अग्निवीर के नाम पर युवाओं को आग में झोंक रही हैं मोदी सरकार : डॉ0 सुरेश पासवान
अग्निवीर के नाम पर युवाओं को आग में झोंक रही हैं मोदी सरकार : डॉ0 सुरेश पासवान
अजय कुमार पाण्डेय औरंगाबाद: ( बिहार ) बिहार - सरकार के पुर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश उपाध्यक्ष डाक्टर सुरेश पासवान ने प्रेस - विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि अग्निवीर के तहत मात्र चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का एलान जो केंद्र - सरकार द्वारा किया गया है! वह न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि युवाओं का भविष्य बर्बाद करने का सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
दुनिया के किसी भी मुल्क में चार साल के लिए नौकरी देने एवं उसके बाद रिटायर करने का योजना खोजने से भी नहीं मिलेगा। भारत एक युवा देश है! जहां केंद्र - सरकार के गलत नितियों के कारण पहले से ही युवाओं की लंबी फौज खड़ी है।तीन साल से कोई बहाली नहीं हो रहा है! जब सेना में बहाली का ऐलान भी किया गया, तो मात्र चार वर्ष के लिए! यह तो जले पर नमक छिड़कने जैसा है।
डॉक्टर पासवान ने कहा है कि ताजा रोजगार योजना अग्निपथ के विरोध में देश भर में युवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसे केवल सियासत के नजरिए से ही नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे समग्रता में देखने की जरूरत है। आखिर चार साल बाद यानी कि रिटायरमेंट के बाद वे कहां जाएंगे! वे न घर के रहेंगे, न घाट के ही। इसलिए अग्निवीर जैसी युवा विरोधी रोजगार योजना को सरकार को बिना विलम्ब किए हुए वापस ले लेना चाहिए, और सेना में पुरानी भर्ती नियम जो है! उसी अनुसार बहाली किया जाना चाहिए।
सेना की नई रोजगार योजना के बाद हुए प्रदर्शन यह संकेत है कि युवाओं को बेहतर रोजगार चाहिए। सरकारी नौकरी के प्रति लोगों की यही धारणा है कि एक बार सरकारी नौकरी में चले गए, तो नौकरी के साथ भी और नौकरी के बाद भी अपने तथा अपने परिवार को सुरक्षित महसूस करते हैं। इसलिए लोगों को विश्वास में लेकर चलना होगा, ताकि सरकार का दायित्व भी पुरा हों, और लोगों की उम्मीदें भी। यानी देश के सरहदों की सुरक्षा के लिए जिनको आप तैनात करेंगे! वे तो रोज़ यही गिनते रहेंगे कि मुझे अब घर जाने का समय करीब आ गया है। इसलिए वाह्य एवं आंतरिक सुरक्षा से कभी भी खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए! इसके परिणाम अच्छे नहीं होते हैं। इसलिए केंद्र - सरकार से विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि जितना जल्दी हो सके! इस अग्निवीर नीति को वापस लेकर युवाओं के भावनाओं को सम्मान दिया जाना चाहिए।