अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद का करमडीह में संपन्न हुआ बैठक

अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद का करमडीह में संपन्न हुआ बैठक
Meeting of All India Dusadh Utthan Parishad concluded in Karamdih

अजय कुमार पाण्डेय :

औरंगाबाद: (बिहार) बारुण प्रखंड अंतर्गत बरुआ पुल एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 02 के समीप ही नहर किनारे उत्तर दिशा में करमडीह गांव स्थित अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद के बैनर तले एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कमेटी जिलाध्यक्ष, सिकंदर पासवान ने की.

इस मौके पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के जिला उपाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सह कुटुंबा पंचायत समिति, नीलम देवी के प्रतिनिधि व पति संजय पासवान, शिक्षक मिथिलेश पासवान, सांस्कृतिक मंत्री, बाल्मीकि पासवान, अधिवक्ता, शंभू नाथ पासवान, अधिवक्ता, अशोक कुमार, अधिवक्ता, उपेंद्र कुमार, बारुण प्रखंड अध्यक्ष, नवल पासवान, पूर्व पंचायत समिति सदस्य, योगेंद्र पासवान, मनोज पासवान, कृष्णा पासवान, जागरूप पासवान, प्रभु पासवान, संजय पासवान, रामबालक पासवान, सुनील पासवान, सूरज पासवान, राजकुमार पासवान, अभय पासवान के अलावे सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया.

इस बैठक में करमडीह गांव निवासियों का मुख्य उद्देश्य रहा कि इस पवित्र स्थल पर अपने पूर्वज वीर बाबा चौहरमल जी का मूर्ति लगवाया जाए, और पासवान समाज में अधिकांश गरीब तबके के लोग हैं. इस वजह से काफी लोगों को पढ़ने में भी काफी असुविधा होती है. इसलिए सबसे पहले हमारे समाज के लोगों को शिक्षा से जोड़ना भी अति आवश्यक है. तभी पासवान समाज का सही मायने में विकास होगा, अन्यथा संभव नहीं.

इसलिए इस पवित्र स्थल पर सभी लोगों को पढ़ने के लिए कम से कम एक पुस्तकालय (लाइब्रेरी) का भी निर्माण कराने की जरूरत है. तब बारी बारी से लोगों ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग जान लीजिए, कि हमारे पूर्वज वीर बाबा चौहरमल जी ने भी सबसे पहले अपना संदेश दिया था कि शिक्षित बनो, संगठित हो, और जागरूक हो. तभी समाज का असली विकास संभव है. इसलिए वीर बाबा चौहरमल जी के बताए हुए मार्गो पर भी हम लोगों को चलने की जरूरत है. तभी अपने समाज का असली विकास संभव हो पायेगा.

तब इसी कार्यक्रम में कुटुंबा प्रखंड से चलकर बारून पहुंचे कुटुंबा पंचायत समिति, नीलम देवी के प्रतिनिधि व पति संजय पासवान ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा वो शेरनी का दूध है. जो पिएगा, वो कहीं भी दहाड़ेगा. इसलिए सर्वप्रथम शिक्षित बनना बहुत जरूरी है. इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के जिला उपाध्यक्ष सह कुटुंबा पंचायत समिति के प्रतिनिधि व पति संजय पासवान ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी जाति के लोगों को सम्मान करता हूं. चाहे वे किसी भी देवी देवता का पूजा करते हो. अपने पूर्वजों की पूजा करते हो. इसलिए यदि हम भी अपने पूर्वजों को ही पूजते हैं, तो इसमें बुराई की क्या बात है? हम भी अपने पूर्वजों को पूजेंगे. हम लोग पासवान समाज के लोग शहीद हो जाएंगे. मगर किसी का भी तलवा चाट कर नहीं मरेंगे. लेकिन हमारे समाज में ज्यादा लोग दारू भी पीते हैं.

इसलिए सबसे पहले इसे कंट्रोल कीजिए. एक लड़का मेरा एन0आई0टी0 में हुआ है. हम सभी लोगों से आग्रह करेंगे, कि किसी पर भी टीका टिप्पणी पहले बंद कीजिए. हम पांच भाई हैं. संगठन चलाने के लिए धन, बल, जन की जरूरत होती है. इसलिए सिर्फ एक साथ आ जाना है, उत्थान हो जाएगा. हम लोगों के समाज में भी आमदनी कम नहीं है. हम लोगों के समाज से ही लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान भी रहे. इसलिए शिक्षा सबसे पहले जरूरी है. तीसरा बार हम जेनरल सीट से कुटुंबा में पंचायत समिति का चुनाव जीते हैं. हम 25 साल से अपने परिवार को एक सूत्र में बांधकर भाई को रखे हुए हैं.

हमारा कहना है कि चाहे कोई भी कमेटी बने. लेकिन मिशन एक ही होना चाहिए. यहां ना कोई दरोगा जी, ना हीं मंत्री जी हैं. सब पासवान जी ही हैं. इसके बाद संजय पासवान ने एन0टी0पी0सी0 में कार्यरत स्टॉफ ए0 के0 पासवान पर भी खुलेआम मंच से ही कटाक्ष करते हुए कहा कि इनके पास पासवान समाज के मीटिंग में आने के लिए कभी भी समय नहीं है. लेकिन जब रिटायर हो जाएंगे, तो फ्यूज बल्ब की तरह ही हो जाएंगे, फिर अपने समाज में ही आना होगा. इसके बाद संजय पासवान ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम डीलर भी है. हमेशा प्रत्येक समाज के लोगों को खुलकर मदद करते हैं.

 इसलिए जिस पथ पर भी है, तो हरेक लोगों को मदद कीजिए. इसके बाद संजय पासवान ने अपनी जीवनी का भी जिक्र करते हुए उपस्थित लोगों के समक्ष संबोधित करते हुए कहा कि पहले हम भी काफी दारु पीते थे. लेकिन मरकर बचे हैं. इसलिए अब हम तो दारू पीते भी नहीं हैं. हमारा समाज का भी गजब हाल हो गया है. इसलिए सावधानी से रहिए. तब कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने भी संजय पासवान द्वारा कही गई बातों का समर्थन करते हुए कहा कि इस पवित्र स्थल पर जब 20 लाख रुपया खर्च करके यज्ञ कराया जा सकता है, तो फिर वीर बाबा चौहरमल जी की मूर्ति स्थापना एवं लाइब्रेरी का निर्माण क्यों नहीं कराया जा सकता है.

इसके बाद करमडीह गांव निवासी, मनोज पासवान ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कि हमने बहुत ही पहले सपना देखा था, कि वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ति लगवाना है. लेकिन हम लोगों के अभिभावक ने कहा कि पहले यज्ञ होने दे. वो भी पूरा हुआ. इससे बहुत खुशी गांव का भी है. लेकिन करमडीह में पढ़ने के लिए एक पुस्तकालय भी होना चाहिए.

तब कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने आर्थिक, शारीरिक हर प्रकार की मदद करने का भी भरोसा दिया. इसके बाद बारुण के ही रहने वाले बाल्मीकि पासवान ने संबोधित करते हुए कहा कि आपस में बात का आदान प्रदान होते रहना चाहिए. अंकोरहा में भी पासवान जी और भडकुडिया गांव में भी पासवान जी ने वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ति लगवाने के लिए कह रहे हैं. शिक्षा बहुत जरूरी है. वीर बाबा चौहरमल ने खुद ही कहा था कि पहले शिक्षित बनो. इसलिए शिक्षा सबके लिए जरूरी है.

इसके बाद अधिवक्ता, उपेंद्र पासवान ने भी वीर बाबा चौहरमल तथा अंबेडकर जी के मूर्ति लगाने की बात कही. फिर मंच से संबोधित करते हुए कहा कि एकता धूमिल नहीं होना चाहिए. पूर्वजों को भी लेकर चलना चाहिए. वही अधिवक्ता, शंभूनाथ पासवान ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों बाद हम यहां उपस्थित हुए हैं. समाज में जो भी जिम्मेवारी हमको मिलेगा. हम साथ हैं. इसके बाद कृष्णा पासवान ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि 20 लाख रुपया लगाकर यज्ञ करा सकते हैं. पांच लाख रुपया पंडा लेकर चला गया. तब विचार आया कि हम अपने ही पूर्वजों को क्यों न पूजे? इसलिए आज जो वीर बाबा चौहरमल जी की मूर्ति लगाने की सहमति हुई. इसके लिए आज हम बहुत खुश हैं, कि वीर बाबा चौहरमल जी का मूर्ति लगेगा. इसके बाद रामबालक पासवान ने संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों को किसी भी जाति, धर्म को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं है.

हम लोगों का उद्देश्य है कि सबका सम्मान करेंगे. तब बारुण निवासी, नवल पासवान ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा, समाज को साथ लेकर चलना, वीर बाबा चौहरमल जी का स्टेच्यू निर्माण का हम लोग संकल्प लेंगे. हम लोगों को पहले गहलौत, फिर दुसाध के नाम से जाना जाता था, फिर पासवान के नाम से जाना जाने लगा. मगर दुसाध उर्दू शब्द है. पासवान को अंगरक्षक कहा जाता है. लाइब्रेरी की जहां तक बात है, तो विधायक, सांसद हैं. हम नहीं कर सकते हैं, क्योंकि अधिकांश पासवान समाज के लोग गरीब हैं. अभी तक पासवान समाज के लोग जोड़ने में ही लगे हुए हैं. लेकिन वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ति लगाने के लिए हम साथ देंगे.

अंत में अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद के अध्यक्ष, सिकंदर पासवान ने उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा, सिर्फ हम लोगों को एकता बनाए रखने की जरूरत है, और आप लोगों ने जिस प्रकार से यज्ञ कराने के लिए अपनी योग्यता अनुसार चंदा दिया. उसी प्रकार वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ती लगाने, पुस्तकालय बनाने में भी सहयोग कीजिए. एक हजार रुपया से ऊपर जो भी व्यक्ति वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ति लगाने में सहयोग करेंगे. उनका नाम शीलापट पर भी लिखा जाएगा. तब एक करमडीह गांव के ही रहने वाले व्यक्ति ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब यज्ञ कराया गया था. तब हम अपने गांव के मंदिर में लगभग एक लाख रुपया का गेट निर्माण कराए थे.

उस वक्त मैंने कहा था कि गेट लगवाने में जो भी खर्च होगा. मैं सारा खर्च दूंगा. लेकिन मेरे द्वारा निर्माण कराए गए गेट पर कम से कम नाम अंकित करवा लेने दीजिए. तब मुझे गांव के लोगों ने ही नाम अंकित करवाने से रोक दिया था. इसलिए वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ति लगाने में चंदा के रूप में सहयोग राशि देने वाले लोगों का भी नाम अंकित कराने देंगे, या नहीं. यह तो असमंजस का ही विषय है. जब यज्ञ में मेरे द्वारा लगभग एक लाख रुपया खर्च करके गेट लगवाया गया. तब भी मुझे नाम अंकित नहीं करवाने दिया गया.

तब वीर बाबा चौहरमल जी के मूर्ति लगाने में मात्र एक हजार रुपया से ऊपर सहयोग राशि देने वाले का नाम अंकित कैसे हो सकता है? यह कोई जरूरी नहीं है. तब कार्यक्रम में बैठे गांव के ही एक व्यक्ति ने कहा कि जब यहां यज्ञ होना था. तब यज्ञ में सहयोग राशि देने वाले किसी भी व्यक्ति का नाम अंकित करने का बात ही नहीं हुआ था. इसके बाद कमेटी जिलाध्यक्ष, सिकंदर पासवान ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम लोगों को एकता बनाए रखने की जरूरत है, और मैं हमेशा आप लोगों का सहयोग भी करूंगा.