विभिन्न पर्यटक स्थलों एवं ऐतिहासिक स्थलों को भी विकसित करने हेतु डॉक्टर सुरेश पासवान ने भी उठाया था पुरजोर मुद्दा
औरंगाबाद जिले के अंदर मौजूद विभिन्न पर्यटक स्थलों एवं ऐतिहासिक स्थलों को भी विकसित करने हेतु बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन राज्य मंत्री, डॉक्टर सुरेश पासवान ने भी उठाया था पुरजोर मुद्दा
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: (बिहार) बिहार - सरकार के पूर्व पर्यटन राज्य मंत्री, कुटुंबा - देव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व राजद विधायक एवं वर्तमान राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉक्टर सुरेश पासवान ने सोमवार दिनांक - 09 अक्टूबर 2023 को संवाददाता से मोबाइल पर हुई बातचीत के क्रम में जानकारी देते हुए बताया कि मैंने भी अपने शासनकाल में औरंगाबाद जिले के अंदर विभिन्न पर्यटन स्थलों तथा ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने हेतु बिहार - सरकार से पुरजोर मांग किया था. लेकिन उस समय चुकी बजट काफी कम होता था. उस वक्त बिहार की माननीया मुख्यमंत्री, राबड़ी देवी जी थी.
तब उसी वक्त मैंने पर्यटन के दृष्टिकोण से मानचित्र में शामिल करने हेतु रायपुरा स्थित सत्यचंडी मंदिर, अंबा स्थित सतबहिनी मंदिर, अनुमंडल दाउदनगर स्थित ऐतिहासिक दाऊद खां का किला, शमशेर नगर स्थित शमशेर खां का ऐतिहासिक स्थल, हसपुरा स्थित पीर बाबा का मजार, ऐतिहासिक स्थल पुनपुन उद्गम, कुटुंबा गढ़ को सुरक्षित करने हेतु पुरातत्व विभाग से, कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत ऐतिहासिक स्थल कल्पवृक्ष परता में विकास हेतु, रफीगंज के बगल में स्थित प्रचार पहाड़ पर मंदिर विकास हेतु, ओबरा प्रखंड अंतर्गत मनौरा में भगवान बुद्ध की एक रात विश्रामस्थली (ध्यातव्य हो कि उसी वक्त भगवान बुद्ध अपने ज्ञानस्थली व अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया से चलकर सारनाथ जाने के क्रम में ओबरा प्रखंड अंतर्गत मनौरा में एक रात रुके थे), देवकुंड मंदिर परिषद की विकास एवं सौंदर्यीकरण हेतु, नबीनगर में सिख धर्मावलंबियों का संगत विकास हेतू, जिसमें गुरु गोविंद सिंह जी की माता नानकी का अभी भी केस बहुत सुरक्षित तरीके से रखा हुआ है.
इन सबों के विकास हेतु मैंने अपने शासनकाल में प्रोजेक्ट रिपोर्ट निर्देशित किया था. पर्यटन विभाग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन से मंगवाया गया था. उसी वक्त हसपुरा का टूरिस्ट कंपलेक्स भी बना हुआ है. इसके बाद बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन राज्य मंत्री व राजद प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉक्टर सुरेश पासवान ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं सन् 1997 में पर्यटन राज्य मंत्री बना था. सन् 1998 - 1999 में प्रोजेक्ट बना था.
उस वक्त मेरे शासनकाल में मात्र 90 लाख रुपया का बजट ही सन् 1998 - 1999 में दिया गया था. मेरे शासनकाल में ही सर्वप्रथम 05 जून 1999 को प्रथम बार मात्र एक लाख रुपये की बजट से देव सूर्य महोत्सव का शुरूआत माननीया मुख्यमंत्री, राबड़ी देवी जी के वक्त किया गया था. जिसका जिक्र माननीय उपमुख्यमंत्री, तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी देव सूर्य महोत्सव के दौरान विगत संपन्न 05 फरवरी 2023 को देव में मंच से किया था. अंत में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व राजद प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉक्टर सुरेश पासवान ने जानकारी देते हुए बताया के मेरे शासनकाल में ही जिला मुख्यालय औरंगाबाद स्थित जसोईया मोड़ के समीप होटल सूर्य विहार बना हुआ है. जो मात्र एक ही फाइव स्टार होटल है. सरकार चाहे जिसकी भी हो. समय-समय पर उसे योजना के लिए समीक्षा करके बजट के हिसाब से स्वीकृति देती है. अब बिहार सरकार के पर्यटन / कला संस्कृति विभाग कैलेंडर में भी यह शामिल हो चुका है. इसलिए यह निरंतर चलता रहेगा. बिहार - सरकार द्वारा देव में विकास एवं सौंदर्यीकरण हेतु 10 करोड़ रूपया तथा गजना धाम के विकास हेतु लगभग चार करोड़ रूपया का आवंटन बजट में शामिल किया गया है.