निवर्तमान भाजपा सांसद ने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद रविवार को किया प्रेस कांफ्रेंस
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र संख्या - 37 से चुनाव हारने के बाद प्रथम दिन रविवार दिनांक - 09 मई 2024 को निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने अपने जिला मुख्यालय स्थित आवास पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया. आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान निवर्तमान भाजपा सांसद ने सर्वप्रथम कहा कि प्रेस के मित्रों का स्वागत है. चुनाव परिणाम आने के बाद आज मैंने ये प्रेस वार्ता इसलिए रखा है, कि सबसे पहले तो मेरी तरफ से चुनाव जीतने वाले को शुभकामना है.
दूसरी बात कि जिस परिस्थिति में भी जब विपक्ष की पार्टियों के द्वारा बहुत बड़ी झूठ का सहारा लिया गया. लोगों को प्रलोभन दिया गया. एक कांग्रेस गारंटी फॉर्म तक का वितरण हुआ. जिसमें देश के हरेक महिला को 8,500 हजार रुपया प्रतिमाह देने की बात की गई थी. युवाओं को प्रतिमाह एक लाख रुपया देने का वादा किया गया, और इस तरह से अनेक झूठे वादे किए गए. समाज में एक अविश्वास का वातावरण मतदाताओं के बीच फैलाया गया, कि यदि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन जाएंगे. तो संविधान बदल दिया जाएगा. लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा. फिर कभी चुनाव नहीं होगा. पिछड़ों / दलितों का आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. यहां तक की गांव-गांव तक ये बात भी फैलाई गई, कि इस बार मोदी प्रधानमंत्री बन गए. तो मोदी देश बेच देंगे.
इसके बाद निवर्तमान भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी तरह का कि इन्होंने नहीं दिया, उन्होंने नहीं दिया, उसने समर्थन नहीं किया, उसने विरोध किया. ये कहने की आवश्यकता नहीं है. कोई पहला चुनाव मैं नहीं हारा हूं. मैंने बहुत कठिन से कठिन दौर देखे हैं. मेरे पिताजी (स्वर्गीय रामनरेश सिंह उर्फ लूटन बाबू) 1985 का विधानसभा का चुनाव हार गए थे. उसके बाद सन 1987 में उनके ऊपर सी.सी.ए. लगाकर उनको जेल में डाल दिया गया था. बड़े दुर्दीन / बहुत सी विकट परिस्थिति मैने झेली है. इसीलिए इस बार की हार होगी. मैं स्पोर्ट्समैन, स्पिरिट की तरह लेता हूं. लोकतंत्र है, और जीत - हार लगा रहता है.
जनादेश को स्वीकार करते हुए मैं शिरोधार्य करता हूं. जनता का निर्णय है, और इसका स्वागत करता हूं. खैर मैं धन्यवाद करना चाहता हूं, देश की जनता का. जिन लोगों ने अपना समर्थन देकर पुनः एक बार तीसरी बार एन.डी.ए. की सरकार बनवाई. आज प्रधानमंत्री जी का 7:15 बजे श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में और उनका मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण करने वाला है. ऐसे झूठ का सहारा लेने वाले को अब पता चल जाएगा. उनके झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा.
इसलिए यदि मोदी जी की सरकार नहीं बनती. मोदी जी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनते, तो इन लोग अपने झूठ को बार-बार दोहराते, और कहते कि अच्छा हुआ कि आप लोगों ने मोदी को नहीं चुना. यदि मोदी को चुन लिया होता तो, ये देश बिक जाता. लोकतंत्र समाप्त हो जाता. आरक्षण खतम हो जाता. फिर कभी चुनाव नहीं होते. आदि - आदि अनेक ऊल - जलूल बिना सिर - पैर की बातें की जाती. ये तो तय था, कि जिस प्रकार से उन लोगों ने वादा किया है, किया था चुनाव में, कि 8,500 हजार रुपया हर महिला को देंगे. एक लाख रूपया हर युवा को देंगे. किसान को देंगे, और एम.एस.पी. की गारंटी देंगे. ये तो होना नहीं था. लेकिन कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की गठबंधन सिर्फ टाल रहा है. उनके कार्यकाल में क्या होता था. ये सबको पता है. लेकिन इनको झूठ का सहारा लेकर / दुष्प्रचार प्रचार करके जनता में संशय फैलाकर किसी प्रकार से सत्ता हासिल कर लेना है. बिल्कुल ये चिंता नहीं की यदि सत्ता मिल गई, और हम इस झूठ का जो सहारा ले रहे हैं. वो पूरा नहीं कर पाएंगे, तो लोग क्या कहेंगे. इसकी चिंता उन लोगों को नहीं थी. उन लोगों का उद्देश्य था कि किसी प्रकार से झूठा वादा करके / बरगलाकर / देश में संशय फैला करके हम सता हथिया लें.
लेकिन देश की जनता का पुनः एक बार धन्यवाद करता हूं, कि लोगों ने ऐसा होने नहीं दिया. कई जगह इंडी एलाइंस की सरकारें है. दिल्ली में सरकार है. पंजाब में सरकार है. जहां से किसान आंदोलन शुरू हुआ. बंगाल में है, कर्नाटका में है. कई जगह इंडी एलायंस के अलग-अलग दलों की सरकारें है. जो वादा देश की जनता से इंडी एलाइंस के लोगों ने किया. मैं उनसे पुरजोर शब्दों में मांग करना चाहता हूं, कि उन - उन राज्यों में इंडी एलायंस की सरकारें जनता के किए गए वायदों को पूरा करें.
आप लोगों ने सुना ही होगा, की उस गारंटी फॉर्म को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं लखनऊ और बेंगलुरु के कांग्रेस पार्टी दफ्तर में जमा हुई. जो पता चल गया उनको इस मूल का. तीसरी बात मैं ये कहना चाहता हूं, कि जिन लोगों ने, जिन मतदाताओं ने मुझे अपना आशीर्वाद रूपी मत दिया. उनके प्रति मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं, और जिन लोगों ने नहीं भी दिया. ऐसे झूठे संशय में, शंका में, बहकावे में आ गए. संकीर्णता में घिर गए. जात-पात में पड़ गए, या उनको डाल दिया गया. उनको भी धन्यवाद करता हूं. तत्पश्चात निवर्तमान भाजपा सांसद ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी तरफ से उम्मीदवार के रूप में कोई भी दोषारोपण नहीं है.
मैं किसी के ऊपर कोई दोष नहीं देता. ना किसी जात, ना कोई समूह, ना कोई व्यक्ति, ना कोई अन्य. कम या अधिक हर जाति से, हर वर्ग से, हर संप्रदाय से मुझे समर्थन मिला है. यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो मुझे जो 03 लाख 87 हजार मत मिले. वो कहां से आए, कहां से आए, तो मैं किसी के ऊपर कोई दोषारोपण नहीं कर रहा हूं. हां दु:ख में / अवसाद में / तकलीफ में यदि मेरे कोई समर्थक किसी के ऊपर सामाजिक / जातिय या व्यक्तिगत दोषारोपण करते हैं. किसी को किसी ने कुछ कहा है, या कहता है. मेरी तरफ से उसका कोई समर्थन नहीं है. मेरी तरफ से ऐसी बातों को कभी प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है. मेरी तरफ से ऐसा कहने वालों का कभी संरक्षण नहीं दिया जाता, और ऐसा करने वाले को जो मेरे समर्थक हो सकते हैं. मेरे शुभचिंतक हो सकते हैं. कुछ लोग हैवान प्रवृति के होते हैं. शांत शील स्वभाव के होते हैं, और कुछ लोग अति भावनात्मक होते हैं. भावना में बहने की आवश्यकता नहीं है. किसी भी तरह का इन्होंने मत नहीं दिया, उन्होंने मत नहीं दिया. उसने समर्थन नहीं दिया, उसने विरोध किया. ये कहने की आवश्यकता नहीं है.
मैं कहना चाहता हूं. औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में जिन कुछ कार्यों को अपनी मेहनत / अपने परिश्रम और अपने प्रयास से मैनें प्रारंभ किया. वो पूरी तो नहीं हो सकी. लेकिन मुहाने पर लाकर मैनें जरूर पंहुचा दिया. मैं ये अपेक्षा रखूंगा कि मेरा जो सपना था, या है, वो पुरा हो. जैसे: उत्तर कोयल नहर की बात करें, तो इसका 90% लगभग काम हो चुका है. आगे भी मेरा प्रयास होगा. पद पर नहीं रहते हुए भी जो मैं कर सकता हूं. निश्चित रूप से करूंगा. ताकि उत्तर कोयल नहर परियोजना का काम पूरा हो जाए. पटना से औरंगाबाद होते हुए हरिहरगंज तक एन.एच. - 139 के फोर लेन करने का काम मैंने शुरू किया था. इसके सर्वे के लिए निविदा भी हुई. उसका रिपोर्ट सबमिट हुआ. अभी किस स्थिति में ये काम है, और इसको आगे बढ़ाकर इस सड़क को फोरलेन बनाने के लिए मेरा प्रयास जारी रहेगा. बिहटा - औरंगाबाद रेल लाइन का काम ये भी पुरा हो. शुरू हो, और पूर्ण हो. इसके लिए मेरा प्रयास जारी रहेगा. मेरे कहने का मतलब ये है. हडियाही नहर के लिए मैं प्रयास किया. कई बैठकें उपायुक्त पलामू के साथ इस संबंध में तत्कालीन और वर्तमान भी सांसद भाजपा के साथ किया.
इसके बाद निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने कहा कि मेरे शुभचिंतक द्वारा यदि किसी को व्यक्तिगत तौर पर या जाति का नाम लेकर कहा जा रहा है, तो मैं अपनी तरफ से क्षमा प्रार्थी भी हूं, और मैं अपने उस शुभचिंतक को कहना चाहता हूं, कि ऐसा ना करें. यदि जब कोई चुनाव जीतता है, तो सब कुछ अच्छा-अच्छा लगता है, और जब कोई चुनाव हार जाता है, तो हर सामने वाले आदमी के ऊपर शक की दृष्टि से देखता है. उसको लगता है कि इन्होंने भी समर्थन नहीं किया. इन्होंने भी नहीं किया, इन्होंने भी नहीं किया. लेकिन मेरा कई चुनाव के जीतने का और हारने का अनुभव है. इसीलिए मैंने कहा कि किसी ने अगर नहीं दिया, तो फ़िर 03 लाख 87 हजार मत आए कहां से. ये ठीक है कि हमारे विरोधी को हमसे ज्यादा मत मिले. लेकिन हमें भी अच्छी संख्या में लोगों के मत मिले. इसलिए मैं उनका आभारी हूं, और अंतिम बात मैं ये कहूंगा, कि अपनी जीवन में समाज की सेवा के लिए मैने राजनीत में आने का निर्णय लिया. समाज सेवा मेरा धर्म, मेरा कर्तव्य और मेरा संकल्प है. समाज के हर वर्ग के / हर समूह के/ हर संप्रदाय के / हर समुदाय के लोगों का पूरे सम्मान के साथ / पूरी ईमानदारी के साथ लोगों का सेवा करना, ये मेरे जीवन का व्रत है, और मेरा संकल्प है. मेरा ये संकल्प जारी रहेगा.
मै जनता के हर सुख - दु:ख में पहले भी खड़ा था. आज भी खड़ा हूं, और आगे भी रहूंगा, धन्यवाद. फिर निवर्तमान भाजपा सांसद ने कहा कि तीसरी घटना है. जब ये कहा जा रहा है, कि अमुक - अमुक जाति के लोग पहले समूह में काटे जाते थे. फिर से काटे जाएंगे. फिर से मारे जाएंगे. इसलिए प्रशासन से भी मैं कहना चाहता हूं, कि ऐसी किसी भी गतिविधि पर तुरंत लगाम लगना चाहिए. सामाजिक सौहार्द बरकरार रहे, बना रहे. उसकी चिंता औरंगाबाद जिला - प्रशासन या जिला - प्रशासन करें, और अगर कोई सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम करता है, तो उसके ऊपर कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई समय रहते हो. ताकि समाज में तनाव पैदा ना हो. मार - काट नहीं मचे. सामाजिक सौहार्द ना बिगड़े.
इसके बाद निवर्तमान भाजपा सांसद ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि किसी को तकलीफ में डालकर नहीं. सामाजिक समरसता को बनाए रखें. सामाजिक सौहार्द बना रहे. इसकी चिंता नेता अधिक करें. साथ - साथ जनता भी करें. ये बात मैं इसलिए कह रहा हूं, कि मैंने भी पांच - पांच चुनाव जीते हैं. लेकिन कभी भी सामाजिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं दिया. अपने किसी भी समर्थक को खुशी जाहिर करते / विरोधी के घर पर आतिशबाजी करना / नारेबाजी करना या कभी उस तरह की किसी काम को संरक्षण नहीं दिया, बल्कि दबाया, और ऐसा कभी हुआ भी नहीं. लेकिन अभी देखने को मिल रहा है. एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें पुराने इतिहास को दोहराने की बात की जा रही है. जाति का नाम लेकर कहा जा रहा है, कि जिस प्रकार से पूर्व में ये लोग काटे जाते थे, मारे जाते थे. पुनः वो दौर शुरू होगा. पुनः वो काटे जाएंगे, वो मारे जाएंगे. औरंगाबाद सदर प्रखंड के फेसर थाना में आने वाले गांव की घटना है. दोनों तरफ से प्राथमिकी भी दर्ज हुई है.
इसके बाद निवर्तमान भाजपा सांसद ने अपने कार्यकाल के संबंध में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जब दूसरी बार औरंगाबाद की जनता ने मुझे अवसर दिया, तो 2010 के अगस्त महीना आते-आते यानी सवा साल होते - होते मैंने औरंगाबाद जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना कराई, जो नहीं था. अपने दूसरे कार्यकाल में 2009 से 2014 के बीच में अपने संसदीय क्षेत्र के / औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र के गया जिला अंतर्गत टिकारी प्रखंड में प्रयास करके दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना मैंने करा दी. यहां आज देश भर के बच्चे पढ़ रहे हैं. इंजीनियरिंग और मेडिकल को छोड़कर बाकी सारी फैकल्टी और सारे संकाय वहां चल रहे है. हजारों बच्चे वहां पढ़ रहे हैं, रह रहे हैं. अभी चुनाव परिणाम आने के बाद एक चीज देखने को मिल रहा है. सुनने को मिला है. मैं अपने समर्थकों और जीतने वाली पार्टी के समर्थकों. सबको व्यक्तिगत तौर पर ये अपील करूंगा. खुशी जरूर मनाएं. लेकिन किसी को चिढ़ाकर नहीं.
ध्यातव्य हो कि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस की समाप्ति पश्चात् बातचीत के क्रम में ही भारत - सरकार के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री एवं निवर्तमान रक्षा मंत्री, माननीय राजनाथ सिंह के संबंध में प्रशंसा करते हुए कहा कि माननीय राजनाथ सिंह जी एक लिबरल व्यक्ति है. इनके पास चाहे कोई भी समाज के व्यक्ति जाता हो. चाहे हिंदू समाज के हो / चाहे मुस्लिम समाज के हो /सिख समाज के हो / ईसाई समाज के हो / या किसी भी समाज के हो. सबसे बहुत शालीनता से ही बात करते हैं, और सबका ईमानदारी पूर्वक कार्य भी करते हैं. वे यह कभी नहीं देखते हैं, कि कौन व्यक्ति किस जाति / धर्म से जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद भी इस बार के संपन्न हुए चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्र का मुस्लिम समाज उन्हें वोट नहीं दिया है. जहां से उनकी हार हुई है. वो मुस्लिम बहुल हीं क्षेत्र है.
इसके बाद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने उपस्थित पत्रकारों के समक्ष बातचीत के क्रम में ही कहा कि अयोध्या में भी कोई ऐसा मुस्लिम समाज का व्यक्ति नहीं है, कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 500 मुस्लिम समाज के लोगों को पक्का मकान नहीं दिया गया है. मुस्लिम समाज के लोगों से भेदभाव करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं में शामिल राशन योजना के तहत 05 किलो फ्री में अनाज नहीं दिया गया हो. आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को साल में 05 लाख रूपये तक का नि:शुल्क इलाज कराने के लिए कार्ड नहीं दिया गया हो.
इसके बावजूद भी इस बार के संपन्न लोकसभा चुनाव में अयोध्या के अंदर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिया, और लोग जाति पार्टी के नाम पर बट ही गए. जबकि आप लोग भी जान रहे हैं, कि आज अयोध्या में मंदिर बनने की वजह से ही पूरे दुनिया में भारतवर्ष का नाम हुआ है. पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केंद्र बना है. अयोध्या के लोगों की आमदनी बढ़ी है. इसके बावजूद भी भाजपा को वोट ना मिलना दुर्भाग्य की ही बात है. इसी प्रकार माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी के क्षेत्र वाराणसी में भी इतना अच्छा विकास हुआ, कि आज देश भर से / विदेश भर से कम से कम पांच लाख लोग प्रतिदिन वाराणसी पहुंचते हैं, और वाराणसी क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों का धंधा फल - फूल रहा है. होटल वालों की भी अच्छी आमदनी हो रही है.
इसलिए माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक स्थानों पर काफी काम भी किया है. फिर निवर्तमान भाजपा सांसद ने कहा कि लेकिन मेरे किसी शुभचिंतक के द्वारा यदि किसी को व्यक्तिगत तौर पर जाति का नाम लेकर कहा जा रहा है, तो मैं अपनी तरफ से क्षमा प्रार्थी भी हूं, और अपने उस शुभचिंतक को मैं कहना चाहता हूं, कि ऐसा ना करें. हम लोग भी दोनों घरानों (दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर एवं नागालैंड, केरल दोनों राज्यों के राज्यपाल रह चुके निखिल कुमार घराना) के बीच हमेशा चुनाव लड़े. लेकिन जो उचित होना चाहिए. हम लोगों ने वैसा ही शुरू से मर्यादा में रहते हुए निभाया है.
इसीलिए मर्यादा के विपरीत कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए. अंत में बातचीत के दौरान ही औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने कहा कि पहले यहां के लोगों को सांसद आसानी से मिल जाते थे. यदि कहीं बाहर नहीं जाना रहता था, तो सुबह से ही लोग मिलने के लिए आते थे, और मैं बैठकर सभी के कामों का बारी-बारी से निपटारा भी करता था. चाहे जिस प्रकार के भी काम हो. लेकिन अब तो लगता है, कि औरंगाबाद के लोगों को सांसद से मुलाकात भी नहीं हो पाएगा.
इसके बाद निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने कहा कि औरंगाबाद के कुछ लोग कहते थे, कि बड़ी दिन से सांसद हथी. अब इनका घमंड हो गेल हईन. इसलिए अब हटे के चहिअईन. लेकिन हम अपने से तो इतना दिन से सांसद न हली. जनता के आशीर्वाद से ही सांसद बनल हली. और जहां तक मुझे घमंड की बात है. तो कभी भी मेरा ना घमंड था, ना है, और ना आगे भी रहेगा. लेकिन आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह भी देखा गया, कि प्रेस कांफ्रेंस में बैठे हुए निवर्तमान भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह पूरे समय तक उदास ही रहे.