प्रधानमंत्री ने इजरायल का तो कांग्रेस और अन्य दलों ने किया फिलिस्तीन का समर्थन
पूर्व में भारत हमेशा से फिलिस्तीन के अधिकारों के लिए खड़ा रहा है। मगर प्रधानमंत्री ने यह परम्परा तोड़ दी है लेकिन भारत का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य--
दुनियाभर की नजर इजरायल पर टिकी हुई है। इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। इजरायल फिलिस्तीन में अमानवीय तरीके से बम्ब गीरा रहा है जिससे वहां बहुत जान माल का नुकसान हो रहा है। इजरायल ने खाना, पानी, बिजली, सारी जरूरी चीजों की आवाजाही बंद कर दी है। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कॉल के लिए धन्यवाद देते हुए एक पोस्ट साझा की है। जिसमें वह पूरी तरह इजरायल के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं।
पीएम ने अपने पोस्ट में लिखा, “मैं प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को धन्यवाद देता हूं, भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं। भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करता है।”
इस प्रतिक्रिया के बाद भारत दो खेमों में बंट गया हैै। पूर्व में भारत हमेशा से फिलिस्तीन के अधिकारों के लिए खड़ा रहा है। मगर प्रधानमंत्री ने यह परम्परा तोड़ दी है लेकिन भारत का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल फिलिस्तीनी लोगों का आज भी उसी तरह समर्थन कर रहे जैसे पूर्व में बाकी सरकारों ने किया है।
इसी तरह दुनिया के बाकी राष्ट्र भी दो खेमों में बंटे हुए हंै। माना यह जा रहा है कि इजरायल का समर्थन भारत के अरब के मित्र राष्ट्रों के साथ खटाई में पड़ सकते हैं। लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और मंत्रालय के हैंडल से सिर्फ प्रधानमंत्री की पोस्ट को रीट्वीट जरूर किया है।
जहां तक चीन की तरफ से कोई बयान की बात है तो चीन ने कहा है कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव और हिंसा को लेकर गहराई से चिंतित है। बीजिंग ने पहले भी वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम में इजराइल की निर्माण गतिविधियों का विरोध किया है। वहीं रूस राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि वे एक स्वतंत्र संप्रभु फिलिस्तीन के निर्माण को आवश्यक मानते हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल और गाजा का संघर्ष अमेरिका की मध्य पूर्व नीति की असफलता को दिखाता है. टर्की, पाकिस्तान, सउदी अरब आदि राष्ट्रों ने भी फिलिस्तीन पर कब्जे और उनके अधिकारों के लिए इजरायल को कसूरवार ठहराया है।
इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने साफ किया है कि ब्रिटेन इजरायल का पूरा समर्थन करता है। गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने सड़कों पर उपद्रव करने वाले फिलिस्तीनी समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है और चेतावनी दी है कि उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। अमेरिका पहले से ही इजरायल के साथ खड़ा है और जो इजरायल फिलिस्तीन की जमीन पर बसा है यह अमेरिका और ब्रिटेन की करतूत का नतीजा है जो 75 सालों से फिलिस्तिीन इजरायल के जुर्म को झेल रहे हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नेे इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर 26 नवंबर 1938 को हरिजन में लिखा था कि, “फिलिस्तीन उसी तरह अरबों का है, जिस तरह इंग्लैंड अंग्रेजी का है या फ्रांस फ्रांसीसियों का है।”
-न्यूजडेस्क इस्माटाइम्स