कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कालेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या, हत्यारे ने गुनाह क़बूला.
आरोपी संजय रॉय पुलिस कल्याण बोर्ड में सहायक है. घटना की जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में सुबह करीब 4 बजे वह अस्पताल के अंदर जाते दिखा.
सीसीटीवी फुटेज में आरोपी ईयरफोन लगाकर जाते दिखा. उसी से मामला सुलझाने में मदद मिली.
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कालेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या का गुनहगार ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है. पुलिस ने घटना के बाद ही शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया था. पूछताछ के दौरान उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया. पुलिस को उसके मोबाइल में एक पोर्न वीडियो भी मिला है. उधर, इस मामले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ऐसे रेपिस्टों का एनकाउंटर कर देने की सलाह दी है.
आरोपी पुलिस कल्याण बोर्ड में सहायक के रूप में काम करता है. आरोपी संजय रॉय पुलिस कल्याण बोर्ड में सहायक है. घटना की जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में सुबह करीब 4 बजे वह अस्पताल के अंदर जाते दिखा. इस दौरान वह ईयरफोन लगाए हुए था. हालांकि फुटेज में दिखा कि जब वह लौट रहा था, तब उसके पास ईयरफोन नहीं था. फिलहाल कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (दुष्कर्म) और 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गये हैं.
इस मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने आरोपी का सीधा एनकाउंटर कर देने को कहा. उन्होंने कहा कि बलात्कारियों और हत्यारों पर तत्काल केस चलाने और एक हफ्ते में सजा देने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया जाना चाहिए. उन्होंने महिला डॉक्टर की हत्या के बाद बीजेपी नेताओं के प्रदर्शन की भी निंदा की. कहा कि बीजेपी वालों को इसके बजाए मामले में तुरंत न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार पर कानून बनाने का दबाव डालना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संसद में विरोधी दल में होने पर भी इस विधेयक का समर्थन करेगी और इसे कांग्रेस तथा वामपंथी दलों का भी समर्थन मिल सकता है. बनर्जी ने कहा कि ऐसे कानून से केस के लंबा खिंचने पर रोक लगेगी. इससे करदाताओं का पैसा बचेगा. टीएमसी नेता ने कहा, ‘‘बलात्कारी समाज में रहने लायक नहीं हैं और इन्हें या तो मुठभेड़ में मार गिराया जाना चाहिए या फिर फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.’’
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हाथरस, उन्नाव, मणिपुर जैसे मामले, दिल्ली में निर्भया मामले और पश्चिम बंगाल की घटनाओं में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों को रोकने में राजनीतिक दलों की नाकामी को स्वीकार करते हुए बनर्जी ने यह सुनिश्चित करने के लिए न्याय प्रणाली में सुधार का आह्वान किया कि ऐसे अपराधों के लिए त्वरित और निष्पक्ष मुकदमा चलाया जाए.