दीपावली उत्सव के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया में हंगामा

दीपावली उत्सव के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के बीच हंगामा और मारपीट की घटनाएँ हुईं।

दीपावली उत्सव के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया में हंगामा
Chaos at Jamia Millia Islamia

दीपावली उत्सव के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया में हंगामा

दीपावली, जिसे हम दीवाली के नाम से भी जानते हैं, भारत का एक महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है। इस अवसर पर लोग एकत्रित होते हैं, दीप जलाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और अपने प्रियजनों के साथ खुशी मनाते हैं। लेकिन इस वर्ष दीपावली के मौके पर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कुछ अप्रत्याशित घटनाएँ घटित हुईं, जिन्होंने इस उत्सव के माहौल को प्रभावित किया।

घटना का विवरण

मंगलवार रात, दीपावली उत्सव के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के बीच हंगामा और मारपीट की घटनाएँ हुईं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को दखल देना पड़ा और मामले को शांत करने के लिए वहां उपस्थित होना पड़ा। इस दौरान कई मीडिया प्रतिनिधि भी घटनास्थल पर मौजूद थे, जिसने इस घटना को और भी अधिक सुर्खियाँ बना दिया।

पक्षों का आरोप-प्रत्यारोप

इस घटना के बाद, एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी लोग विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर, छात्र संगठनों ने एबीवीपी पर आरोप लगाया कि वे खुद बाहर से लोगों को लाकर इस तरह की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं।

इस प्रकार, आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला न केवल छात्रों के बीच की विभाजन को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि किस तरह से बाहरी तत्व विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण माहौल को प्रभावित कर सकते हैं।

विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया

जामिया मिलिया इस्लामिया के वाइस चांसलर, प्रो. मोहम्मद शकील ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय की ओर से कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि हंगामा करने वाले लोग बाहरी थे और उनकी पहचान नहीं हो पाई है।

प्रो. शकील ने यह भी कहा कि छात्रों को दीपावली उत्सव मनाने की अनुमति दी गई थी और वे दीप जलाने के बाद अगले दिन उत्सव भी मनाने में सफल रहे। यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय ने इस मौके पर छात्रों की खुशी को प्राथमिकता दी, लेकिन साथ ही बाहरी तत्वों की मौजूदगी को लेकर चिंतित भी था।

हंगामे का कारण

दीपावली उत्सव के दौरान इस तरह के हंगामे के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक संभावित कारण हो सकता है कि विश्वविद्यालय में विभिन्न छात्र संगठनों के बीच बढ़ती राजनीतिक तनाव। छात्रों के बीच विचारधाराओं का मतभेद कई बार हिंसक रूप ले लेता है, खासकर जब बाहरी तत्व इस स्थिति को और भड़काने का प्रयास करते हैं।

इसके अलावा, यह भी संभव है कि कुछ छात्रों के लिए दीपावली उत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव न हो, बल्कि यह एक ऐसा समय हो जब वे अपनी राजनीतिक विचारधारा को भी आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में, त्योहार का माहौल राजनीतिक तनाव का शिकार हो जाता है।

नतीजे और सिख

इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि छात्रों के बीच सद्भावना और सहयोग की आवश्यकता है। दीपावली जैसे त्योहारों का मुख्य उद्देश्य खुशी और एकता है, न कि विवाद और हिंसा। छात्रों को चाहिए कि वे एक-दूसरे के साथ मिलकर इस तरह के मौकों का आनंद लें और नकारात्मकता को दरकिनार करें।

इसके अलावा, विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी इस घटना से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए उचित सुरक्षा उपाय और निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए। बाहरी तत्वों की मौजूदगी को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ न हों।

निष्कर्ष

दीपावली उत्सव के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई घटनाएँ एक चेतावनी के रूप में कार्य करती हैं। हमें यह समझना चाहिए कि त्योहारों का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एकता, भाईचारा और खुशी को फैलाना है। छात्रों को अपने मतभेदों को भुलाकर एक साथ मिलकर इस तरह के आयोजनों का आनंद लेना चाहिए। उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों और हम सब मिलकर दीपावली का सच्चा मतलब समझ सकें।

by Shahbuddin Ansari.