मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी का इंतक़ाल मिल्लत-ए-इस्लामिया के लिए बड़ा नुक़सान 

आल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने जमात-ए-इस्लामी सदस्यों, परिवार और अन्य लोगों से ताज़ियत का इज़हार किया

मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी का इंतक़ाल मिल्लत-ए-इस्लामिया के लिए बड़ा नुक़सान 

नई दिल्ली : आल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने जमात-ए-इस्लामी हिंद के पूर्व अमीर और मशहूर आलिम ए दीन मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी के इंतक़ाल पर दुख का इज़हार करते हुए कहा है कि मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी की वफ़ात उम्मत ए इस्लामिया ए हिंद के लिए बड़ा नुक़सान है और हम जमात ए इस्लामी हिंद और मौलाना मरहूम के अहले ख़ाना और मुहिब्बीन के साथ इज़हार ए ताज़ियत करते हैं और यह बताना चाहते हैं कि हम उनके दुख दर्द में शामिल हैं।

 कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मौलाना ने ना सिर्फ़ जमात-ए-इस्लामी हिंद को अपनी ख़िदमात के ज़रिए ऊँचाइयों तक पहुँचाया बल्कि उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धि ये है कि इन्होंने देश में बढ़ती नफ़रत के माहौल के बीच विशेष तौर पर ऐसे प्रोग्राम लागू किए जिनके द्वारा देश में भाईचारा और एकता को बढ़ावा मिला।

मौलाना मरहूम ख़ानदानी मामलों जैसे बच्चों की तर्बीयत, शादी, ख़ाना-दारी और समाज में ताल्लुक़ात को लेकर इस्लामी शिक्षा के माहिर थे। मौलाना विशेष तौर पर जुमे के दिन अपने ख़ुत्बे में और ईद के मौक़े पर अपने ख़ुतबात और तहरीरों में रहनुमाई फ़रमाते थे।आप 50 से ज़्यादा किताबों के भी लेखक थे।

कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मौलाना को हमेशा इस बात के लिए याद रखा जाएगा कि इन्होंने मिल्लत की तन्ज़ीमों के बीच एकता पर ख़ास तौर पर काम किया और कोशिश की कि देश और भारतीय मुसलमानों से जुड़े मामलों में मुस्लिम संगठनों का दृष्टिकोण एक हो।

मौलाना की पूरी ज़िंदगी इस्लामी मिशन और तहरीक ए इस्लामी की आबयारी में गुज़री।उनको मिल्ली ख़िदमात, इस्लामी उलूम में महारत और क़ाइदाना सलाहियत के मद्द-ए-नज़र ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड में नायब सदर की ज़िम्मेदारी भी दी गई थी।

मौलाना जमात-ए-इस्लामी की शरिया कौंसल के अध्यक्ष थे। मौलाना बहुत मिलनसार और नरम मिज़ाज थे, कोई भी मौलाना से गुफ़्तगु कर सकता था, परन्तु जब बात सच्चाई और उसूल की होती थी तो सख़्ती के साथ मौक़िफ़ का इज़हार करते थे।आप नरम लहजे और छोटे जुमलों में दिलचस्प गुफ़्तगु करते थे।

कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मौलाना मरहूम का दुनिया से रुख़स्त हो जाना बड़ा मिल्ली ख़सारा है। 

हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि अल्लाह उनके जैसा व्यक्ति भारतीय मुसलमानों को अता फ़रमाए और मरहूम को जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए और मिल्लत-ए-इस्लामिया, जमात-ए-इस्लामी हिंद के सदस्यों, परिवार और मौलाना से जुड़े दूसरे लोगों को सब्र ए जमील अता फ़रमाए।

मीडीया सेल- दिल्ली मजलिस