आपसी समझौते का एक सशक्त माध्यम है मध्यस्थता और इसके लिए आम लोगों की बीच जागरूकता लाना आवश्यक है - सचिव

आपसी समझौते का एक सशक्त माध्यम है मध्यस्थता और इसके लिए आम लोगों की बीच जागरूकता लाना आवश्यक है - सचिव

आपसी समझौते का एक सशक्त माध्यम है मध्यस्थता और इसके लिए आम लोगों की बीच जागरूकता लाना आवश्यक है - सचिव

अजय कुमार पाण्डेय

औरंगाबाद: ( बिहार ) अपर जिला एवं सत्र - न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर द्वारा शुक्रवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार में प्रतिनियुक्त मध्यस्थतो के साथ अपने प्रकोष्ठ में एक बैठक की, तथा अब तक किये जा रहे मध्यस्थता के मामलों का अद्यतन स्थिति प्राप्त किया, और कई जरूरी दिशा - निर्देश भी दिया। सचिव ने बताया कि इधर कुछ दिनों में मध्यस्थता के प्रति लोगो का रूझान बढ़ा है, तथा मध्यस्थता के प्रति न्यायालय भी सजग हुआ है। इस स्थिति में मध्यस्थतो को लोगो और न्यायालय के प्रति बढ़े रूचि को देखते हुए मेहनत करने की जरूरत है, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। सचिव ने बताया कि पिछले कई सालो की तुलना में पिछले महीने काफी संख्या में मामले मध्यस्थता केन्द्र में आए, तथा परिणाम लगभग 20 प्रतिशत सफलता के साथ रहा है।

उन मामलों में लोगो का वाद मध्यस्थता के आधार पर समाप्त भी हुआ! जो यह दिखाता है कि वादों को सहज रूप से निपटारे में मध्यस्थता की क्या भूमिका है। सचिव द्वारा कहा गया कि मध्यस्थता को प्रारम्भिक स्तर पर ही वाद का निस्तारण करने का एक सशक्त माध्यम है, और इसके लिए लोगों में मध्यस्थता के प्रति जागरूकता आवश्यक है। बहुत से मामले ऐसे हैं, जिसका प्रारम्भिक स्तर पर ही निदान संभव है, और इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्तर्गत मध्यस्थता केन्द्र संचालित है, जिसमें न्यायालय से सम्बन्धित बहुत से ऐसे मामले जो भरण - पोषण एव दहेज अधिनियम तथा अन्य मामले जो न्यायालय में लम्बित रहता है! उसे सम्बन्धित न्यायालय द्वारा मध्यस्थता केन्द्र में भेजा जा रहा है! सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि माननीय उच्च - न्यायालय द्वारा भी कई मामले को मध्यस्थता के माध्यम से कराने हेतु आदेश पारित किया जाता है, और उसका निस्तारण भी मध्यस्थता केन्द्र द्वारा किया जाता है। इसी से प्रेरित होकर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार का यह सुझाव है कि लोग अपने वाद को प्रारम्भिक स्तर पर ही मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें, जिससे कि उन्हें लम्बी कानूनी लड़ाई से मुक्ति मिल सके, और परस्परा वार्ता तथा सहमति एवं मध्यस्थता के माध्यम से अपने वादों का राजी-खुशी पूर्वक समझौता कराते हुए न्यायालय से राहत पा सके। सचिव द्वारा बताया गया कि मध्यस्थता का अधिक से अधिक प्रचार - प्रसार होता है, तो मध्यस्थता के माध्यम से अपने वादों को सुलझाने के लिए काफी मामला आएगा, जिसका निस्तारण हेतु मध्यस्थता केन्द्र भूमिका बड़ी होने वाली है। सचिव ने मीडिया से भी अपील करते हुए कहा है कि वे मध्यस्थता के विषय में लोगों को यथा संभव जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि लोगों को मध्यस्थता के फायदे मिल सके, और वे मध्यस्थता के माध्यम से अपने न्यायालय में लम्बित वादों का निष्पादन सौहाद्रपूर्ण वातावरण में कराएं! साथ ही लोग अपने वाद लाने से पहले भी कुछ मामलों में मध्यस्थता का फायदा उठाकर अपने वाद लाने से पहले ही अपने समस्याओं का समाधान करा सकते हैं।