भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं शोषित इंकलाब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, नागमणी कुशवाहा ने सर्किट हाउस, औरंगाबाद में आयोजित किया प्रेस कांफ्रेंस
आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री, नागमणि कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि 23 फरवरी 2025 को गांधी मैदान, पटना में आयोजित होने वाली कोइरी आक्रोश मार्च महारैली के बाद मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार की राजनीति का अंत हो जाएगा.
औरंगाबाद: (बिहार) भारत - सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं शोषित इंकलाब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, नागमणी कुशवाहा ने रविवार दिनांक - 20 अक्टूबर 2024 को सर्किट हाउस औरंगाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. जिसमें विशेषकर बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर ही जमकर हमला बोला है. इस आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भारत - सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री, नागमणी कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है, कि नीतीश सरकार ने जो बिहार में जातीय जनगणना कराया है. ये सिर्फ़ खानापूर्ति के तौर पर किया गया है और पूरे बिहार का रिर्पोट भी है, कि बहुत कम गांव में प्रॉपर वे में सर्वे हुआ है. ये सर्वविदित है कि बिहार में कोयरी समाज का जनसंख्या 12% है और नीतीश सरकार ने उसे 4:15% कर दिया है. ब्राह्मण / भूमिहार / राजपूत की जनसंख्या 6 - 7% प्रतिशत है. उसे 2% - 3% कर दिया गया है. कलाल जाति मुसलमान में आता है. उसको कम कर दिया गया है. ये साबित करता है कि नीतीश सरकार में सर्वे प्रॉपर वे में नहीं हुआ.
सिर्फ खानापूर्ति किया गया है और सबसे ज्यादा खतरनाक बात इस बात का है कि नीतीश सरकार ने नीति बनाया है. पॉलिसी बनाया है जिसकी जितनी जनसंख्या. उसकी उतनी हिस्सेदारी. तो हमारा जो कुशवाहा (कोयरी) समाज है. दांगी समाज है. ब्राम्हण / भूमिहार / राजपूत हैं. ये तमाम लोग का तो गला कट जाएगा. जब जिसकी जितनी जनसंख्या. उसकी उतनी हिस्सेदारी मिलेगा. तो एक तरफ़ से ये तमाम जो मेजर कम्यूनिटी है. उसका तो एकदम गर्दन कट जाएगा. तो इसीलिए हमने खास तौर से पूरे बिहार के कोइरी समाज के लोगों को पटना बुलाया था. और उसमे हम लोगों ने तय किया इस बात का. कि पटना गांधी मैदान में बिहार के पैमाने पर हम लोग कोईरी आक्रोश महारैली करेंगे 23 फरवरी 2025 को. इसीलिए हम लोग बिहार के सभी प्रखंड वाइज कुर्था से हमलोगो ने शुरु किया है. जहां पर स्वर्गीय श्री जगदेव प्रसाद का शहादत स्थल है. वहां से शुरु हुआ.
उसके बाद काको में, जहानाबाद में, घोसी में, मखदुमपुर में, टेहटा में, हम लोग औरंगाबाद में, रफीगंज, देव, कल बारुण और नबीनगर करके हम लोग आज जा रहे हैं. अंबा, कुटुंबा, और शाम में हम लोग का तीन बजे मीटिंग औरंगाबाद के पैमाने पर कुशवाहा नगर में है. कल ओबरा और दाऊदनगर में कार्यक्रम है. परसो हम लोग का कार्यक्रम में गोह और हसपुरा में है. उसके बाद हम लोग रोहतास जिला में चले जायेंगे. रोहतास जिला में भी लगातार चार दिन कार्यक्रम प्रखंड वाइज, आज - तक बिहार का किसी पॉलिटिकल पार्टी ने लगातार 05 महीना, प्रखंड वाइज मीटिंग नहीं किया है. हम लोग प्रखंड वाइज और गांव-गांव में मीटिंग करके लाखों लोग को जुटावेंगे और नीतीश कुमार को औकात बता देंगे कि तुम्हारा औकात क्या है.
नीतीश कुमार का आधार वोट कोइरी और कुर्मी है. लव और कुश उनका आधार वोट है. जब कोइरी समाज लाखों - लाख नीतीश कुमार के खिलाफ एकजूट हो जाएगा. तो बिहार के तमाम मीडिया के लोग, तमाम पॉलिटिकल पार्टी और आमजनता को ये साफ हो जायेगा. कि नीतीश कुमार की राजनीति अन - बन स्वाहा हो गया. उनकी राजनीति का अंत हो जाएगा. 23 फरवरी 2025 को.
तब संवाददाता ने भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री, नागमणि कुशवाहा से सवाल पूछा कि वर्तमान जो दौर चल रहा है राजनीति का. एनडीए बनाम महागठबंधन की राजनीति तो आप किसमें जाएंगे. तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देखिए 15 साल का लालू जी का शासन और एक तरह से 20वॉ साल हो जाएगा.
नीतीश कुमार के शासन. बिल्कुल आम जनता त्रस्त हो गई है. आप बता दीजिए मीडिया के लोग. एक काम चाहे ब्लॉक का हो. थाना का हो. किसी विभाग में बिना पैसा दिए एक काम अगर काम किया हो. तो आप हमको बता दीजिए. देखिए करप्शन चरम सीमा पर है. और ये करप्शन सी.एम. आवास से होता है. जितना ट्रांसफर / पोस्टिंग हो रहा है. वह सी.एम. आवास से ट्रांसफर / पोस्टिंग होता है और बड़े पैमाने पर पैसा लिया जाता है. ये सर्वविदित है कि जब पैसा देकर डी.एम. / एस.पी. / एस.डी.ओ. / डीएसपी आएगा तो जनता को लूटेगा. इसलिए करप्शन तो नीतीश कुमार के सरकार को रहते करप्शन पर काबू नहीं पाया जा सकता है. शिक्षा बिहार का चौपट. आप कहीं बता दीजिए. कहीं कॉलेज में पढ़ाई होती है क्या. कभी सुने हैं. तब संवाददाता ने भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री से बातचीत के क्रम में ही कहा कि यहां तो सिर्फ रजिस्ट्रेशन होता है. फॉर्म भराता है. और संस्कृत विद्यालय की भी वही स्थिति है. कि औरंगाबाद जिला में कहीं भी धरातल पर संस्कृत विद्यालय नहीं चल रहा है.
तब भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भी संवाददाता को जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण आज की तारीख में है. देखिए कहीं भी कॉलेज में पढ़ाई नहीं होती है. स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. तो अलग बात है कि हम लोग पार्टी लाइन के ये जो रैली है. ये कोई पॉलिटिकल पार्टी का नहीं है. इसके बाद भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों को एक चीज बताना चाहते हैं. आप लोगों के माध्यम से की बिहार की जनता को कि हम लोग सन 1994 में कोई कुशवाहा महासम्मेलन पटना गांधी मैदान में किया था. आजादी के पहली बार और तीन - चार महीना उस समय भी हम लोग लगातार पूरे बिहार में जिला / प्रखंड और गांव-गांव का दौरा किया और परिणाम क्या हुआ.
एक साल के बाद सन 1995 में चुनाव हुआ. उसमें जहां 12 एम.एल.ए. कोइरी समाज में होता था. सीधे हमारा 29 एम.एल.ए बना. दुगना से भी ज्यादा. उसी तरह से एक मंत्री बनता था. 07- 07 मंत्री हम लोग बनवाए. लालू जी से भीड़ करके. उसी तरह से आजादी के बाद पहली बार कोइरी समाज से पब्लिक सर्विस कमीशन का सदस्य बनाया गया. जहां डिप्टी कलेक्टर के गजेटेड पदाधिकारी बनते हैं. और कॉलेज में प्रोफेसर की नियुक्ति थी. कॉलेज सर्विस कमीशन का चेयरमैन बनाया गया.
कुशवाहा समाज को आज नीतीश कुमार के बारे में लोग बोलते हैं, कि नीतीश कुमार का कोइरी / कुर्मी का सरकार है. आज ना कोई वी.सी है. ना पब्लिक सर्विस कमीशन का मेंबर है. ना कॉलेज सेवा सर्विस का चेयरमैन है. ना स्कूल सर्विस कमीशन का मेंबर है. और जितने भी हमारे आई.ए.एस. / आई.पी.एस. है. सबको सेटिंग में डाल दिया है बिहार में. नीतीश कुमार एक तरह से कुर्मिस्तान बनाकर छोड़ दिया है. पूरे देश का जितना आई.ए एस. / आई.पी.एस. पदाधिकारी था. सबका डिप्टेशन बिहार में करा / करके डी.जी. कोई हो. सेटलमेंट कुर्मी है. जितना विभाग है. उसका सेक्रेटरी कोई दूसरा कास्ट है. लेकिन सेकंड मैन कुर्मी है. वो सेकंड मैन का ही चलता है. फर्स्ट मैन का नहीं चलता है. तो एक तरह से नीतीश कुमार बिहार में कुर्मिस्तान बनाने का काम किए हैं. इसके बाद भारत - सरकार के पूर्व मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को प्रहार करते हुए कहा कि औकात बता देंगे 23 फरवरी 2025 को. और जो कोइरी का रैली होगा. इसमें जिस तरह से कोइरी समाज को. और अन्य को. ये ब्राह्मण / भूमिहार / राजपूत को जलील करने का काम किया. अपमानित करने का काम किया. उसको औकात बता देंगे. और नागमणि से भेंट हो गया उसका.
तब संवाददाता ने भारत - सरकार के पूर्व मंत्री एवं शोषित इंकलाब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, नागमणी से सवाल पूछा कि कोइरी / कुर्मी समीकरण की जो आप बात कर रहे हैं तो पिछले लोकसभा चुनाव में आपने भी देखा है. सबने देखा है कि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र एवं काराकाट लोकसभा क्षेत्र, दोनों सीट ढह गया. कोइरी समीकरण कहां रहा और कुर्मी समीकरण इनका कहां रहा.
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भारत - सरकार के पूर्व मंत्री ने कहा कि नहीं - नहीं जो बचा हुआ है. वो क्या हुआ है. जो मानें कि 50-50 पूरे बिहार में मास का डाटा देता हूं. डिवीजन हो गया. कोइरी का वोट सत्यनारायण भगवान का प्रसादी हो गया. औरंगाबाद में भले ही, औरंगाबाद और काराकाट में लोग एकजुट हुए हैं. अलग बात है. लेकिन पूरे बिहार में मैं कहना चाहता हूं कि मोतिहारी में महागठबंधन का कैंडिडेट था. कोइरी समाज के लोग ने वोट दे दिया. ये आपका नवादा में महागठबंधन का कैंडिडेट था. कोइरी समाज ने वोट नहीं दिया. खगड़िया में महागठबंधन का कैंडिडेट था. कोइरी समाज ने वोट नहीं दिया. इसका कारण क्या है. 30 साल पहले हमने कोइरी महासम्मेलन पटना गांधी मैदान में किया था. 30 साल तक मेरे अलावा कोई आदमी हिम्मत नहीं किया. गांधी मैदान में रैली करने का. 30 साल जब मैंने देखा कि सत्यनारायण भगवान का प्रसादी हो रहा है. कोइरी को एकजुट कर रहा है.
तब मैंने बीड़ा उठाया हूं. और डंके की चोट पर कहना चाहता हूं आपको. की नीतीश हटाओ. बिहार बचाओ. हम लोग का मोटिव हो जाएगा. तब संवाददाता ने भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा कि वर्तमान जो राजनीति का दौर चल रहा है. आखिर आप एन.डी.ए. की तरफ होंगे. या महागठबंधन की तरफ होंगे. या फ़िर प्रशांत किशोर की तरफ. तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी हमारा एक सूत्री कार्यक्रम है. कोइरी समाज को एकजुट करना. ब्राह्मण / भूमिहार / राजपूत के साथ जो अत्याचार / अन्याय हुआ है. उसके खिलाफ लड़ना. यह हमारा मुख्य मकसद होगा. कब - तक. 30 फरवरी 2025 तक. 23 फरवरी 2025 का रैली होने के बाद हम लोग पॉलिटिकल लाइन रैली में ही ले लेंगे. और उसके हिसाब से हम लोग राजनीतिक करेंगे.
तब संवाददाता ने सवाल पूछा कि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार तो किसी भी जनसभा या प्रेस - कांफ्रेंस में कहते हैं कि हम तो लगातार काम कर रहे हैं जी. जिसको जो चिल्लाना है चिल्लाते रहे. 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी. आप लोग तो जान रहे हैं ना. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे. तब पूर्व मंत्री ने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अरे भैया शिक्षा भी चौपट. हॉस्पिटल का बुरा हाल है जो आज - तक सुई का कारखाना नहीं बना. बेवकूफ है क्या बिहार की जनता. अब नौटंकी इनका बंद हो गया.
तब संवाददाता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा कि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार तो कहते हैं कि दिखता ही नहीं है. कि यहां श्री सीमेंट प्लांट बैठा. औरंगाबाद जिले में दो-दो एन.टी.पी.सी. बैठा. तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप जरा दूसरे राज्य से तुलना कीजिएगा. हजारों ए.सी. प्लांट पूरे देश में लगा हुआ है. आपके यहां कैगो ए.सी. प्लांट लगा हुआ है. एगो सुई का कारखाना नहीं बना है. जब ये सी.एम.बने थे. मेरी वाइफ मिनिस्टर थी. तो मास्को से एक हमारा वो कैप्टिलिस्ट दोस्त आया और मुख्यमंत्री से टाइम दिलवाए.
तब बात मुख्यमंत्री से हुआ और दूसरे मुख्यमंत्री ने खुद ही कहा कि ये आदमी का वॉइस चेयरमैन को कि इनसे मीटिंग कर लो. एक कप चाय उसको नहीं पूछा. तो उसने आकर के कहा. मेरे यहां खाना था. तो उसने कहा कि बताइए. सी.एम. बोले हुए हैं. अफसर को. और इतने बड़े इन्वेस्ट करने हम आए हैं. एक कप चाय तक नहीं पूछा. और उसी दिन कहा कि कहीं भी कोई इन्वेस्टर यहां इन्वेस्ट नहीं करेगा. तब संवाददाता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा कि भूमि सर्वे का जो लक्ष्य लिए हुए हैं.
माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार. उसको आप कैसे देख रहे हैं. तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिल्कुल गलत है. हम खुद जिस मकान में हम रहते हैं. हमारे बाबू जी ने वो जमीन रजिस्ट्री कराया था. उसका पेपरे नहीं है मेरे पास. अब बताओ. गांव का आखिर कहां से रहेगा. पेपर उपर. ये तो वो मने कि गृह युद्ध नीतीश कुमार ने फैलाने का काम किया है.
इसके बाद स्मार्ट मीटर पर भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ये जो बिजली का स्मार्ट मीटर है. ये तो बनिया वाला काम नीतीश कुमार कर रहा है. वो प्रॉफिट कमा रहा है. पहले जो रेट था. उसके हिसाब से दुगना रेट बिजली का आ रहा है. इसलिए यह जो स्मार्ट मीटर वाला मामला है. ये भी बहुत पेचीदा है.
इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शराब नीति पर भी प्रहार करते हुए कहा कि ये शराब का बंदी किया है. हम लोगों ने तो कहा है. पार्टी लाइन पर मैं शोषित इंकलाब पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं. मैंने कहा है कि हमारी सरकार बनेगी तो पहले कैबिनेट में हम लोग शराबबंदी को खत्म करेंगे. चुकी शराबबंदी तो हो नहीं रही है. पहले दुकान से मिलता था. लेकिन अब होम डिलीवरी हो रहा है. लेकिन सबसे खतरनाक बात है. शराबबंदी से कि 20 - 25 हजार करोड़ रूपया जो आमदनी होता था. बिहार - सरकार को वो किसानों पर टैक्स लगा दिया. किसान का जमीन सर्किल रेट को आप देखेंगे. आप लोग मीडिया के सभी इंपॉर्टेंट लोग हैं. सर्किल रेट को देखिएगा. तीन-चार गुना सर्किल रेट बढ़ा दिया गया है और जब रजिस्ट्री करने जाता है. तो उसको बुखार छूट जाता है. टैक्स देने में. तो ये तो बनिया वाला काम कर रहा है. बिहार - सरकार एक वेलफेयर स्टेट है. कोई भी सरकार और ये बनियऊटी वाला काम कर रहा है. खाली प्रॉफिट कमाओ.
तब संवाददाता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा कि जब पिछले दिनों जिला पदाधिकारी ने यहां प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था. भूमि सर्वे / स्मार्ट मीटर एवं स्वच्छता अभियान को लेकर के तब हमने सवाल उठाया था. उस समय बिजली विभाग के भी पदाधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.
तब हमने सवाल पूछा था. कि यह आपका कैसा सर्वे नीति है कि जो भूमि शिवकुंड के नाम पर है जिस पर कि नवीनगर प्रखंड अंतर्गत महुआंव गांव (पंचायत) के मामले में ही पूर्व मुखिया ने ग्रामीणों द्वारा दिए गए लिखित आवेदन के आधार पर अनुशंसा करते हुए कहा था. कि ग्रामीणों का कथन सत्य है. इस पर शिवकुंड का निर्माण होना चाहिए. और उसी जमीन पर पैक्स गोदाम भी बनाया गया है. जो अर्ध अधूरा ही रहा और 27 लाख रूपया रिकवरी का भी आदेश है. तथा कई कांडों का आरोपी भी है पूर्व पैक्स - अध्यक्ष. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहेंगे.
तब भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हंसते हुए संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ये तो नीतीश कुमार का राज है. अंत में भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री, नागमणी कुशवाहा ने कहा कि मने हम नहीं समझते हैं. कि ये सही तरीके से जातीय सर्वे कराने वाला है. अगर नहीं कराएगा तो उसका फल मिलेगा नीतीश कुमार को. तब संवाददाता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा कि विगत दिनों जब हमने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जिला पदाधिकारी से सवाल उठाया था. कि आप कहते हैं कि स्मार्ट मीटर और पुराने मीटर में कोई फर्क नहीं है. दोनों का बिलिंग सेम चलता है. और जब बिलिंग सेम चलता है. तो फिर स्मार्ट मीटर की क्या आवश्यकता है. आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ही दोनों मीटर का बक्सा भी लेकर पहुंचे थे. बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे.
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जरूरत नहीं है. नहीं ये तो नीतीश सरकार बनियऊटी वाला काम कर रहा है. सरकार को वेलफेयर सेट होता है. और ये टाटा / बिड़ला का उद्देश्य ही होता है पैसा कमाना. इस तरह से शराब बंदी की भरपाई करने के लिए सरकार कर रही है.
तब संवाददाता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा कि पुरातत्व विभाग का भी जो अस्तित्व दिन प्रतिदिन मिटता जा रहा है. जो ऐतिहासिक धरोहर है. वो समाप्त होने के कगार पर है. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे. तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा चौपट / स्वास्थ्य चौपट. तो धरोहर का कहां इनका ध्यान है.
By अजय कुमार पाण्डेय