एक राजनीतिक साजिश के तहत मेरे ऊपर कासमा थानेदार द्वारा किया गया है मुकदमा दर्ज - प्रमोद कुमार सिंह
मैं बाध्य होकर अपने रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ थाना का भी घेराव करूंगा, और तब तक आंदोलन तेज रहेगी. जब तक की दोषी थाना प्रभारी पर वरीय पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई करके कासमा थाना से हटा नहीं दिया जाएगा.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोक जनशक्ति पार्टी प्रत्याशी, वर्तमान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रदेश महासचिव व समाजसेवी, प्रमोद कुमार सिंह ने शुक्रवार दिनांक - 22 मार्च 2024 को संवाददाता के मोबाइल पर संपर्क स्थापित कर बातचीत के क्रम में जानकारी देते हुए बताया है, कि कासमा थाना प्रभारी ने अपने खास समुदाय का सपोर्ट करते हुए मेरे ऊपर एक राजनितिक साजिश के तहत् नराईच गांव मामले में गलत मुकदमा दर्ज करके फंसाने की चाल चली है. जबकि मैं छत्तीसगढ़ में हूं. इसलिए मैं माननीया पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम से भी मांग करता हूं, कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच कर दोषी थाना प्रभारी पर उचित कार्रवाई करें, अन्यथा मैं बाध्य होकर अपने रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ थाना का भी घेराव करूंगा, और तब तक आंदोलन तेज रहेगी. जब तक की दोषी थाना प्रभारी पर वरीय पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई करके कासमा थाना से हटा नहीं दिया जाएगा.
इसके बाद लोजपा (रामविलास) प्रदेश महासचिव व समाजसेवि, प्रमोद कुमार सिंह ने बातचीत के क्रम में ही कासमा थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा है, कि इनके गलत नीतियों के कारण ही दलित / महादलित समुदाय के लोग भी अपने गांव से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. लेकिन यही थाना प्रभारी अपने समुदाय के यहां घर पर जाकर हमेशा खाना भी खाते हैं. जो सरासर अन्याय है. इसलिए मैं इसे कदापि बर्दाश्त नहीं करूंगा, क्योंकि रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की महान जनता ने मुझे अपना बेटा, भाई - भतीजा, दोस्त समझकर ही विगत सम्पन्न बिहार विधानसभा चुनाव - 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद भी 53,896 मत दिया था. हालाकि ऐसे तो मुझे रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की महान जनता ने पिछले संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव - 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद भी लगभग 59,000 वोट दिया है. इसलिए मैं पुलिस अधीक्षक महोदया से भी आग्रह करना चाहता हूं, कि सुशासन बाबू सरकार की बदनामी ना होने दें. नहीं तो मैं अपने रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की हजारों - हजार महान जनता के साथ गिरफ्तारी दूंगा.
तब पुलिस प्रशासन को भी समझ में आएगी. कि अब मैं कितने लोगों को जेल में बंद करूं. फिर उन्होने कहा कि यह प्रजातंत्र है. कोई भी पुलिस अधिकारी अपनी कुर्सी के बल पर तानाशाही रवैया नहीं अपना सकती है. नियम कानून के मुताबिक उचित / अनुचित देखकर ही निष्पक्ष रूप से किसी भी जनता को न्याय देना ही होगा, अन्यथा जब जनता उग्र हो जाती है. तब कुर्सी की घमंड रखने वाले अच्छे - अच्छे लोगों की भी जवाब नहीं जुटती है.
ज्ञात हो कि इसी केस के मामले में लोजपा (रामविलास) प्रदेश महासचिव, प्रमोद कुमार सिंह के समर्थक पूर्व जिला परिषद सदस्य व वर्तमान पंचायत समिति सदस्य, अजय पासवान, पूर्व लोक स्मृति मंच जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा, संतोष सिंह ने भी एक साथ बैठकर शुक्रवार को औरंगाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया है, और माननीया पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच करने / कराने हेतू भी मांग किया है.
इसके अलावे जब रविवार (होलिकादहन के दिन) को समाचार प्रेषण पूर्व संवाददाता ने कासमा थाना प्रभारी के सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क स्थापित कर इसी केस के मामले में पक्ष जानना चाहा, तो फोन रिसीव करने के बाद जवाब देते हुए कहा कि अभी बिजी हैं.