गांधी जयंती पर आयोजित हुए सेमीनार का समाचार
बापू ने स्पष्ट किया कि मैं एक ऐसे देश में एक क्षण भी नहीं रहना चाहूंगा जिसमें मुसलमान एक पल के लिए भी असुरक्षित महसूस करें।
भारत की सरकार और बहुसंख्यक हिंदुओं का कर्तव्य है कि वे अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा दें। यह बात महात्मा गांधी ने आजादी मिलने के कुछ महीने बाद लिखे गए एक लेख में कही थी। वहीं उन्होंने पाकिस्तान की सरकार और वहां के बहुसंख्यक नागरिकों (मुसलमानों) से भी वहां के अल्पसंख्यकों (हिंदुओं, ईसाईयों और सिक्खों) से के संबंध में यही अपेक्षा की थी।
बापू ने लेख में यह भी कहा था कि अल्पसंख्यकों से यह अपेक्षा है कि वे जिस देश में रह रहे हैं उस देष के प्रति पूरी तरह वफादार रहें।
बापू के इस लेख का वाचन राष्ट्रीय सेक्युलर मंच द्वारा आयोजित एक सेमिनार में मंच के संयोजक एल. एस. हरदेनिया ने किया। बापू ने स्पष्ट किया कि मैं एक ऐसे देश में एक क्षण भी नहीं रहना चाहूंगा जिसमें मुसलमान एक पल के लिए भी असुरक्षित महसूस करें। मैं इस बात को कैसे भूल सकता हूं कि इस्लाम ने भारत को अनेक महान नेता दिए। इन नेताओं में हकीम अजमल खान और डॉ. अंसारी शामिल हैं। मेरी मान्यता है कि जो मुसलमान पाकिस्तान जाना चाहते हैं वे जा सकते हैं। परंतु मैं इस बात कल्पना भी नहीं कर सकता हूं कि कोई मुसलमान हिन्दू या सिक्ख से डर कर भारत को छोड़ दें। मैं कांग्रेस से अपेक्षा करता हूं कि वह अल्पसंख्यकों की रक्षा करने वालों की पहली पंक्ति में रहें।
मंच द्वारा आयोजित सेमिनार को जसविंदर सिंह, शैलेन्द्र शैली, हाजी मोहम्मद हारून आदि ने संबोधित किया। सेमिनार का संचालन हाफ़िज़ इस्माईल बैग ने किया।