शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को समाज में समुचित सम्मान प्रदान करने के लिए सभी मिल कर करें कार्य- राज्यपाल
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की पहल पर सैनिक कल्याण विभाग द्वारा अब शहीद माता को "वीर माता" और शहीद पिता को "वीर पिता" पहचान पत्र जारी किया जाएगा.
राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड और अमलगमेटेड फण्ड की बैठक आयोजित
शहीदों के माता-पिता को मिलेगा वीर माता-पिता का पहचान पत्र
जयपुर, 6 अप्रैल: राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की पहल पर सैनिक कल्याण विभाग द्वारा अब शहीद माता को "वीर माता" और शहीद पिता को "वीर पिता" पहचान पत्र जारी किया जाएगा. इसी तरह शहीद सैनिकों और गैलेंट्री अवार्ड से अलंकृत सैनिकों के नाम से विद्यालयों या सार्वजनिक स्थलों के नामकरण की नीति में सरलीकरण किया जाएगा. राज्यपाल श्री मिश्र ने इस संबंध में प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण करने के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित कर कार्यवाही किए जाने के भी निर्देश दिए हैं.
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में राजभवन में गुरुवार को सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिए गए. बैठक में राज्यपाल श्री मिश्र ने पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन किए जाने के भी निर्देश दिए. बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्री मानवेंद्र सिंह जसोल, उपाध्यक्ष श्री राम सहाय बाजिया, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा सहित विभिन्न विभागों एवं सेना के अधिकारी उपस्थित रहे.
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को समाज में समुचित सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहीदों के आश्रितों की सामाजिक, पारिवारिक एवं आर्थिक समस्याओं का समाधान करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और उन्हें प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए ताकि इनका अधिकाधिक लाभ पूर्व सैनिक और उनके परिजन ले सकें.
सैनिक कल्याण विभाग मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व सैनिकों और शहीदों के आश्रितों के कल्याण के लिए महती कार्य किए हैं. उन्होंने शहीद आश्रितों को भूमि आवंटन के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए विशेष प्रयास किए जाने पर जोर दिया.
राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्री मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि केन्द्रीय पुलिस बलों से सेवानिवृत्त कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी विशेष तौर से प्रयास किया जाना चाहिए.
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि प्रशासन द्वारा आमजन की परिवेदनाओं, समस्याओं की सुनवाई एवं त्वरित समाधान के लिये त्रिस्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इन जन सुनवाई में पूर्व सैनिकों की भागीदारी कम देखने को मिलती है, सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से पूर्व सैनिकों में जन सुनवाई की इस व्यवस्था के बारे में व्यापक रूप से जानकारी दी जाए ताकि वे इनमें भाग लेकर अपनी परिवेदनाओं का समाधान करवा सकें.
सैनिक कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि जयपुर में सैनिक कल्याण भवन के लिए भूमि आवंटित करने के उपरांत निर्माण के लिए बजट आवंटित कर दिया गया है. शीघ्र ही भवन के शिलान्यास उपरान्त कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि शहीद आश्रितों को भूमि आवंटन के लम्बित प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए शीघ्र ही कैम्प का आयोजन किया जाएगा.
राज्य सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर (से.नि.) वी.एस. राठौड़ ने बैठक में पूर्व सैनिकों, शहीदों के परिजनों, वीरांगनाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं और राज्य बजट में सैनिक कल्याण से जुड़ी घोषणाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी. उन्होंने राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड की मई 2022 में हुई बैठक में लिए गए निर्णयों की क्रियान्विति के बारे में भी अवगत कराया.
अमलगमेटेड फण्ड की 32वीं बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में गुरुवार को ही अमलगमेटेड फण्ड फॉर द बेनिफिट ऑफ एक्स-सर्विसमेन की 32वीं बैठक आयोजित की गई. बैठक में सैनिक विश्राम गृहों की अग्रिम राशि में वृद्धि, सैनिक विश्राम गृहों के नियमित कार्मिकों को सातवें वेतनमान के परिलाभ देने हेतु एक करोड़ रुपए के व्यय की स्वीकृति प्रदान करने, जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई.
बैठक में अमलगमेटेड फण्ड के वर्ष 2020-21 के वास्तविक आय व्यय लेखा एवं वर्ष 2022-23 के अनुमानित आय व्यय लेखा का अनुमोदन किया गया.