नबी के तरीके के अनुसार जिंदगी गुजार कर दुनिया को अमन व शांति का पैगाम पहुंचाना समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता: डॉ० मोहम्मद नजीब कासमी
सम्भल, 08-10-2022: अल-नूर पब्लिक स्कूल और अल-कलम पब्लिक स्कूल, संभल की स्थापना के मुख्य उद्देश्यों में से एक, बच्चों की दीनी तरबियत है. इसी वजह से अल्लाह तआला ने बहुत ही कम समय में दोनों स्कूलों को काफी लोकप्रियता दिलाई है. रबी अल-अव्वल के महीने की शुरुआत से अल-नूर पब्लिक स्कूल और अल-क़लम पब्लिक स्कूल, सम्भल में हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पाक सुन्नतों से अवगत कराने के लिए विभिन्न प्रोग्रामों को सम्पन्न कराया गया जिसमें तमाम नबीयों के सरदार के जीवन के विभिन्न पहलुओं से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया.
छात्र-छात्राओं ने सीरत उन-नबी के विषय पर भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जागने से लेकर सोने तक के विभिन्न पहलुओं पर आधारित भाषण प्रस्तुत किये. नर्सरी वर्ग के मासूम बच्चों ने प्यारे नबी की प्यारी बातों के सम्बन्ध में आख़िरी नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की संक्षिप्त हदीसें प्रस्तुत कीं, जिनमें इबादात के अतिरिक्त अखलाक, मुआशेरत और मुआमलात पर भी महत्वपूर्ण हदीसें प्रस्तुत की गईं. सीरत उन-नबी पर लिखित व मौखिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पहली क्लास से लेकर छठी क्लास तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया. भाषण प्रतियोगिता में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के विद्यार्थियों ने भाग लिया. इस तरह दोनों स्कूलों के करीब 900 बच्चों ने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने हमद और नात भी पढ़ी. उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार दिया जायेगा.
अल-नूर पब्लिक स्कूल और अल-क़लम पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर डॉक्टर मोहम्मद नजीब कासमी ने कहा कि हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जिंदगी से यह सीख लेनी चाहिए कि घरेलु,राष्ट्रीय या अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जैसे भी हालात हमारे ऊपर आएं, हम उन पर सब्र करें और अपने नबी के पद चिन्हों पर चलते हुए अल्लाह से अपना सम्बन्ध मजबूत करें. मोहसिने इंसानियत की सीरत जीवनी अत्यन्त विश्वसनीय माध्यम से अब तक हस्तांतरित हुई है और इंशाअल्लाह कल कयामत तक सुरक्षित रहेगी. रब्बुल आलमीन ने रहमतुल लिल आलमीन के जीवन की एक एक घड़ी को कयामत तक आने वाले इंसानों के लिए नमूना बनाया है. अतएव हमें चाहिए कि हम हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर अमल करके उसवए (नमूना) नबी को विश्व के कोने कोने तक पहुचाएं.
अल-क़लम पब्लिक स्कूल के प्रोग्राम में संचालन की जिम्मेदारी छठी किलास की लड़कियों ने निभाई, जबकि अल-नूर पब्लिक स्कूल में चौथी और पांचवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने निभाई. अंत में, डॉ. मुहम्मद नजीब कासमी ने डॉ. जमाल अब्दुल नासिर, मौलाना मोकीमुर रहमान नदवी, अल-कलम पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती साइका मोहसिन, अल-नूर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती समरीन जमाल और दोनों स्कूलों के सभी स्टाफ सदस्यों को पैगंबर की जीवनी के विषय पर प्रतियोगिताओं के आयोजन करने के लिए बधाई दी.