नई दिल्ली में आयोजित हुआ कानूनी कार्यक्रम: युवा अधिवक्ताओं में मध्यस्थता के मूल्यों को बढ़ावा देने का उद्देश्य
नई दिल्ली में श्री अतहर आलम एडवोकेट द्वारा युवा अधिवक्ताओं में मध्यस्थता के मूल्यों को स्थापित करने पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें वरिष्ठ अधिवक्ताओं और समाजसेवियों ने भाग लिया और पुरस्कार वितरण भी हुआ.
श्री अतहर आलम एडवोकेट द्वारा "युवा अधिवक्ताओं में मध्यस्थता के मूल्यों का प्रचार" पर कार्यक्रम का आयोजन
इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में हुआ ऐतिहासिक कार्यक्रम, जिसमें कई प्रमुख व्यक्तियों ने लिया भाग
नई दिल्ली, 08 दिसंबर 2024 (रविवार): नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य युवा अधिवक्ताओं में मध्यस्थता के मूल्यों को स्थापित करना था. यह कार्यक्रम श्री अतहर आलम एडवोकेट के नेतृत्व में लीगल सेल अमीनुद्दीन एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट, अमन वेलफेयर एंड लीगल एड फाउंडेशन और अर्थ केयर मिशन के सहयोग से इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित हुआ.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल युवा अधिवक्ताओं को मध्यस्थता के महत्व से अवगत कराना था, बल्कि उन्हें इसके सही उपयोग के बारे में भी शिक्षा प्रदान करना था. मध्यस्थता, जो एक शांतिपूर्ण और निष्पक्ष विवाद समाधान प्रक्रिया है, को लेकर अधिवक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाना एक महत्वपूर्ण कदम है.
कार्यक्रम में प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें अर्थ केयर मिशन के सदस्य श्री एसजेडआई हाशमी, इंजी. सिबगतुल्लाह, श्री एमएम हाशमी एडवोकेट, श्री अजहर आलम एडवोकेट, श्री परवेज अख्तर सहित अन्य लोग शामिल थे. इन प्रमुख व्यक्तियों ने कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए और युवा अधिवक्ताओं को इस दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया.
ईसीएम (एर्नेस्ट केयर मिशन) के सदस्यों ने इस कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के लिए अपना योगदान दिया. उन्होंने कार्यक्रम के संचालन, व्यवस्थाओं और अन्य आवश्यक पहलुओं का ध्यान रखा, जिससे कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका.
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा अधिवक्ताओं में मध्यस्थता के महत्व को समझाना और उन्हें इस विधि को अपनाने के लिए प्रेरित करना था. वर्तमान समय में जहां कानूनी मामले बढ़ते जा रहे हैं, वहां मध्यस्थता एक प्रभावी उपाय बनकर उभरी है, जो कोर्ट के बोझ को कम करने में मदद करती है. श्री अतहर आलम एडवोकेट ने इस विचार को आगे बढ़ाया और बताया कि किस तरह से मध्यस्थता के माध्यम से विवादों का समाधान बिना किसी कठोर कानूनी प्रक्रिया के किया जा सकता है.
कार्यक्रम के दौरान, श्री आलम ने अपने अनुभवों को साझा किया और इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को मध्यस्थता के मूल्यों को समझना और अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उनका मानना है कि यह प्रक्रिया न केवल समय और पैसे की बचत करती है, बल्कि विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने में भी मदद करती है.
पुरस्कार वितरण और सम्मान
इस कार्यक्रम के अंत में, ईसीएम के कामों को सराहते हुए श्री जे पी सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट ने कार्यक्रम में भाग लिया और अतुलनीय कार्य के लिए श्री अतहर आलम को धन्यवाद दिया. इसके बाद, श्री जे पी सिंह ने ईसीएम के सदस्यों को शॉल और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया.
इसके अतिरिक्त, ईसीएम के सदस्यों को फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया, जिससे उनके योगदान को मान्यता दी गई. इस पुरस्कार वितरण से कार्यक्रम की गरिमा और भी बढ़ गई.
समाज में मध्यस्थता के महत्व को बढ़ावा देना
कार्यक्रम का एक और उद्देश्य यह था कि मध्यस्थता को समाज में एक सम्मानजनक और वैध प्रक्रिया के रूप में स्थापित किया जाए. श्री अतहर आलम ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि जब तक युवा अधिवक्ता इस विधि के महत्व को नहीं समझेंगे, तब तक इसे पूरी तरह से अपनाना संभव नहीं होगा. इसीलिए युवा अधिवक्ताओं को उनके शुरुआती दौर से ही इस दिशा में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.
समापन और भविष्य की योजनाएँ
कार्यक्रम का समापन श्री अतहर आलम के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने आगे यह भी घोषणा की कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन भविष्य में भी किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक युवा अधिवक्ताओं को इस विधि से अवगत कराया जा सके.
इस कार्यक्रम के आयोजन ने न केवल दिल्ली में कानूनी क्षेत्र के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि यह युवा अधिवक्ताओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बना, जो अपने करियर की शुरुआत में हैं और उन्हें मध्यस्थता जैसी प्रभावी विधियों से परिचित कराना आवश्यक है.