स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन, लोक संगीत और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति – डॉ. सुरेश पासवान
औरंगाबाद (बिहार): बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉ. सुरेश पासवान ने एक शोक संदेश में कहा कि बिहार की लोक गायकी की रत्न, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का असमय निधन बिहार और देशभर के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके निधन से लोक संगीत और लोक संस्कृति के क्षेत्र में जो खालीपन आया है, उसकी भरपाई भविष्य में शायद ही हो सके।
डॉ. सुरेश पासवान ने कहा, "शारदा सिन्हा बिहार की मिट्टी से जुड़ी एक ऐसी गायिका थीं जिन्होंने न सिर्फ बिहार बल्कि पूरी दुनिया में लोक संस्कृति की पहचान बनाई। उनका गायन छठ महापर्व से लेकर शादी-ब्याह के अवसरों तक हर जगह लोक संगीत को जीवंत करता था। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।"
उन्होंने आगे कहा, "शारदा सिन्हा ने मुंबई जैसे महानगर में अपना नाम बनाया, लेकिन वह हमेशा अपनी जड़ें बिहार की मिट्टी से जोड़े रही। उनके गायन में जो सादगी और गहराई थी, वह किसी महानगर की चमक-धमक में खो नहीं सकती थी।"
डॉ. पासवान ने शारदा सिन्हा के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "मैं उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में साहस मिले।"
--अजय कुमार पाण्डेय