औरंगाबाद के सर्किट हाउस में पत्रकार बंधुओं ने आयोजित की एक बैठक
अपराधी को पकड़ने के क्रम में ही अपराधियों ने औरंगाबाद के भाजपा सांसद पर पिस्टल भी तान दिया था. लेकिन औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने अपनी पुरी टीम के साथ मिलकर अपना कर्तव्य समझते हुए तीनों अपराधियों को पकड़ लिया था. जिसमें पकड़े गए तीनों अपराधियों के पास से 01 पल्सर बाइक, एक 09 एम0एम0 की देसी पिस्टल, एक देसी कट्टा, 07 जिंदा कारतूस, महिला द्वारा छीनी हुई चैन भी दो टुकड़ों में बरामद किया गया था.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) मुख्यालय स्थित दानी बिगहा बस स्टैंड के समीप बने हुए सर्किट हाउस (जिला अतिथि गृह) में शुक्रवार दिनांक - 12 मई 2023 को औरंगाबाद के पत्रकार बंधुओं ने एक बैठक आयोजित की. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रहा कि औरंगाबाद में जब से पुलिस - अधीक्षक, श्रीमती स्वप्ना जी मेश्राम ने पदभार ग्रहण किया है. तब से किसी भी पत्रकार का फोन ही नहीं उठाती है. यदि किसी प्रकार की कोई घटना घटती है, तो खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया / वेब / पोर्टल पर खबर प्रकाशित / प्रसारित करने वाले पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी परेशानी हो जाती है, क्योंकि समय पर विभागीय पुलिस - प्रशासन अधिकारी का ब्यान नहीं मिल पाता है. इसलिए फिर उस खबर का कोई महत्व ही नहीं रह जाता है, क्योंकि जब तक विभागीय अधिकारी का ब्यान नहीं मिल जाता है. तब तक ऐसी खबर पुष्ट नहीं हो पाती है.
ध्यातव्य हो कि इस बैठक में उपस्थित समस्त पत्रकार बंधुओं ने बारी - बारी से अपना - अपना राय भी प्रकट किया. इस बैठक में सभी उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने कहा कि यदि प्रिंट मीडिया को तो अधिकारी वीडियो ब्यान नहीं भी देंगे, तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया / वेब / पोर्टल मीडियाकर्मियों को तो खबर प्रकाशित / प्रसारित करने के लिए विभागीय अधिकारी का ब्यान आवश्यक हो जाता है.
बैठक के दौरान ही पत्रकार बंधुओं ने कहा कि यदि पुलिस - अधीक्षक, औरंगाबाद, स्वप्ना जी मेश्राम किसी भी घटना में पत्रकार का फोन उठाती ही नहीं हैं. तब फिर ऐसी परिस्थिति में उससे बेहतर तो होगा, कि विभागीय फेसबुक / इंस्टाग्राम पर से ही जारी किया हुआ वीडियो ब्यान उठा लें, और पुलिस - प्रशासन औरंगाबाद के व्हाट्सएप ग्रुप में रहने से भी हम लोगों को कोई मतलब नहीं है. हम लोग सभी एक ही बार रिमूव हो जाएंगे. जब पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम को औरंगाबाद के किसी भी मीडिया कर्मी का फोन ही नहीं उठाना है, और ना ही घटित घटना या किसी उपलब्धि के बाद प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कोई वीडियो ब्यान ही देना है. तब फिर इनके ग्रुप में रहने से हम लोगों को मतलब ही क्या है.
इसके बाद सर्किट हाउस में उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने कहा कि हाल ही में जब दिनांक - 05 मई 2023 को दिन के उजाले में ही लगभग 12:30 डेहरी ऑन सोन - सोननगर (बारूण) के बीच बनी वृहत सोननद पुल पर औरंगाबाद की सीमा मे एक ही बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने एक महिला की चेन छीन ली थी. तब संजोग से उसी वक्त औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह अपनी पुरी टीम के साथ रोहतास जिला का मुख्यालय सासाराम से वापस औरंगाबाद लौट रहे थे. तब औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने पीड़ित महिला को बृहत सोननद के पुल पर रोते / चिल्लाते हुए देखा था. तब भाजपा सांसद ने अपने चालक से गाड़ी रुकवाकर पीड़ित महिला से पूछा था, कि आप क्यों रो रही हैं. तब पीड़ित महिला ने अपने साथ घटित घटना की सारी बातें सांसद को बताई थी. तब सांसद ने देखा कि एक ही पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार होकर तीन अपराधी काफी तेज गति से औरंगाबाद की तरफ मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 02 पर भाग रहे हैं. तब औरंगाबाद के भाजपा सांसद ने अपने वाहन चालक से कहा कि होशियारी से ही भाग रहे इन तीनों अपराधियों का पीछा करो, और इन तीनों अपराधियों को पकड़ लेना है. इसके बाद वाहन चालक ने भी होशियारी से ही पीछा किया. तब जाकर भाग रहे तीनों अपराधी पकड़े भी गए थे.
अपराधी को पकड़ने के क्रम में ही अपराधियों ने औरंगाबाद के भाजपा सांसद पर पिस्टल भी तान दिया था. लेकिन औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने अपनी पुरी टीम के साथ मिलकर अपना कर्तव्य समझते हुए तीनों अपराधियों को पकड़ लिया था. जिसमें पकड़े गए तीनों अपराधियों के पास से 01 पल्सर बाइक, एक 09 एम0एम0 की देसी पिस्टल, एक देसी कट्टा, 07 जिंदा कारतूस, महिला द्वारा छीनी हुई चैन भी दो टुकड़ों में बरामद किया गया था. हालांकि घटित घटना के तुरंत बाद ही बारुण थाना की गश्ती भी पहुंच गई थी. जिसमें बारुण थाना की गश्ती ने भी भाग रहे तीनों अपराधियों को पकड़ने में सहयोग किया था.
इसी मामले में औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम ने भी घटित घटना के बाद उस वक्त उपस्थित मीडिया कर्मियों को ब्यान न देकर जांच के नाम पर कहते हुए रात्रि लगभग 8:00 बजे खुद बोल करके मीडिया ग्रुप में वीडियो ब्यान डाली थी, और सिर्फ अपने विभागीय पुलिसकर्मियों का ही वीडियो ब्यान के माध्यम से सराहना की थी, जबकि इस घटित घटना में हकीकत था, कि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह एवं उनके टीम द्वारा पीछा करके ही एक ही पल्सर पर भाग रहे तीनों अपराधियों को पकड़ा गया था, और अपराधियों के पास से सामान भी बरामद हुआ था. लेकिन पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम ने सांसद का श्रेय न देकर सिर्फ अपने विभागीय पुलिसकर्मियों को ही वीडियो बयान के माध्यम से श्रेय दी थी, जबकि यह भी हकीकत है कि गेमन पुल पर महिला की चेन छीनकर भाग रहे तीनों अपराधियों को पकड़ने में औरंगाबाद सांसद एवं उनके पूरे टीम का काफी सहयोग रहा. इसलिए पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम द्वारा काफी विलंब से इस प्रकार के दिए गए ब्यान से ही हम लोगों का क्या मतलब रह जाता है. इसलिए आज के बैठक में उपस्थित हम सभी पत्रकार बंधु हस्ताक्षर करके एक लिखित आवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंप दें, कि आप औरंगाबाद मीडिया कर्मियों को सहयोग करें. अन्यथा हम लोग इसकी लिखित सूचना विभाग के वरीय पदाधिकारी / पी0आर0डी0 को भी देंगे.
इसके बाद उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, कांतेश कुमार मिश्रा का जिक्र करते हुए कहा की जब तक वे औरंगाबाद में रहे. तब तक किसी भी पत्रकार बंधुओं को बाइट लेने में कभी कोई परेशानी नहीं हुई. पुलिस - अधीक्षक, कांतेश कुमार मिश्रा स्वयं भी हमेशा प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर सारी जानकारी दे दिया करते थे. उन्होंने औरंगाबाद जिला में उपलब्धि भी काफी हासिल की. जो वर्तमान मोतिहारी में कार्यभार संभाले हुए हैं. लेकिन औरंगाबाद में जब से पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम ने पदभार ग्रहण की है. तब से ना जाने औरंगाबाद में मीडिया कर्मियों से क्यों बचते ही रहना चाहती हैं.