गुजरात दंगों की बरसी पर सेमिनार
Seminar on anniversary of Gujarat riots
गुजरात के दंगों की बरसी पर आयोजित एक सेमिनार में इस बात पर चिंता प्रगट की गई कि देश में धर्मनिरपेक्षता की नींव को कमजोर करने के योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं जो प्रजातंत्र के लिए खतरा है. इसलिए प्रजातंत्र को मजबूत करने के लिए योजनाबद्ध प्रयासों की आवश्यकता है.
नगर के बुद्धिजीवियों ने इस बात की आवश्यकता महसूस की कि देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बचाने के लिए सघन प्रयास किए जाएं. इसके लिए एक कार्ययोजना बनाने का निर्णय लिया गया. इस उद्देशय से राष्ट्रीय सेक्युलर मंच के तत्वाधान में एक शिष्ट मंडल सभी पार्टियों से संपर्क करेगा और देश में हिन्दुत्व के नाम पर जारी षड़यंत्रों का पर्दाफाश करेगा.
सभी वक्ताओं ने यह राय प्रगट की कि जो राष्ट्र धर्मनिरपेक्षता को त्यागता है उसका वही अंजाम होता है जो आज पाकिस्तान का हो रहा है. सेमिनार का संचालन शैलेन्द्र शैली ने किया. मंच के संयोजक एल. एस. हरदेनिया, कांग्रेस नेता दीपचंद यादव, जीमयत उलेमा के हाजी हारून, बालेन्दु परसाई, पत्रकार पुर्णेन्दु शुक्ला, राजूकुमार, रघुराज सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए.
-एल एस हरदेनिया