औरंगाबाद में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद का महापर्व
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों मे भी इस बार गुरुवार दिनांक - 11 अप्रैल 2024 को काफ़ी हर्षोल्लास के साथ ईद का महापर्व मनाया गया. चाहे बच्चे हों, जवान हों या वृद्ध. सभी लोगों ने अपने अपने सगे संबंधियों एवं ईष्ट मित्रों से देर रात तक मुलाकात करते हुए गले लगाया, और एक दूसरे को लंबी उम्र की कामना की. इसी महापर्व के पावन अवसर पर जिला मुख्यालय औरंगाबाद स्थित मिनी बिगहा निवासी मोहम्मद शमीम ऊर्फ छोटू मिस्त्री ने भी अपने सभी परिजनों एवं ईष्ट मित्रों से मुलाकात करते हुए देर रात्रि तक गले लगाया, और सभी को लंबी उम्र की कामना की.
ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय स्थित मिनी बिगहा निवासी मोहम्मद शमीम ऊर्फ छोटू मिस्त्री एक ऐसे इंसान व्यक्ति हैं. जो सदैव गरीबों को ही मदद करते रहे हैं. जिनका महिंद्रा कंपनी से जुड़ी हुई कोई भी चारपहिया वाहन बनाने का अपना निजी गैरेज महराजगंज रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के ठीक सामने है, और यही वो इंसान व्यक्ति है. जिनके मिनी बिगहा स्थित मकान पर सन 2008 में जलन से प्रभावित होकर बगल के लोगों ने ही आग लगा दिया था. जिसमें मकान के साथ - साथ सारी संपत्ति जलकर राख हो गई थी. उस वक्त दाने - दाने को मोहताज हो गए थे. उस वक्त इनकी बच्ची की शादी भी रूक गई थी. लगभग तीन महीने तक अपने घर के ठीक सामने ही सड़क किनारे टेंट लगाकर अपने पुरे परिवार के साथ गुजारा किया था. उस वक्त प्रखंड कार्यालय औरंगाबाद से सरकारी सहायता के रूप में अनाज एवं नगद राशि का भी भुगतान किया गया था. अखबारों की सुर्खियों में भी न्यूज छपा था.
ज्ञात हो कि उसी वक्त पीड़ित छोटू मिस्त्री अपनी बच्ची की शादी करने हेतू जो 54,000 रुपया इकठ्ठा करके रखें हुए थे. वो भी इसी अग्निकांड में जलकर राख हो गया था, और इनके भाई साहब ने भी जो बारातियों तथा ईष्ट मित्रों को स्वागत करने के उद्देश्य से मुंबई से मिठाई लाए थे. वो भी अग्निकांड में ही जलकर राख हो गया था. साथ ही इनके भाई साहब मुंबई से कितना पैसा भी लेकर आए थे. जो अग्निकांड में जलकर राख हो गया था. वो आज तक किसी को नहीं बताया.
इसके अलावे एक बार छोटू मिस्त्री का ही बकरीद के वक्त जलन की वजह से लोगों ने महंगी बकरा भी गायब कर दिया था. जिसके वजह से पीड़ित छोटू मिस्त्री ने अल्लाह के नाम पर ही बकरीद का पर्व भी नही मनाया था. फिर भी सारा दुःख सहन करते हुए पीड़ित ने किसी व्यक्ति पर लिखित प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई थी, और पीड़ित का कहना था, कि जिसने भी मुझे बर्बाद किया है. उसका इंसाफ तो ईश्वर करेगें ही.