राजद प्रत्याशी बनकर पहली बार औरंगाबाद पहुंचे अभय कुशवाहा ने रचा इतिहास
काराकाट लोकसभा क्षेत्र से भी इस बार महागठबंधन की ओर से समर्थित माले प्रत्याशी एवं ओबरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व माले विधायक, राजाराम सिंह ने भी काराकाट लोकसभा क्षेत्र में तोड़ा रिकार्ड
काफी लंबे समय से दो घरानों के बीच चल रही राजनीति का तोड़ दिया रिकार्ड
औरंगाबाद: (बिहार) गौरतलब हो कि इस बार औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र एवं काराकाट लोकसभा क्षेत्र यानी दोनों लोकसभा क्षेत्र में जो चुनाव संपन्न होने के बाद परिणाम सामने आए. वास्तव में सबको चौंका दिया. हालांकि इस बार जैसे ही लोकसभा चुनाव तिथि की घोषणा हुई थी. घोषणा पश्चात दोनों लोकसभा क्षेत्रों में जब महागठबंधन समर्थित प्रत्याशियों की भी घोषणा हुई.
तब वैसे ही दोनों लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं में आवाज निकलनी शुरू हो गई थी, कि इस बार औरंगाबाद लोकसभा सीट से टिकारी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जनता दल यूनाइटेड विधायक, पूर्व युवा प्रदेश अध्यक्ष जदयू एवं वर्तमान औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित प्रत्याशी, अभय कुशवाहा तथा काराकाट लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित माले प्रत्याशी, राजाराम सिंह को चुनाव जीतना तय हो गया है, क्योंकि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं का कहना था, कि निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह से काफ़ी लोगों की व्यक्तिगत नाराजगी है, और एन.डी.ए. के अंदर ही रहकर कई लोग चाह रहे हैं, कि निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह को चुनाव हराना जरूरी है.
इसके अलावे एन.डी.ए. के ही कई नेताओं का कहना था, कि विगत संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव - 2020 में निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने ही औरंगाबाद जिले में सभी 06 विधानसभा क्षेत्रों के अंदर खड़े एन.डी.ए. प्रत्याशियों का विरोध कर चुनाव हरवा दिया था.
इसलिए इस बार हम लोग भी औरंगाबाद लोकसभा सीट से निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह को किसी भी कीमत पर चुनाव नहीं जितने देगें. जैसे कि सदर औरंगाबाद के पूर्व भाजपा विधायक एवं बिहार - सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री, रामाधार सिंह ने तो खुलेआम ही विरोध करते हुए मीडिया में भी बयान दिया था, कि हमको भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने चुनाव हराया है. इसलिए हम भी चुनाव निश्चित हरवाएंगे, और पूरे चुनाव के दौरान बिहार - सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री जिला मुख्यालय औरंगाबाद में ही डेरा डालकर पड़े रहे. साथ ही पूर्व मंत्री के समर्थक भी निवर्तमान भाजपा सांसद को चुनाव हराने के लिए दिन - रात लगे रहे, और राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी, अभय कुशवाहा को चुनाव जिताने में जमकर मदद भी किया. ज्ञात हो कि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में जब से चुनाव प्रारंभ हुआ है.
तब से पोईवॉ गांव निवासी एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, सत्येंद्र नारायण सिन्हा तथा भोजपुर जिला अंतर्गत बड़का गांव निवासी व लंबी समय से औरंगाबाद निवासी, सुशील कुमार सिंह दोनो घरानों के बीच ही सांसद बनते रहे. दोनों घराना एक दूसरे के हमेशा प्रतिद्वंदी ही बने रहे हैं, क्योंकि पोईवॉ निवासी सत्येंद्र नारायण सिन्हा के परिवार शुरु से ही कांग्रेस समर्थक रहे, तो वहीं निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह के परिवार समता पार्टी से जदयू पार्टी बनी एवं 10 वर्षों से भाजपा मे शामिल होकर भाजपा के ही समर्थक बने हुए हैं.
ज्ञात हो कि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में पहली बार सन 1950 में पोईवॉ गांव निवासी, बिहार विभूति डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह के पुत्र एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, सत्येंद्र नारायण सिन्हा सांसद बने. फिर जब सन 1952 में लोकसभा का चुनाव हुआ.
तब भी स्वर्गीय सत्येंद्र नारायण सिन्हा ही सांसद बने. फिर लगातार जब सन 1957, 1971, 1977, 1980, 1984 में भी औरंगाबाद लोकसभा सीट का चुनाव हुआ. तब कांग्रेस पार्टी के सीट पर ही चुनाव लड़कर स्वर्गीय सत्येंद्र नारायण सिन्हा लगातार सांसद बनते रहे. इसके बाद जब सन 1989 में लोकसभा का चुनाव हुआ, तो उस वक्त पूरे भारतवर्ष में प्रधानमंत्री, स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह की लहर थी. तब उसी वक्त निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह के पिता - स्वर्गीय रामनरेश सिंह उर्फ लूटन बाबू ने जनता दल के सीट पर चुनाव लड़कर पहली बार औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद बने थे.
इसके बाद जब प्रधानमंत्री, विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार गिर गई थी. तब फिर जब सन 1991 में चुनाव हुआ था. तब दुबारा भी जनता दल के सीट पर ही चुनाव लड़कर स्वर्गीय रामनरेश सिंह उर्फ लूटन बाबू औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद बने थे. जो सन 1989 से पूर्व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, सत्येंद्र नारायण सिन्हा के काफ़ी करीबी भी माने जाते थे. लेकिन सन 1989 मे लूटन बाबू ने पूर्व मुख्यमंत्री से बागी होकर चुनाव लड़कर सांसद बने थे. इसके बाद सन 1996 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ था.
तब जनता दल यूनाइटेड के सीट पर ही चुनाव लड़कर नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के सन 2010 एवं 2015 में दोनों बार लगातार विधायक बने विरेंद्र कुमार सिंह ने चुनाव लड़कर सांसद बना था. जो सन 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से ही पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने थे. लेकिन एक वर्ष के अंदर ही जब लोकसभा का चुनाव हुआ था.
तब उसमें बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन राज्य मंत्री एवं कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के सन 1995 से 2005 तक दोनों बार लगातार विधायक रह चुके डॉक्टर सुरेश पासवान ने भी भरपूर मदद किया था, और यहां तक की राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों, लालू प्रसाद यादव को कहकर नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह को टिकट दिलवाया था, और चुनाव में प्रत्येक दिन साथ घूमकर मदद भी किया था. तभी नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक, विरेंद्र कुमार सिंह ने कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय सत्येंद्र नारायण सिन्हा को चुनाव हराकर औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद बन गए थे. वर्ना संभव नहीं था.
इसके बाद सन 1998 में समता पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़कर निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह प्रथम बार औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद बने. फिर सन 1999 में कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़कर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, सत्येंद्र नारायण सिन्हा के पूत्र वधु एवं पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर रह चुके तथा नागालैंड व केरल दोनों राज्यों के महामहिम (राज्यपाल) रह चुके निखिल कुमार की पत्नी श्यामा सिंह औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की सांसद बनी थी. उसी वक्त निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह जब चुनाव के दिन ही औरंगाबाद का चर्चित सचिदानंद सिन्हा महाविधालय बूथ पर गए हुए थे.
तब सांसद बनी श्यामा सिंह के समर्थक ने निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह पर हमला बोल कर सर फाड़ दिया था. जिसके कारण औरंगाबाद की राजनीति काफी गरमा गई थी. निवर्तमान भाजपा सांसद के समर्थक भी काफ़ी उत्तेजित हो गए थे. उस दिन जब चुनाव समाप्त हुआ. तब संध्या के वक्त संवाददाता ने देखा था कि सांसद, सुशील कुमार सिंह के जिला मुख्यालय स्थित आवास पर हजारों - हज़ार की संख्या में समर्थक जमा हो गए थे. तब सांसद, सुशील कुमार सिंह अपने घर से कैंपस में निकले, और एक हाथ मे छोटा माइक लेकर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था, कि मैं अभी बिल्कुल ठीक हूं. आप लोग चिंता ना करें. आज मेरे साथ जो भी घटना घटी है. उसमें श्यामा सिंह की ही देन है, क्योंकि उस वक्त श्यामा सिंह भी वहीं पर मौजूद थी, और मेरे ऊपर हमला कराया गया है. लेकिन मैं अभी बिल्कुल ठीक हूं, परंतु आज हम लोगों के काफी पार्टी समर्थकों को प्रशासन द्वारा गिरफ्तार भी कर लिया गया है. जिन्हें नगर थाना औरंगाबाद में रखा गया है. इसलिए उन लोगों को भी छुड़ाना बहुत जरूरी है.
अतः आप लोगों से अनुरोध है कि उन लोगों को छुड़ाने के लिए सभी लोग नगर थाना पर पहुंचे. मैं भी चल रहा हूं. तब उस वक्त सांसद, सुशील कुमार सिंह के साथ लगभग 10,000 संख्या से अधिक समर्थक नगर थाना की ओर जिला प्रशासन / पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गिरफ्तार किए गए लोगों को छुड़ाने के लिए चल पड़े थे. नतीजा हुआ कि जैसे ही सांसद, सुशील कुमार सिंह के समर्थक धर्मशाला मोड पर पहुंचे थे. तब उत्तेजित समर्थकों ने उस वक्त औरंगाबाद शहर के पुरानी जी.टी. रोड पर सड़क बनाने हेतु गिराए गए पत्थर से अंधाधुंध प्रहार करने लगे थे.
इतना ही नहीं उत्तेजित समर्थक इतना उग्र हो गए थे, कि जो सरकारी कर्मचारी / शिक्षक या पुलिस - प्रशासन के लोग भी चुनाव संपन्न कराकर बैलेट बॉक्स जमा कराने हेतू चर्चित सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय वज्रगृह में जीप या ट्रैक्टर से जा रहे थे. उन पर भी अंधाधुंध पथराव शुरू कर दिया था. जिसके कारण चुनाव कर्मियों को काफी गंभीर चोटे लगी थी, और कई लोगों ने काफी कराहते हुए अपना इलाज भी कराया था. साथ ही उत्तेजित समर्थको ने नगर थाना पहुंचने के पश्चात् थाना स्टाफ पर भी अंधाधुंध पथराव शुरू कर दिया था. तब थाना स्टाफ ने भी अपने कैंपस में ही रहकर आत्म रक्षार्थ अंधाधुंध ईंट - पत्थर चलाई थी, और उस वक्त सांसद, सुशील कुमार सिंह का वाहन इतना तेज गति से थाना कैंपस में प्रवेश किया था, कि देखते ही बन रही थी, क्योंकि उस वक्त सांसद, सुशील कुमार सिंह के पहली बार टाटा सफारी गाड़ी का शीशा सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय के पास ही कांग्रेस सांसद बनी श्यामा सिंह के समर्थको ने फोड़ दिया था, और जब संध्या पश्चात सांसद, सुशील कुमार सिंह अपने गिरफ्तार समर्थको को छुडाने के उद्देश्य से नगर थाना पहुंचे थे.
तब उस वक्त भी सांसद, सुशील कुमार सिंह के दूसरे वाहन का शीशा अंधाधुध पथराव होने के कारण फूट चुका था. तब उस वक्त मौजूद औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर थानाध्यक्ष को दूरभाष पर कहा था कि सांसद, सुशील कुमार सिंह के जितने भी समर्थकों को चुनाव मामले में गिरफ्तार किया गया है. उनको छोड़ दिया जाए. वर्ना माहौल काफ़ी बिगड़ सकता है. तब जाकर औरंगाबाद में माहौल शांत हुआ था. इसके बाद सन 2004 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ.
तब कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़कर सांसद बनी श्यामा सिंह के पति एवं दिल्ली पुलिस कमिश्नर रह चुके निखिल कुमार ही सांसद बन गए थे. जो 2009 लोकसभा चुनाव से पूर्व तक औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहे. लेकिन जब सन 2009 में लोकसभा का चुनाव हुआ था. तब उस वक्त बिहार में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों, लालू प्रसाद यादव ने अपने पार्टी का गठबंधन कांग्रेस से तोड़ दिया था. नतीजा कि औरंगाबाद के पूर्व सांसद, निखिल कुमार चुनाव हार गए थे. उस वक्त सन 2009 में ही राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो, लालू प्रसाद यादव ने भी औरंगाबाद लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी के रूप में डॉक्टर शकील अहमद को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया था. तब उसी वक्त राजद प्रत्याशी, डॉक्टर शकील अहमद के समर्थन में जनसभा करने के लिए भारतीय फिल्म के चर्चित अभिनेता संजय दत्त एवं चर्चित अमर सिंह भी गांधी मैदान औरंगाबाद आए थे, और फिल्म अभिनेता संजय दत्त ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, कि यदि आप लोग राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी, डॉक्टर शकील अहमद को चुनाव जीता देंगे, तो मैं दुबारा औरंगाबाद आकर आप लोगों के साथ खाना भी खाऊंगा. लेकिन उस वक्त राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी, डॉक्टर शकील अहमद चुनाव हार गए थे, और फिल्म अभिनेता संजय दत्त ने जो औरंगाबाद जिला वासियों के साथ कमिटमेंट किया था. वो भी सपना बनकर ही रह गया था. उस वक्त भी सन 2009 में जनता दल यूनाइटेड के सीट पर चुनाव लड़कर निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ही औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के विजेता बने थे. ज्ञात हो कि सन 2009 से पोईवॉ गांव निवासी एवं कांग्रेस उम्मीदवार निखिल कुमार दुबारा कभी भी औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से आज तक सांसद नहीं बन पाए हैं, क्योंकि सन 2014 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ था.
तब उस वक्त औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व समता पार्टी एवं पूर्व जदयू सांसद रह चुके सुशील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था, और भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री एवं निवर्तमान रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह का आशीर्वाद प्राप्त कर औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बन गए थे, और जनता के आशीर्वाद से चुनाव भी जीत गए थे. फिर जब सन 2019 लोकसभा का चुनाव हुआ था. तब उस वक्त भी दोबारा भारतीय जनता पार्टी ने सांसद, सुशील कुमार सिंह पर ही भरोसा जताते हुए औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बना दिया था.
इसके बाद पुनः चुनाव जीत गए थे. लेकिन जब इस बार सन 2024 में लोकसभा चुनाव हुआ. तब निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह को भाजपा ने नामांकन तिथि समाप्त होने के मात्र दो दिन पूर्व यानी कि 26 मार्च 2024 को अपने पार्टी का प्रत्याशी बनाकर औरंगाबाद भेजा था. 26 मार्च 2024 की रात्रि निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह अपने पार्टी का टिकट लेकर गया एयरपोर्ट से औरंगाबाद आए थे. इसके बाद इनके उत्साहित समर्थकों ने धर्मशाला मोड पर जमकर जिंदाबाद के नारे भी लगाए थे, और निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने धर्मशाला मोड़ स्थित हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर तथा गणेश मंदिर में भी पूजा - अर्चना करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया था, और मंदिर में मौजूद ब्राह्मण को दक्षिणा भी दिया था, तथा दूसरे ही दिन समाहरणालय पहुंचकर अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था.
इसके बाद मौके पर मौजूद उपस्थित मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भी कहा था, कि मैं कोई अपरिचित व्यक्ति नहीं हूं. मैने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के लिए हमेशा जो ईमानदारी पूर्वक कार्य किया है. उसका आशीर्वाद मुझे जनता अवश्य देगी.
तत्पश्चात अनुग्रह इंटर महाविद्यालय के प्रांगण में एक जनसभा का आयोजन भी किया गया था. जिसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, जीतनराम मांझी, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं हम पार्टी (सेक्युलर) के टिकारी विधायक डॉक्टर अनिल कुमार उर्फ अनिल शर्मा, बिहार सरकार मंत्री, संतोष कुमार सिंह, स्नातक शिक्षक पद के विधान पार्षद, जीवन कुमार, वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक, ओबरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व राजद विधायक एवं डेहरी ऑन सोन के पूर्व भाजपा विधायक इंजिनियर सत्यनारायण यादव, नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक एवं औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद, विरेंद्र कुमार सिंह, लोजपा (रामविलास) के औरंगाबाद जिला प्रभारी मंत्री, राकेश कुमार सिंह उर्फ गबरू सिंह, लोजपा (रामविलास) के औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, चंद्र भूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह, लोजपा (रामविलास) प्रदेश महासचिव एवं रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, मनोज कुमार सिंह, भाजपा जिला कोषाध्यक्ष, आलोक कुमार सिंह, बेरी पंचायत मुखिया, रीता देवी के प्रतिनिधि एवं पूर्व जिला परिषद् सदस्य, प्रफुल्ल कुमार सिंह सहित एन.डी.ए. गठबंधन के कई गणमान्य लोगों ने भी भाग लेकर जनसभा को संबोधित किया था.
ज्ञात हो कि जब सन 2014 में कांग्रेस के सीट पर ही चर्चित कांग्रेस उम्मीदवार निखिल कुमार चुनाव लड़े थे, तो निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह से ही चुनाव हार गए थे. उसी वक्त जनता दल यूनाइटेड मुखिया, नीतीश कुमार ने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में पहली बार कुशवाहा जाति से बागी वर्मा को उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया था. लेकिन चुनाव में जदयू उम्मीदवार को सफलता नहीं मिली थी, और चुनाव हार गए थे. इसके बाद जब सन 2019 में लोकसभा का चुनाव हुआ.
तब उस वक्त महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, जीतनराम मांझी ने कांग्रेस के प्रबल दावेदार उम्मीदवार निखिल कुमार को साइड कराकर अपने पार्टी के नाम पर ही डॉक्टर उपेंद्र प्रसाद को टिकट देकर औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार दिया था. जो 08 दिन पूर्व तक गया जिला मे जदयू पार्टी के ही विधान पार्षद थे. लेकिन अपने निजी स्वार्थ में ही डॉक्टर उपेंद्र प्रसाद ने मात्र 08 दिन पूर्व जनता दल यूनाइटेड की पार्टी से रिजाइन मारकर और हम पार्टी (सेक्युलर) से टिकट लेकर औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए आ गए थे. जिन्हें जनता ने चुनाव हरा दिया था, और निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह को ही जनता ने अपना आशीर्वाद देकर सांसद बना दिया था. ध्यातव्य हो कि जब सन 2019 में लोकसभा का चुनाव खत्म हो गया था.
तब हम पार्टी (सेक्युलर) के प्रत्याशी बने डॉक्टर उपेंद्र प्रसाद ने चुनाव हारने के बाद राष्ट्रीय जनता दल पार्टी में अपना नाम दर्ज करा लिया था. इसके बाद जब सन 2024 में भी लोकसभा चुनाव का समय आया. तब राष्ट्रीय जनता दल में पहले से नाम दर्ज करा चुके डॉक्टर उपेंद्र प्रसाद (कुशवाहा जाति से) एवं कांग्रेस के प्रबल दावेदार निखिल कुमार (राजपूत जाति से) यानी दोनों व्यक्ति ने औरंगाबाद लोकसभा सीट पर ही दावेदारी करने लगे. लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी एवं राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों, लालू प्रसाद यादव ने दावेदार दोनो प्रत्याशियों को साइड करके अपने ही पार्टी से टिकारी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जनता दल यूनाइटेड विधायक अभय कुशवाहा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया.
तब डॉक्टर उपेंद्र प्रसाद ने फिर पाला बदलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया. इसके बावजूद भी प्रथम बार औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से राजद के सीट पर चुनाव मैदान में उतरे हुए अभय कुशवाहा ने राजपूत बहुल (चितौड़गढ़ के नाम से प्रसिद्ध जिला औरंगाबाद) क्षेत्र में पूर्व सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 79,111 मतों से निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह को चुनाव हरा दिया. जिसकी पुष्टि मतगणना पश्चात् उपस्थित मीडिया कर्मियों के समक्ष जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री ने पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना गौतम मेश्राम, वरीय उप समाहर्ता एवं जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी, श्वेता प्रियदर्शी, वरीय उप समाहर्ता, रत्ना प्रियदर्शिनी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, संतन कुमार सिंह, उप निर्वाचन पदाधिकारी, मोहम्मद गजाली सहित मौके पर मौजूद समस्त पदाधिकारियों के सामने किया. जो इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो ही गया.
-अजय कुमार पाण्डेय