क़ौम तालीम के बग़ैर तरक़्क़ी नहीं कर सकती: डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़
अलनूर पब्लिक स्कूल और अलक़लम पब्लिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। देश को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के अंतर्गत अलनूर पब्लिक स्कूल और अलक़लम पब्लिक स्कूल में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़ साहब (लोक सभा सदस्य) संभल मुख्य अतिथि रहे और डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़ साहब ने ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया और छात्राओं ने राष्ट्रीय गान गया। रंगारंग कार्यक्रम का आरम्भ तिलावते क़ुरआन से किया गया, इसके बाद छात्र छात्राओं ने देश भक्ति से पूर्ण गीत प्रस्तुत किए (सारे जहाँ से अच्छा, ऐ मेरे वतन कुर्बान है तुझ पर, नन्हा मुन्ना राही हूँ , मेरे प्यारे वतन तू सलामत रहे आदि ) कक्षा-6 के छात्रों ने पुराने रीति रिवाज़ को बनाये रखते हुए एक मुशायरा प्रस्तुत किया जिसमें बच्चों की कला कौशल प्रकट हुई। दृश्यगण ने बच्चों के कौशल की बहुत सराहना की। कक्षा6 की छात्राओं ने कार्यक्रम की प्रस्तुति अंग्रेजी भाषा में की जिसे दृश्यगण ने बहुत पसंद किया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़ साहब ने स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दू मुसलामानों के बलिदान को बताया और कहा की सभी हिन्दुस्तानियों की कोशिश से देश स्वतंत्र हुआ है। उन्होंने शिक्षा के महत्व और अच्छे स्कूलों की नीव पर बहुत ध्यान दिया। डॉक्टर बर्क़ साहब ने कहा की इस्लाम में शिक्षा को बहुत महत्व दिया गया है शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल होने चाहिए क्योंकि आने वाले समय में सफलता शिक्षा से ही मिल सकती है इस अवसर पर अलनूर एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी की और से डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़ साहब को एक उपहार भेंट किया गया।94 वर्ष की उम्र के बाद भी डॉक्टर बर्क़ साहब ने दोनों स्कूलों की सहायता करने का आश्वासन दिया।
कार्येक्रम के अंत में अलक़लम पब्लिक स्कूल प्रधानाध्यापिका श्रीमती साइका मोहसिन ने डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़ साहब द्वारा दोनों शिक्षण संस्थानों की सहायता करने के वादे पर धन्यवाद दिया साथ ही मैनेजिंग कमेटी के सदस्य डॉक्टर मोहम्मद नजीब क़ासमी, डॉक्टर जमाल अब्दुल नासिर और मौलाना मुक़ीमुर्रहमान नदवी को धन्यवाद दिया कार्यक्रम संचालकों, छात्र-छात्राओं और अलनूर पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापक श्रीमती समरीन जमाल को धन्यवाद दिया। इस समय इन दोनों स्कूलों में लगभग 900 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जहां बच्चों की स्कूली शिक्षा के अतिरिक्त-कला कौशल को भी प्रस्तुत करने की कोशिश की जाती है।