शिक्षकों को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा - जीवन कुमार
अजय कुमार पाण्डेय
जहानाबाद: (बिहार) आंदोलन की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बुधवार दिनांक - 31 मई 2023 को नौवें दिन अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के विरुद्ध नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग के समर्थन में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ जहानाबाद के बैनर तले माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्षों द्वारा आज भी समाहरणालय जहानाबाद के समक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ जहानाबाद के अध्यक्ष, बैधनाथ शर्मा की अध्यक्षता में धरना का आयोजन जारी रहा. इस धरना स्थल पर एकाएक पहुंचे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के नव निर्वाचित प्रतिनिधि, जीवन कुमार ने चिलचिलाती धूप में भी शिक्षकों की चटानी एकता एवं उनके संकल्प को देखकर हतप्रभ रह गये. इसके बाद उन्होंने बेबाकी से कहा कि सरकार शिक्षकों के साथ नाइंसाफी कर रही है.
सरकार के आलाधिकारी जहां वातानुकूलित कमरों में बैठकर शासन / प्रशासन चला रहे हैं. वहीं राष्ट्र के निर्माता शिक्षक जेठ की इस चिलचिलाती हुई दोपहरी में राष्ट्र निर्माण हेतु पसीना बहाने वाले शिक्षक आज अपने हक की लड़ाई के लिए अपना खून जला रहे हैं. हम शिक्षकों की इस लड़ाई में सदन से लेकर सड़क तक इनका साथ देंगे. बदले में चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े.
हम इस धरना के माध्यम से सरकार को आगाह करने आए हैं. वह अपनी दमनकारी नीति की जगह शिक्षकों के साथ संवेदनशील रवैया अख्तियार करें, और उनका मान सम्मान वापस दे. नई नियमावली को रद्द करना और शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देना इनकी मुख्य मांग है. जिसका मैं समर्थन करता हूं.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर जे0एन0 मिश्रा कॉलेज के प्राध्यापक, प्रोफेसर कृष्ण मुरारी ने कहा कि चाचा भतीजा की सरकार द्वारा लाई गई यह नियमावली शिक्षकों को अपमानित करने वाली है. शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं. उनके साथ छल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. माध्यमिक शिक्षक संघ जहानाबाद के सचिव, विद्यानंद शर्मा ने इस नियमावली को काला कानून की संज्ञा देते हुए इसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की. अरवल जिला के जिला + 2 के अध्यक्ष, रंजीत कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा हम शिक्षकों को ठगने का कार्य किया जा रहा है. बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देने तक संघर्ष जारी रहेगा. विधान पार्षद की उपस्थिति पुस्तकालयाध्यक्षों को उत्साहित करने का कार्य किया.
जीवन कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री, तेजस्वी प्रसाद यादव ने जो अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था, कि सरकार बनने पर शिक्षकों को सम्मान कार्य का सम्मान वेतन देंगे, परंतु ये चाचा भतीजा की सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए सारे शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को ठगने का कार्य किया है. जिससे शिक्षक समाज आज सड़क पर उतर चुका है. माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव, दीपक कुमार ने कहा कि इस काला कानून की वापसी तक चाचा भतीजे की सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह जारी रहेगा अलीगंज प्लस टू के प्रभारी प्राचार्य, निरंजन कुमार ने कहा कि यह सरकार वादाखिलाफी कर रही है. इसलिए इसका परिणाम भुगतना होगा. शिक्षक समाज का सड़क पर आना सरकार की सेहत के लिए सही नहीं है.
इस मंच का संचालन करते हुए संयुक्त सचिव, विपिन कुमार ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि चाचा भतीजा की सरकार हमें ठगने का कार्य कर रही है. अब झांसे में नहीं आना है. जो शिक्षक की बात करेगा, वही राज करेगा. वहीं डॉक्टर मनोज कुमार ने आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह काला कानून जल्द से जल्द वापस ले, एवं नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा जल्द से जल्द दे. नहीं तो आंदोलन और तेज एवं अधिक धारदार करेंगे. तत्पश्चात माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव, रीमा शर्मा ने कहा कि इस ठग सरकार ने जो शुरू से ही शिक्षकों को ठगने का कार्य किया है. अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक सरकार अपने वादा अनुसार राज्य कर्मी का दर्जा नहीं देती है. तब तक संघर्ष जारी रहेगा.
प्रमंडलीय कार्यकारिणी सदस्य, अभय कुमार ने कहा कि सरकार शिक्षण व्यवस्था को चौपट करना चाह रही है. अगर पूर्व से कार्यरत शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष अयोग्य हैं, तो सरकार इतने दिनों तक गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चे का भविष्य क्यों अंधकारमय बना दिया? आंदोलन में माध्यमिक शिक्षक संघ जिला इकाई के कोषाध्यक्ष, दुर्गेश कुमार ने कहा कि जरूरत पड़ने पर जेल भरो अभियान की तैयारी भी कर ही लेना चाहिए. इस धरना में संजय कुमार, विक्रांत कुमार, मनोज कुमार, पवन कुमार, परिमल कुमार, मुकेश कुमार, अरविंद कुमार, पंकज कुमार दिनकर, आलोक कुमार सहित सैकड़ों शिक्षकों ने संबोधित किया.