मंडल कारा औरंगाबाद में बंद सजापता कैदी की हुई मौत पर उठे सवाल
A former BJP MP, Sushil Kumar Singh, demands a high-level inquiry into the suspicious death of convicted prisoner Ranjit Singh at Mandal Kara, Aurangabad. Allegations of medical negligence by jail authorities have sparked public outcry.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने मंडल - कारा, औरंगाबाद में बंद सजायाफ्ता कैदी सदर प्रखंड अंतर्गत जम्होर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी रंजीत सिंह की हुई मौत की खबर सुनकर देर रात सदर - अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मुलाकात किया! पूर्व सांसद ने कहा कि रंजीत सिंह वर्ष 2018 से जेल में बंद थे! गुरुवार को अचानक जेल में उनकी तबियत बिगड़ गई! जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा उन्हें सदर - अस्पताल भेजा गया! लेकिन अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही उनकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने ईलाज नहीं कराने का आरोप लगाया है.
परिजनों ने पूर्व सांसद से कहा कि उनकी तबीयत खराब थी, परंतु जेल प्रबंधन द्वारा उनका इलाज नहीं कराया गया. देर शाम परिजनो को मोबाइल पर जेल प्रशासन द्वारा फोन पर सूचना दी गई, कि रंजीत सिंह का तबियत खराब है! आप सदर - अस्पताल आइए! इनको सदर - अस्पताल में इलाज के लिए लाया जा रहा है, और जब परिजन सदर - अस्पताल पहुंचे! तब वहां देखे की रंजीत सिंह को जेल से ही मृत लाया गया था! परिजन ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, और काफी आक्रोशित भी दिखे.
पूर्व सांसद ने इस घटना को लेकर देर रात जिला पदाधिकारी तथा पुलिस - अधीक्षक से फोर पर बात कर सभी बातों से अवगत कराया, और इस घटना की उच्चस्तरीय जांच तथा जेल प्रशासन पर ईलाज में लापरवाही बरतने का आरोप को लेकर एफ.आई.आर. करने का भी मांग किया है, और शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड गठित कर डॉक्टर की टीम बनाकर एवं वीडियो रिकॉर्डिंग करवाकर पोस्टमार्टम कराने हेतु भी मांग किया है. पूर्व सांसद ने कहा कि हत्या के मामले में उक्त कैदी को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. कैदी ने सीने में दर्द होने की शिकायत की थी. इस मौके पर सदर - अस्पताल में जिला महामंत्री अधिवक्ता, मुकेश सिंह, जिला मीडिया प्रभारी, मितेंद्र कुमार सिंह, पैक्स - अध्यक्ष, गुंजन सिंह, पूर्व पैक्स - अध्यक्ष, अरविंद सिंह एवं सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण तथा मृतक के परिजन लोग भी मौजूद थे.