मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट 'GYAN' फॉर्मूला पर | क्या है ज्ञान
मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट 'GYAN' फॉर्मूला पर... क्या है ज्ञान इस ज्ञान बजट से तय होगा लोकसभा चुनाव का भाजपा का एजेंडा
नई दिल्ली, 16 जनवरी, 2024: GYAN यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी. ये वो चार कैटेगरी हैं, जिन पर बजट में सरकार का पूरा ध्यान केन्द्रित होगा. इस ज्ञान को शामिल करने के पीछे पार्टी की मंशा अपना वोट बैंक बढ़ाना है.
ध्यान रहे एक फरवरी को केंद्र सरकार का अंतरिम बजट पेश होने वाला है. यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट होगा. ऐसे में सभी की निगाहें इस पर होंगी. कहा जा रहा है कि बीजेपी GYAN के जरिए आगामी चुनाव में अपना वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में है.
गरीब- बजट में समाज के गरीब तबके के लोगों के लिए कुछ विशेष ऐलान हो सकते हैं. बजट में इस वर्ग के लोगों की जरूरतों के लिए योजनाओं का ऐलान हो सकता है.
बीते दस सालों में सरकार ने समाज के गरीब और वंचित वर्ग के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इस बजट में गरीबों के कल्याण के लिए बनी योजनाओं का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा. साथ ही इन योजनाओं की धनराशि भी बढ़ाई जा सकती है.
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई)- प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन का राष्ट्रीय मिशन है, जो किफायती तरीके से वित्तीय सेवाओं जैसे बैंक, ऋण, बीमा, पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करता है. इस योजना का उद्देश्य समाज के गरीब तबके को मुख्यधारा में लाना है. सरकार इस बजट में प्रधानमंत्री जन धन योजना 2.0 पर काम कर रही है. इसका फोकस 40 करोड़ बैंक खाताधारकों से जुड़ना है. बजट में इसका ऐलान किया जाएगा.
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)- इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2022 तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को किफायती दरों पर आवास मुहैया कराना था. इसके जरिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आयसमूह से जुड़े लोगों को आवास मुहैया कराना रहा.
प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण स्कीम के एक लाख लाभार्थियों को पहली किश्त जारी की थी.
राष्ट्रीय सामाजिक सहयोग कार्यक्रम- ये एक कल्याण कार्यक्रम है, जिसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है. कार्यक्रम में गरीबों की सामाजिक सहायता के लिए एक राष्ट्रीय नीति पेश की गई. इसके तहत बुजुर्गों, विधवाओं, विकलांगों के लिए पांच योजनाएं हैं. आगामी बजट में इन योजाओं की राशि भी बढ़ाई जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके दायरे में लाया जा सके.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना - इस योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनपायन कर रहे परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराती है. चूल्हों और कोयले से जलने वाली सिगड़ियां महिलाओं को बीमार कर देती थी. इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत एक मई 2016 को की गई थी. ये योजना गरीब परिवारों को मुफ्त में रसोई गैस उपलब्ध कराती है ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके में रहने वाले बीपीएल परिवार के लोगों को इसका फायदा मिल सके.
आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना के लगभग 10 करोड़ लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी मिली है. यह सब्सिडी मार्च में खत्म हो जाएगी. ऐसे में सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि अगले वित्त वर्ष के लिए इस सब्सिडी की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है, जिसका ऐलान बजट में किया जाएगा.
युवा- देश में युवाओं के लिए भी कई योजनाएं चल रही हैं. इनमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से लेकर पीएम युवा उद्यमिता विकास अभियान जैसी योजनाएं शामिल हैं.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना- इस योजना का पूरा फोकस युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण देने पर है. इसका उद्देश्य हमारे युवाओं को रोजगार देना और उनकी उत्पादकता बढ़ाना है. स्कील इंडिया मिशन की शुरुआत 2015 में की गई थी. इसके तहत सरकार देशभर में कौशल आधारित कई योजनाएं चला रही हैं. इस योजना के बाद इसका दूसरा चरण 2017 तीसरा 2021 और चौथा 2023 में शुरू किया गया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 के बजट में इस योजना का चौथा चरण शुरू किया था, जिसमें कोविड, एआई, रोबॉटिक्स और ड्रोन से जुड़े पाठ्यक्रमों को जगह दी गई थी. पूरी संभावना है कि सरकार आगामी बजट में इस योजना का पांचवां चरण शुरू करने का ऐलान कर सकती है.
प्रधानमंत्री युवा उद्यमिता विकास अभियान- इस योजना का उद्देश्य युवाओं के बीच उद्यमिता को और बढ़ाना है. इस योजना के मुख्य तत्व शिक्षा, ट्रेनिंग और एंटरप्रेन्योरशिप नेटवर्क तक युवाओं की पहुंच को आसान बनाना है. सूत्रों ने बताया कि बजट में इस योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है.
अन्नदाता- सरकार एक तरह से सम्मान निधि के तहत किसानों के लिए आवंटित धनराशि को बढ़ाना चाहती है. सूत्रों का कहना है कि सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत प्रत्येक किसान के लिए आवंटित की जाने वाली धनराशि को बढ़ाने पर विचार कर रही है. यह धनराशि मौजूदा 6000 रुपये प्रति किसान से बढ़कर 8000 रुपये प्रति किसान तक हो सकती है.
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना- पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर महीने प्रति व्यक्ति को पांच किलोग्राम अनाज देने का प्रावधान है. कृषि सेक्टर एक तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. सूत्रों का कहना है कि सरकार खाद्य सब्सिडी के लिए आगामी बजट में 2.2 ट्रिलियन रुपये का आवंटन कर सकती है.
नारी - सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र तक महिला विकास पर जोर दिया है. महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. आगामी बजट में भी महिलाओं को लेकर कई योजनाएं शुरू की जाएंगी.
अंतरिम बजट चुनावी वर्ष के दौरान भारत सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला एक अस्थायी वित्तीय ब्योरा होता है. चुनावी साल में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है. इसमें छोटी अवधि के लिए खर्च और कमाई का ब्योरा होता है. चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद फिर सालभर का पूर्ण बजट पेश किया जाता है.
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