लोजपा ( रामविलास ) के एससी-एसटी प्रकोष्ठ औरंगाबाद जिलाध्यक्ष के आवास पर बैठक का किया गया आयोजन
औरंगाबाद: (बिहार) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एससी-एसटी प्रकोष्ठ औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, जितेंद्र पासवान के आवास पर शनिवार दिनांक - 11 नवंबर 2023 को एक बैठक का आयोजन किया गया! जिसमें औरंगाबाद जिले के सह प्रभारी, दशरथ पासवान, औरंगाबाद जिला प्रधान महासचिव, अखिलेश पासवान, दलित प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश दलित महासचिव व रोहतास जिला निवासी अशोक पासवान, जिला उपाध्यक्ष, कृष्णदेव पासवान, रोहतास जिला के महासचिव, हरे राम भोजपुरिया, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से पहुंचे अशोक पासवान, धरीक्षण पासवान, दूधेश पासवान, सुनील पासवान, अक्षय कुमार पासवान, जगनारायण पासवान सहित दर्जनों से अधिक की संख्या में लोगों ने भाग लिया!
इस मौके पर पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के औरंगाबाद सह जिला प्रभारी, दशरथ पासवान ने संवाददाता से बात करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार वोट बैंक के लिए सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाते हैं! लेकिन जिस प्रकार से बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने महिलाओं के प्रति सदन में बोला है! वो बिल्कुल ही अशोभनीय है! ऐसा बयान कभी भी एक जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा नहीं दिया जाना चाहिए! जिससे इसका गलत असर बाल बच्चे पर भी पड़े! इसके बाद औरंगाबाद जिला के सह प्रभारी, दशरथ पासवान ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने बिहार के ही पूर्व मुख्यमंत्री व दलित / महादलित नेता, माननीय जीतन राम मांझी को भी उसी तरह से सदन में तुम ताम लैंग्वेज का प्रयोग करते हुए अपमानित करने का काम किया है! जिसे कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है! इसलिए बिहार में माननीय महामहिम को भी चाहिए, कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र को रिपोर्ट भेजें, और बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करें!
वहीं लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के औरंगाबाद एससी-एसटी प्रकोष्ठ, जिलाध्यक्ष, जितेंद्र पासवान ने भी संवाददाता से बात करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से सदन में महिलाओं एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व दलित/ महादलित के नेता, माननीय जीतन राम मांझी को अपमानित करने का काम किया है! वह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है, क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार द्वारा सदन में दिए गए इस पूरे ब्यान को देशवासियों ने भी देखा है, और इससे देश की छवि भी खराब हुई है! इसलिए बिहार के माननीय महामहिम को भी चाहिए कि केंद्र को अपना रिपोर्ट भेजें, और राष्ट्रपति शासन भी बिहार में अवश्य लगनी चाहिए!
-रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय