समता पार्टी द्वारा सर्किट हाउस औरंगाबाद में आयोजित की गई प्रेस कॉफ्रेंस
Press conference organized by Samta Party at Circuit House Aurangabad
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) समता पार्टी के बैनर तले गुरुवार दिनांक - 18 मई 2023 को दानी बिगहा स्थित सर्किट हाउस (जिला अतिथि गृह) औरंगाबाद में एक प्रेस कॉफ्रेंस आयोजित किया गया. जिसमें उपस्थित समता पार्टी के पदाधिकारियों ने मीडियाकर्मियों के समक्ष ब्यान देते हुए कहा कि समता पार्टी के बैनर तले ही सन् 2000 में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने जंगलराज के खिलाफ अभियान छेड़कर बिहार के मुख्यमंत्री बने. जिस समता पार्टी का गठन आदरणीय स्वर्गीय जॉर्ज फर्नांडिस साहब ने ही सन् 1994 में किया था.
सन् 2000 में जब बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने प्रथम बार बिहार में अपना कार्यभार संभाला था. तब शुरू में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने बेहतर काम भी किया था. इसके लिए हम लोगों ने भी सराहना किया था. मगर अब यही बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार सिर्फ अपनी महत्वाकांक्षा के लिए ही काम कर रहे हैं.
बिहार के युवा अन्य प्रदेशों में जाकर रोजगार के लिए भटक रहे हैं. लेकिन इसकी चिंता बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को नहीं है. अब सिर्फ बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार राजनीति कर रहे हैं, कि बिहार में जातिगत जनगणना होनी चाहिए. जातिगत जनगणना के नाम पर 500 करोड़ रूपया खर्च करने के लिए तैयार है. क्या इतनी बड़ी राशि में बिहार की कोई तरक्की नहीं होगी. क्या बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को पता नहीं है, कि बिहार में किस जाति की संख्या कितनी है. इसलिए ये सिर्फ जाति के नाम पर ही राजनीति साध रहे हैं. जातिगत जनगणना सिर्फ एक पॉलीटिकल स्टंट है. लेकिन हम लोग माननीय उच्च - न्यायालय पटना का भी धन्यवाद देते हैं, कि इस जातिगत जनगणना कराने पर रोक लगा दी है.
इसी जातिगत जनगणना के विरोध में हम लोगों ने पटना में राजभवन मार्च भी किया था. उस वक्त पटना में प्रशासन ने हम लोगों को रोका भी था. इसके बाद समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, उदय मंडल ने बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने समता पार्टी के संस्थापक, आदरणीय स्वर्गीय जॉर्ज फर्नांडिस साहब को कैसे तोड़ा. इसके बाद सन् 2003 में मुंगेर के माननीय सांसद, ब्रह्मानंद मंडल चला रहे थे, सबको तोड़ा. लेकिन आप लोग भी जान लीजिए, कि मशाल क्रांति का प्रतीक है, जिसका गठन आदरणीय स्वर्गीय जॉर्ज फर्नांडिस साहब ने सन् 1994 में समता पार्टी के नाम पर किया था. इसी समता पार्टी का सिंबल है, मशाल छाप. ध्यातव्य हो कि गुरुवार दिनांक - 18 मई 2023 को औरंगाबाद के सर्किट हाउस में समता पार्टी की ओर से आयोजित बैठक में समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, उदय मंडल, राष्ट्रीय महासचिव सह बिहार प्रभारी, प्रेम कुमार, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्षा, माधुरी पटेल, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव, मोहम्मद एजाज अहमद, प्रदेश सचिव, आशुतोष कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष, बी0 रंजन, पटना महानगर प्रभारी, अखिलानंद पाण्डेय, अरवल जिलाध्यक्ष, पप्पू पासवान ने एक साथ शामिल होकर प्रेस कॉफ्रेंस आयोजित की, और पार्टी पदाधिकारियों ने संदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक स्थानों पर पुनः स्वर्गीय डॉक्टर जॉर्ज फर्नांडिस साहब द्वारा बनाई गई पार्टी की मशाल जलेगी.
इसके लिए हम लोग भी प्रत्येक जिला में लगातार प्रयासरत हैं, क्योंकि अब बिहार में परिवर्तन की आवश्यकता है. जिस जंगलराज के खिलाफ बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने अभियान छेड़कर सन् 2000 में मुख्यमंत्री बने थे. आज वही जंगलराज के साथ मिलकर बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार बिहार में साझा सरकार चला रहे हैं, और चाचा - भतीजा दोनों मिलकर सिर्फ मलाई खा रहे हैं. लेकिन बिहार वासियों के लिए कोई चिंता नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को अब सिर्फ अपनी कुर्सी की ही चिंता रह गई है. बिहार एवं बिहारियों के लिए नहीं. बिहार के युवा अपनी नौकरी की तलाश में अन्य राज्यों में जाकर नौकरी कर रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनकर देख रही है.
इसके बाद उपस्थित पार्टी पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में कहा कि यदि बिहार सरकार चाहे, तो बृहत सोननद से निकलने वाली बालू के काम में ही नियमानुकूल तरीके से हजारों युवाओं को रोजगार दे सकती है. लेकिन बिहार में तो सिर्फ बालू माफियाओं का हीं राज है. बिहार सरकार का कोई कंट्रोल ही नहीं रह गया है. खासकर नगर परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद एवं जिला के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्री सीमेंट प्लांट की वजह से ही पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. इस पानी की विकट समस्या से औरंगाबाद जिले वासियों को कैसे निजात मिलेगी. इस पर भी बिहार - सरकार का कोई ध्यान नहीं है. जो जनहित का कार्य है. अंत में समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना कराने से सिर्फ और आपस में जाति संघर्ष शुरू हो जाएगा.
इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष, उदय मंडल ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि माननीय नीतीश कुमार जिस पार्टी में नेता है. उसमें तो पहले समरसता लाएं. फिर संबोधित करते हुए कहा कि अब इन नेताओं को बिहार की जनता के प्रति कोई मतलब नहीं रह गया है. जिसे बिहार की जनता भी देख रही है, और आने वाले दिनों में अपना कीमती मत देकर इसका करारा जवाब भी देगी.