औरंगाबाद: जानलेवा हमला मामले में 42 वर्षों बाद आया फैसला
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: (बिहार) व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद के ए0डी0जे0 07, माननीय, सुनील कुमार सिंह ने शुक्रवार दिनांक 30 सितंबर 2022 को रफीगंज थाना कांड संख्या 13 / 1980 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए वयो वृद्ध दो अभियुक्त, नान्हु यादव तथा दुधेश्वर यादव, थवई निवासी को
भारतीय दंड संहिता की धारा में दोषी पाते हुए तीन साल की सजा एवं जुर्माना भी लगाया है. इस संबंध में अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही ने जानकारी देते हुए बताया है कि दोनों अभियुक्तों को धारा 307 / 149 में तीन साल की सजा, दस हजार जुर्माना लगाया गया है, और जुर्माना न देने पर छः माह की अतिरिक्त कारावास होगी.
दोनों अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 148 में एक वर्ष कारावास, पांच हजार रुपया जुर्माना और जुर्माना न देने पर दो माह की अतिरिक्त कारावास, अभियुक्त नान्हु यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 326 में तीन साल का कारावास, दस हजार रुपया जुर्माना और जुर्माना न भर सकें, तो छः माह की अतिरिक्त कारावास, अभियुक्त, दुधेश्वर यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 में एक वर्ष की सज़ा, एक हजार रुपया जुर्माना, जुर्माना न भर सकें, तो दो माह की अतिरिक्त कारावास होगी.
वहीं ए0पी0पी0, सुरजमल शर्मा ने बताया कि सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. यह जानलेवा हमला की घटना 20 अक्टूबर 1980 की है, जिसमें वाद सूचक जागेश्वर यादव ने अपने भाई कोलेशवर यादव के साथ लाठी और गंडासे से हमले का आरोप उल्लेखित अभियुक्तों पर लगाया था. दोनों अभियुक्तों को 27 सितंबर 2022को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया गया था. घटना के पिछे कारण पुर्व के जमीनी विवाद बताया गया था.