मंडल कारा औरंगाबाद में किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने किया निरीक्षण
अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही के मुताबिक किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी, मनीष कुमार पाण्डेय ने बताया है कि जेल में कैदियों के रखने की सीमा 309 से 3 गुना अधिक 946 जेल में हैं.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी, मनीष कुमार पाण्डेय ने शनिवार दिनांक - 24 सितंबर 2022 को मंडल कारा औरंगाबाद का निरीक्षण किया, और जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि रिमांड के समय जे0 जे0 एक्ट का कठोरता से पालन किया जाए, ताकि कोई भी किशोर जेल में बंद न हो.
इस संबंध में अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधान दंडाधिकारी ने कैदीयों से बातचीत की, जिसमें 10 कैदीयों की उम्र किशोर की सम्भावना है, जिसे विधालय के नामांकन पंजी तथा मैट्रिक दस्तावेज से न्यायालय में प्रमाणित किया जा सकता है.
अधिवक्ता के मुताबिक ही प्रधान दंडाधिकारी ने बताया है कि जेल में कैदियों के रखने की सीमा 309 है. मगर उससे तिगुना अधिक 946 कैदी जेल में हैं. कुछ व्यवस्था में भी सुधार की आवश्यकता है.
डाक्टर और साइक्लाजीस्ट हमेशा उपलब्ध रहना चाहिए. इस मसलें पर जेल अधीक्षक ने बताया कि नया जेल की शुरूआत नवंबर, दिसंबर से होने की संभावना है. उसके बाद स्थिति में काफी सुधार हो जाएगी. इस अवसर पर किशोर न्याय परिषद सदस्य, अरूण कुमार सिंह उपस्थित रहे.