रामगिरी की टिप्पणियों को लेकर मध्यप्रदेश में मुसलमानों के घरों पर चला बुलडोजर

रामगिरी की टिप्पणियों को लेकर मध्यप्रदेश में मुसलमानों के घरों पर चला बुलडोजर
Bulldozers were run on Muslim houses in Madhya Pradesh due to bad comments of Ramgiri

मध्यप्रदेश में लगभग 400 मुसलमानों पर एफआईआर और 65 के करीब लोगों को किया गिरफ्तार

प्रिय पाठको, ये साफ तौर पर दिख रहा है कि गुस्ताखे रसूल रामगिरी को संवैधानिक सिस्टम का संरक्षण प्राप्त है. एक देश में दो अलग समुदाय के दो अलग कानून. भारत बंद के दिन लोगों ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल विरोध करते हुए झड़पे हुई. उनके घरों पर तो नहीं चला बुल्डोजर. और हालही में झारखंड में भाजपा के कार्यकर्ताओं का अर्धसैनिक बलों के साथ उग्र झड़प हुई जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. बात समझ नहीं आयी न, अभी समझाते हैं.

मध्य प्रदेश के छतरपुर में दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान भीम आर्मी के नेतृत्व में एक बड़ी भीड़ बाजार बंद करवाने सड़क पर उतर गई थी. जबरन दुकानों को बंद करवाने के लिए हिंसक भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ करते हुए लूटने की कोशिश के साथ जम कर उपद्रव किया था. आखिरकार पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था.

मगर याद रखिये मुस्लिम नाम का आरोपी होने पर तत्काल गिरफ्तारी और बुलडोजर चलाने वाली पुलिस ने दरियादिली दिखाते हुए कोई एफआईआर नहीं की और न ही कोई गिरफ्तारी अथवा कोई करवाई हुयी. खैर बुलडोजर तो बहुत दूर की बात है.

कांग्रेस नेता हाजी शहजाद की 5 करोड़ का मकान और 3 लग्जरी गाडियों को प्रशासन ने किया नष्ट

अब दूसरी खबर की तरफ चलिए जहां कोतवाली थाने में मुस्लिम समुदाय की तरफ से पैगम्बर मुहम्मद के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए इकठ्ठा हुए थे. पुलिस मामले को नासिक का बता कर एफआईआर दर्ज करने से इंकार करती रही तो पुलिस और भीड़ में कहासुनी होने लगी. थोड़ी देर में अचानक से पथराव होने की वजह से कोतवाली पर अफरातफरी का माहौल पैदा हो जाता है. कुछ पुलिस वालों को चोट भी लगती है. जो भीड़ नासिक के हिंदू बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए आयी थी फिर उन्हीं 400 लोगों पर एफआईआर हो जाती है और अब तक 65 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की ख़बर भी है. ख़ैर, इस मामले में पुलिस स्टेशन पर पत्थर फेंका गया, पत्थर कहां से आया और किसने फेंका अभी भी पुलिस इसकी जांच कर रही है.

मध्य प्रदेश सीएम मोहन यादव के सख्त कार्यवाही के आदेश के बाद नगर निगम मुस्लिम नाम सुनते ही बुलडोजर की कार्यवाही शुरू हो गई. मुस्लिम समाज के पूर्व सदर शहजाद अली, जिनको इस मामले में मुख्य आरोपी बताया है, उनका 5 करोड़ का मकान अवैध बता कर तोड़ दिया गया. आज मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बुलडोजर का कहर शुरू हो चुका है.

यहां एक बात ध्यान रखियेगा जब मामले में अभी जाँच चल रही है इतने में ही जिस आलीशान घर को अवैध बता कर तोड़ा गया है वहां पर खड़ी गाड़ियों को भी बुलडोजर से तहस नहस कर दिया गया है.  कुछ चिरकुट लोग अभी भी कहेंगे कि प्रशासन आरोपी का धर्म देख कर करवाई नहीं करता है.

मध्यप्रदेश के छतरपुर में प्रशासन ने कांग्रेस नेता हाजी शहजाद की 5 करोड़ की आलीशान कोठी पर बुलडोजर से इस लिए तोड़ दिया क्यूंकि वे प्रदर्शन कर रहे थे कि एक मुस्लिम समाज का अपराधी रामगिरि ने पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब व इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी जिसको लेकर पूरे देश में इस इस्लाम दुश्मन पर कार्यवाही करने के लिए प्रदर्शन हुए. आखिर जब सारी दुनिया को मालूम है कि मुस्लमानों के लिए अल्लाह के आखरी दूत, मेसेंजर, पैगम्बर सबसे ऊपर इज्ज्त का मकाम रखते हैं उनकी शान में एक लफ़्ज भी गलत नही सुन सकते है फिर क्यूं बार-बार मुसलमानों के साथ यह नीच खेल खेला जाता है. क्यूं बार-बार मुसलमानों को आवाज़ भी नहीं उठाने दी जाती है. मुसलमानों के मकानों को बुलडोजर से तोड़ा जाता है. मुसलामनों को यातना के लिए जेलों में बंद किया जाता है. क्या मुसलमानों के लिए हिन्दुस्तान आजाद है.

ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के छतरपुर के मुसलमानों ने शहर कोतवाली के सामने रामगिरि को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रशासन ने आरोप लगाया है कि भीड़ में से किसी ने कोतवाली पर पत्थर मारा, थोड़ी देर बाद दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी. पहला पत्थर किसने मारा, इसकी पुलिस अभी जांच कर रही है, लेकिन पुलिस ने माहौल खराब करने के मामलें में 400 से अधिक मुसलमानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की और 65 के करीब मुसलमानों को गिरफ्तार भी कर लिया और मुख्यारोपी कांग्रेस नेता हाजी शहजाद को बनाया गया. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासन ने हाजी शहजाद की कोठी और घर के आंगन में खड़ी गाड़ियों पर बुलडोजर से नष्ट कर दिया है.

इलाके में हाजी शहजाद अली का घर बेहद खास था. वह उस इलाके का सबसे बड़ा नेता हैं. उनके घर की कीमत 5 करोड़ से अधिक थी. दूर से ही यह अलग दिखता था. प्रशासन की टीम जब कार्रवाई करने पहुंची तो कोई विरोध करने भी नहीं आया. घर के अंदर जो गाड़ियां खड़ी थीं, उन्हें भी प्रशासन ने चकनाचूर कर दिया. तीन महंगी लग्जरी गाड़ियों को बुलडोजर और पोकलेन मशीन से रौंद दी गई. इसके वीडियो सामने आए हैं. हाजी अली के साथ-साथ उसके कुछ सहयोगियों के भी मकान तोड़े गए हैं, जो इस हिंसा में शामिल थे. पुलिस टीम लगातार मुसलमानों पर कार्रवाई कर रही है.

यह तो साफ है कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमान कोई जुर्म, बेइज्जती और अन्याय के खि़लाफ़ आवाज़ नहीं उठा सकता. असम, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में भाजपा की सरकार हैंकोई राजनीतिक दल इस अन्याय के खिलाफ आवाज नही उठाता. क्या सुप्रिम कोर्ट ने कोई कानून बनाया है कि प्रदर्शन करने वालों के घर उजाड़ दो, मुसलमानों के परिवारों को बेघर कर दो. इस अन्याय के खिलाफ सुप्रिम कोर्ट को दखल करना चाहिए. घर बनाना क्या आसान है, प्रशासन मजलूमों के घर बनाकर दें. सुप्रिम कोर्ट से अपील है कि राज्य सरकारें मुसलमानों के जान माल की सुरक्षा की गारंटी दे. पूरी दुनिया के मुस्लिम राष्ट्र और यूएन संस्थाओं को मुस्लिम समाज के प्रति इस अपराध के लिए आवाज उठाना चाहिए.

-इस्माटाइम्स न्यूज डेस्क