एन0डी0ए0 गठबंधन छोड़ने के बाद विवेकहीन, अमर्यादित और अपसंस्कृति के द्योतक हो गए है मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार - प्रमोद सिंह

एन0डी0ए0 गठबंधन छोड़ने के बाद विवेकहीन, अमर्यादित और अपसंस्कृति के द्योतक हो गए है मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार - प्रमोद सिंह
Chief Minister Bihar has become a symbol of irrational

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: ( बिहार ) लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के प्रदेश महासचिव, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, प्रखर समाजसेवी व वरीय नेता, प्रमोद सिंह ने शुक्रवार यानी धनतेरस के दिन ही एक प्रेस ब्यान जारी करते हुए कहा है, कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार विवेकहीन, अमर्यादित एवं अपसंस्कृति के द्योतक हैं. साथ ही साथ उन्होंने उन्हे दलित विरोधी भी करार दिया है.

इसके बाद रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी व समाजसेवी, प्रमोद कुमार सिंह सिंह ने ' संगति से गुण होत है, संगति से गुण जात ' वाली एक प्रचलित कहावत का उदाहरण देते हुए कहा है, कि उन्होंने जब से एन0डी0ए0 छोड़ा है. तबसे उनका आचरण, व्यवहार एवं बोलने की शैली में उच्च श्रृंखलता आ गई है, तथा वे अपने पद की गरिमा और मर्यादा को भी भूल गए हैं. यही कारण है कि दोनो सदनों में जिस तरीके से उन्होंने लाज, हया और शर्म को तिलांजलि देते हुए महिलाओं को अपमानित करके देश में बिहार को शर्मशार करने का काम किया है. उसे कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है, और जिसने स्वीकार किया, तथा जो उनके समर्थन में खड़े हैं. उनके बारे में समझा जा सकता है, कि वे किस समाज से जुड़े हुए हैं.

श्री सिंह ने कहा है कि बचपन से हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुड़कर रहने, बड़ों एवं महिलाओं के लिए हमेशा सम्मान देने की बातें सिखाई जाती है. मगर बिहार के मुख्यमंत्री ने अमर्यादित टिप्पणी करके अपनी मां की कोख को भी कलंकित कर दिया.भले ही मुख्यमंत्री ने अपने उक्त वचन के लिए क्षमा मांग ली हो.  लेकिन इस जीवन तो क्या अगले जीवन में भी उससे मुक्ति नहीं मिल सकती है. इसके बाद कहा है कि जिस देश में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. जिस देश में कन्या की पूजा की जाती है. इस देश के एक राज्य का मुख्यमंत्री अपनी जुबान से पतित बात करे, तो यह सोचा जा सकता है, कि उसका दृष्टिकोण क्या है.

फिर श्री सिंह ने आगे कहा है कि मुख्यमंत्री की विवेकहीनता यही समाप्त नहीं हुई, बल्कि गुरुवार को भी वे शब्दों की मर्यादा भूलकर दलितों के मसीहा एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, जीतन राम मांझी को सदन में अपमानित करने का काम किया है. इससे यह स्पष्ट हो गया है, कि उनके ऊपर संगति का असर पड़ चुका है, और वे अपनी मानसिक संतुलन खो चुके हैं.

इसके बाद समाजसेवी व रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, प्रमोद कुमार सिंह ने सिंह ने बिहार के राज्यपाल से भी अपील करते हुए कहा है, कि इस मामले को संज्ञान में लेकर केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजें, क्योंकि अब ऐसे व्यक्ति के हाथ में बिहार की सत्ता नही दी जा सकती है, क्योंकि इनकी कार्यशैली से विश्व में बिहार की छवि धूमिल हो रही है.