दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 'ग्रेटर रिस्पांस एक्शन प्लान' (GRAP) का ग्राफ 4 लागू

Graph 4 of 'Greater Response Action Plan' (GRAP) implemented to control rising pollution in Delhi

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 'ग्रेटर रिस्पांस एक्शन प्लान' (GRAP) का ग्राफ 4 लागू
Air pollution in Delhi

स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं और ओड-इवन पर विचार

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अब इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है कि इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारें कठोर कदम उठा रही हैं। प्रदूषण की स्थिति को लेकर सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों के तहत ग्रेटर रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के ग्राफ 4 के कार्यान्वयन का ऐलान किया है। इस कदम से न केवल दिल्ली के नागरिकों को प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है, बल्कि इसके तहत कई नए प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं, ताकि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके।

प्रदूषण के संकट ने स्थिति को गंभीर बना दिया

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुँच चुकी है। रविवार को दिल्ली के औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 441 दर्ज किया गया था, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसके बाद, यह 457 तक पहुंच गया, जो AQI के 401-450 के बीच माना जाता है। ऐसे में सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हुई।

ग्रेटर रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का उद्देश्य प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकना और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है। इसके तहत विभिन्न कदम उठाए गए हैं, जिनमें से एक प्रमुख कदम यह था कि स्कूलों में कक्षाएं ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए और भी कई सख्त उपायों पर विचार किया जा रहा है।

स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम

दिल्ली में स्कूलों में कक्षाएं 15 नवंबर से ही बंद कर दी गई थीं, लेकिन अब 'ग्राफ 4' के तहत यह फैसला लिया गया है कि कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 तक के छात्रों के लिए भी ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। पहले की स्थिति में केवल कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद थे। अब इस फैसले के तहत यह कदम और बढ़ाया गया है ताकि बच्चों की सेहत को नुकसान से बचाया जा सके।

इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी गई है, ताकि सार्वजनिक परिवहन और सड़कों पर प्रदूषण को और अधिक बढ़ने से रोका जा सके। घर से काम करने से सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी आएगी और इससे वायु प्रदूषण में भी कमी आने की उम्मीद है।

ओड-इवन लागू करने पर विचार

दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और एक कदम के तौर पर ओड-इवन योजना को भी लागू किया जा सकता है। ओड-इवन योजना के तहत, एक दिन केवल ओड नंबर वाली गाड़ियां सड़क पर चलेंगी, जबकि दूसरे दिन इवन नंबर वाली गाड़ियां चलेंगी। इस योजना का उद्देश्य सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करना है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी लाई जा सके। हालांकि, यह योजना पहले भी दिल्ली में लागू की जा चुकी है, और प्रदूषण को नियंत्रित करने में कुछ हद तक सफल भी रही है।

प्रदूषण की स्थिति और GRAP का महत्व

प्रदूषण के स्तर को लेकर विशेष बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (CAQM) की उपसमिति ने यह फैसला लिया था कि ग्राफ 4 को लागू किया जाए। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि सख्त कदमों के बावजूद, ग्राफ 3, 2 और 1 की पाबंदियां भी जारी रहेंगी। इसके अंतर्गत निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, पटाखों के प्रयोग पर कड़ी निगरानी, और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे।

ग्राफ 4 में स्कूलों की छुट्टी, सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम, और ओड-इवन के तहत वाहन प्रतिबंध की सिफारिश की गई है। यह कदम नागरिकों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं, क्योंकि लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए।

क्यों जरूरी है GRAP?

ग्रेटर रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को दिल्ली में वायु गुणवत्ता के गंभीर स्तर के बढ़ते मामलों के बीच लागू किया गया है। यह प्लान प्रदूषण के स्तर के अनुसार विभिन्न प्रतिबंधों का प्रावधान करता है, जिनसे वायु गुणवत्ता को नियंत्रित किया जा सकता है। जब AQI 300 के पार पहुंच जाता है, तो GRAP के तहत ग्राफ 1, 2, 3 और 4 की पाबंदियों को लागू किया जाता है। जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता है, इन प्रतिबंधों की गंभीरता भी बढ़ जाती है। इस तरह के कदमों से दिल्ली की प्रदूषण की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।

दिल्ली के नागरिकों के लिए उपाय

दिल्लीवासियों के लिए इस समय सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वे प्रदूषण से बचने के लिए सभी सावधानियां बरतें। मास्क पहनना, घर के भीतर रहना, और खासकर उन स्थानों से बचना जहाँ प्रदूषण का स्तर ज्यादा है, इस समय बेहद जरूरी है। इसके अलावा, सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, इसलिए नागरिकों को सरकार द्वारा जारी की गई सभी सलाहों का पालन करना चाहिए।

निष्कर्ष: दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति ने सरकार को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। ग्राफ 4 के तहत स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं, सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम, और ओड-इवन सिस्टम जैसे कदमों से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन यदि नागरिक और सरकार दोनों मिलकर काम करें तो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कमी लाना संभव हो सकता है।

--Shahbuddin Ansari.