नाक बंद की तकलीफ को हल्‍के में न लें

Do not take the problem of nasal congestion lightly

नाक बंद की तकलीफ को हल्‍के में न लें
problem of nasal congestion

नाक हमारे शरीर की पांच इंद्रियों में से एक है. सांस लेने में रुकावट, नाक की हड्डी का बढ़ना और तिरछा होना, साइनस भरना और एलर्जी होना इसकी आम समस्या है. साइनस के संक्रमण का कारण साइनस की झिल्ली में सूजन आना है. साइनस के कारण हवा की जगह में मवाद या बलगम भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं. इस वजह से सिर में, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है.

साइनस हमारी खोपड़ी में भरी हुई कैविटी होती है, जो हमारे सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करती है. हमारी सांस इस थैली से होकर फेफड़ों तक जाती है. इस थैली में हवा के साथ आने वाली गंदगी यानी धूल और दूसरे प्रकार की गंदगियां रोक ली जाती हैं और बाहर फेंक दी जाती हैं. जब साइनस का रास्ता रुक जाता है यानी बलगम बाहर निकलने का रास्ता रुकता है तो साइनोसाइटिस नाम की बीमारी का खतरा पैदा हो जाता है. इस कारण आपकी ऊर्जा में कमी आती है, नींद पर बुरा असर पड़ता है. आपकी सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर हो जाती है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है.

हमेशा जुकाम रहता है तो सावधान, यह है साइनोसाइटिस

साइनस की बीमारी एक सामान्य बीमारी है जो संक्रमण या एलर्जी से होती है. इस बीमारी में नाक बंद होने से सांस लेने में तकलीफ होती है लेकिन ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि नमी वातावरण में यह परेशानी बढ़ सकती है.

साइनोसाइटिस हो सकता है अगर

आवाज में बदलाव है

सिर में दर्द और भारीपन रहता है

नाक और गले में बलगम रहता है

हल्का बुखार रहता है

दांतों में दर्द रहता है

तनाव से परेशान रहते हैं

चेहरे पर सूजन आ जाती है

नाक से पीले रंग का द्रव गिरने की शिकायत रहती है

कैसे बचें साइनस से

साइनस मानव शरीर की खोपड़ी में हवा भरी हुई कैविटी होती हैं, जो हमारे सिर को हल्कापन और सांस वाली हवा को नमी युक्त करती है.

किसी भी संक्रमण से हुए सर्दी, जुकाम के लंबे समय तक रहने से साइनस की तकलीफ हो सकती है. चेहरे की हड्डियों की खाली जगह को साइनस कहते हैं.

साइनस की चपट में आने से सिरदर्द की परेशानी रहती है. परंतु सारे सिरदर्द का कारण साइनस ही नहीं होते है. कई बार दर्द का कारण माइग्रेन और तनाव भी हो सकता है.

घरेलु उपाय:

स्टीमर या भाप

अगर नाक में ब्लॉकेज है, तो भाप लें. भाप लेते वक्त पंखा, कूलर और एसी बंद कर लें. सिर पर कपड़ा ढककर नाक और मुंह से सांस भरते हुए 8-10 मिनट तक भाप लें. भाप लेने के बाद 20 मिनट तक हवा में न जाएं.

सिकाई

गर्म कपड़ा या फिर गर्म पानी की बोतल गाले के ऊपर रखकर सिकाई करनी चाहिए. इससे काफी आराम मिलता है.

प्याज और लहसुन

अगर आपको साइनर है तो प्याज और लहसुन बेहद फायदेमंद रहेगा. इसे अपने भोजन में शामिल करें. साथ ही इसे कच्चा भी खा सकते हैं.

गाजर का जूस

गाजर का जूस साइनस के इलाज में मदद करेगा. इसमें चुकंदर, पालक या खीरे का रस भी मिक्स कर सकते हैं.

साइनस का ठीक वक्त पर इलाज नहीं कराने से धीरे-धीरे ये माइग्रेन में तब्दील हो जाता है. इस बीमारी से ज्यादातर महिलाओं प्रभावित होती है. इसके इलाज के लिए शुरुआत में डॉक्टर दवाइयों की मदद लेते हैं, लेकिन बीमारी ज्यादा बढ़ जाने पर सर्जरी करवानी पड़ती है.

बंद नाक को खोलने के लिए कुछ रामबाण घरेलु नुस्‍खे

अगर जुकाम में नाक बंद हो तो 10 ग्राम अजवायन को एक साफ कपड़े की पोटली में बांध कर तवे पर गर्म कर लें. फिर इसे बार-बार सूंघने से जुकाम में आराम होता है, बंद नाक खुल जाती है, गंदा पानी निकल जाता है व सिर का भारीपन मिट जाता है.

गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद ,आधा चम्मच नींबू का रस को कुछ महीनों तक लगातार लें इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में संतुलन आ जाएगा और आपको एलर्जी से सम्बंधित परेशानियों में अवश्य ही लाभ मिलेगा.

केवल दो से तीन बूँद लहसुन का रस अपने नाक में टपकायें यह बंद नाक खोलने का एक सरल घरेलु उपाय है.

और अन्‍त में मुझे लगता है कि कलौंजी का तेल जिसमें मौत के अलावा तमाम रोगों का छुटकारा है नाक के अन्‍दर और बाहर मलें इंसा अल्‍लाह फायदा होगा.

मुंह से नाक का काम न लिया जाए जैंसा कि अक्‍सर लोग सांस लेने का काम मुंह से करते हैं क्‍योंकि यह बहुत बड़ी बिमारी को बुलावा है. नाक अंगर बंद है तो सुबह एक तरफ की नाक के छेद को बंद करके सांस ले और दूसरे नाक के छेद से छोड़ें इसी तरह दूसरी तरफ भी करें और लम्‍बा-लम्‍बा सांस लें और छोड़ें. यकीनन अल्‍लाह की मर्जी से ही हर दवा और हर नस्‍खे से फायदा होगा इसलिए एक बार अपनी नाक को नजदीकी डॉक्‍टर को भी दिखाएं. नुकसान दुनिया की हर चीज से है मगर खुदा ने बचाए रखा.

-संकलनकर्ता: शुभचिन्‍तक