मुसलमानों के पिछड़ेपन को दूर करने में जामिया की महत्वपूर्ण भूमिका

Jamia Millia Islamia is celebrating its 102nd anniversary. Jamia Millia Islamia was established on 29 October 1920. Today the inaugural function was presided over by the Vice Chancellor of Jamia, Prof. Najma Akhtar. Dr. Subhash Sarkar, Union Minister of State, Government of India and Professor Upendra Giri attended the function as the Chief Guest of the function.

मुसलमानों के पिछड़ेपन को दूर करने में जामिया की महत्वपूर्ण भूमिका

मोईन अहमद खान:

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर, 2022: जामिया मिलिया इस्लामिया अपनी अपनी 102वीं वर्षगांठ मना रही है। जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना 29 अक्टूबर 1920 को हुई थी। आज इस उद्घोटन समारोह की अध्यक्षता जामिया की कुलपति प्रो.नजमा अख्तर ने की। इस समारोह के मुख्य अतिथि डा. सुभाष सरकार, केद्रीय राज्य मंत्री, भारत सरकार और सम्मानित अतिथि के रूप में प्रोफेसर उपेन्द्र गिरी ने इस समारोह में भाग लिया।

इस संस्थान को आज पूरी दुनिया में अच्छे विश्वविद्यालयों में गिना जाता है। यहां 10 संकाय, जनसंचार जैसे विभिन्न केंद्र और पांच स्कूल हैं। यहां हर वर्ष धर्म से लगभग 25,000 छात्र छात्राएं जामिया से शिक्षा लेते हैं। जामिया में नर्सरी से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई होती है। 

जामिया में एक मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता सालों से की जा रही है। उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने वादा किया था कि विश्वविद्यालय परिसर से सटी उत्तर प्रदेश सरकार की खाली पड़ी जमीन पर एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए जामिया को दी जाएगी, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। 

जामिया की स्थापना और विकास के लिए हकीम अजमल खान, डॉ मुख्तार अहमद अंसारी, अब्दुल मजीद ख्वाजा, मौलाना मुहम्मद अली जौहर, डॉ जाकिर हुसैन, प्रोफेसर मुहम्मद मुजीब और अन्य नेताओं की सेवाओं को हमेशा याद रखा जाऐगा।