. तोड़ फोड़ से दूर रहिये. आप लोग हमारे साथ चलेंगे तो हम स्थिति बदल देंगे. मारपीट अराजकता संघर्ष से दूर रहिए. हमने आज सभी पार्टी नेताओं से बात की है.’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में सेना अंतरिम सरकार बनाएगी.

बता दें, शेख हसीना सरकार ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी, इसकी छात्र शाखा और इससे जुड़े अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह कदम बांग्लादेश में कई सप्ताह तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद उठाया गया था. कहा जा रहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के बाद ये संगठन शेख हसीना सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.

Source : jansatta