स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती सह किसान समागम का निमंत्रण देने हेतु राज्यसभा सांसद पहुंचे औरंगाबाद परिसदन में की प्रेस वार्ता
Swami Sahajanand Saraswati Jayanti cum Kisan Samagam Rajya Sabha MP reached Aurangabad to invite press conference
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर ने महाशिवरात्रि से मात्र एक दिन पूर्व शुक्रवार दिनांक - 17 फरवरी 2023 को मुख्यालय स्थित परिसदन में पहुंचकर संध्या तकरीबन 5:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. जिसमें गोह विधानसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक, मनोज शर्मा, औरंगाबाद विधान पार्षद, रेड क्रॉस सोसाइटी औरंगाबाद के अध्यक्ष, सतीश सिंह, भाजपा जिला मंत्री व नगर - परिषद, औरंगाबाद वार्ड नंबर - 08 के पूर्व वार्ड पार्षद, धर्मेंद्र शर्मा, रविन्द्र सिंह, औरंगाबाद भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह के मीडिया प्रभारी, मितेंद्र कुमार सिंह, लोक स्मृति मंच जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष, मुकेश शर्मा, जिला महामंत्री, रविशंकर समेत कई गणमान्य लोग भी उपस्थित हुए.
राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर को माला पहनाकर स्वागत
इस मौके पर उत्साहित समर्थकों ने सर्वप्रथम राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर को माला पहनाकर स्वागत किया. इसके बाद मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने मिलकर संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. द्वीप प्रज्वलित करने के पश्चात औरंगाबाद पहुंचे राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर को भाजपा समर्थकों ने अंग वस्त्र देकर भी सम्मानित की. इस कार्यक्रम में मंच का संचालन जिला महामंत्री, रविशंकर ने की. इस मौके पर औरंगाबाद पहुंचे राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर ने परिसदन ( सर्किट हाउस ) सभागार में उपस्थित लोगों को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि संपूर्ण बिहार गया होते हुए आज आप लोगों के बीच आमंत्रण देने हेतु उपस्थित हुए हैं. गृह मंत्री, भारत - सरकार में पहली बार सहकारिता मंत्री, माननीय अमित शाह को बनाया गया है.
इस सहकारिता का मुख्य लाभ किसानों को मिलता है. किसानों का सबसे बड़ा हितैषी नेता के रूप में स्वामी सहजानंद सरस्वती रहे. मगर बिहार सरकार के उदासीन रवैया की वजह से ही महान विभूतियों का आज तक बिहार डायरी में नाम तक शामिल नहीं किया गया. जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है. तब संवाददाता ने राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर से सवाल पूछा कि महान विभूतियों के बारे में जो आपने कहा कि बिहार सरकार के डायरी से नाम तक भी गायब है. तो बीजेपी भी तो काफी दिनों तक साथ रही है.
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर ने कहा कि देखिए एक बात को समझिए. थोड़ा समझना पड़ेगा. आपको 11वां खिलाड़ी भी अगर मैच जीता देता है. तो कप लेने वो नहीं जाता है. कप्तान जाता है. नेतृत्व कप्तान का होता है. डायरी एक विभाग में नहीं छपाता है. और भिन्नता नहीं रहती है.
बिहार विधानसभा में और सरकार के बिहार डायरी है. उसका अलग है. ये सूची जब एक बार तय होता है. तो उसको अनुमोदित जो है. बिहार के मुखिया ही करते हैं. आज से 20 साल पहले देखिएगा. तो फलनवा बीजेपी नहीं दिखेगी. जो बाद में जुड़ा होगा. 20 साल पहले देखिएगा. तो उसमें 05 लोग की नहीं होगी. जो आज जुड़ा होगा. तो बिहार का मुखिया और उनका सचिवालय ही तय करता है. उसके बाद ही प्रकाशन आरंभ होता है.
तब संवाददाता ने राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर से सवाल पूछा. कि लोकतंत्र में चार स्तंभ माने जाते हैं. कार्यपालिका, न्यायपालिका विधायिका एवं पत्रकारिता. तीन स्तंभों को तो सारी सुख सुविधाएं एवं सुरक्षा मौजूद होती है. लेकिन लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला कोई भी पत्रकार यदि निष्पक्ष खबर छापता है. तो उसे सिर्फ धमकी ही मिलती है. या फिर उसकी हत्या ही कर दी जाती है. लेकिन इसके लिए आज तक संसद भवन में कोई भी ठोस कानून नहीं बन पाया है. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे.
तब राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर ने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा. कि ये बात तो आपका जायज है. चुंकि जो उसमें भी पत्रकारिता के समाज में भी सब तबका का पत्रकार हैं. लेकिन एक बहुत बड़ा तबका है. जो जान जोखिम में भी डालकर निष्पक्ष पत्रकारिता करता है.
तब संवाददाता ने राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर से कहा कि इसी औरंगाबाद कलेक्ट्रेट में मेरे साथ ही निष्पक्ष खबर लिखने की वजह से प्रशासन के साथ 3:30 घंटा विवाद हुआ था. तब राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर ने उपस्थित सभी लोगों के समक्ष ही जवाब देते हुए कहा कि इसमें हम आपसे सहमत हैं. पत्रकार प्रोटेक्शन के लिए यथासंभव जो है. ये जरूर सबको मिलकर निर्णय करना चाहिए. मैं आपके बात से सहमत हूं. ज्ञात हो कि सन् 2019 के अंतिम माह में भी जब संवाददाता ने जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय यूवा अध्यक्ष, संजय सिंह से भी जंतर मंतर, नई दिल्ली स्थित जदयू के केन्द्रीय कार्यालय में अपने दिल्ली संवाददाता, मोहम्मद जावेद रब्बानी के साथ ही संयुक्त रूप से मुलाकात करने के बाद उनके कक्ष में सवाल पूछा था कि लोकतंत्र में चार स्तंभ माने जाते हैं.
कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका तथा पत्रकारिता. जिसमें तीन स्तंभों को तो सारी सुख सुविधाएं एवं सुरक्षा मौजूद होती है. लेकिन यदि कोई भी पत्रकार निष्पक्ष खबर लिखता है. तब उसे सिर्फ धमकी ही मिलती है. या फिर उसकी हत्या ही कर दी जाती है. इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे. तब जदयू के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष, संजय सिंह ने भी संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार के बिहार राज्य में वर्तमान सुशासन की राज है. आप लोगों को भी डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. आप लोग निष्पक्ष रुप से खुलकर रिपोर्टिंग कीजिए.
हमारी सरकार आप लोगों को भी हमेशा निष्पक्ष रुप से मदद करेगी. ध्यातव्य हो कि उसी वक्त जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय में कार्यालय सचिव सह कोषाध्यक्ष, मिथिलेश कुमार सिंह भी मौजूद थे. और उन्होंने भी समर्थन करते हुए कहा था. कि निष्पक्ष खबर अवश्य लिखना ही चाहिए. ताकि हम लोगों को भी सत्य खबर की ही जानकारी मिले. इसके बाद संवाददाता ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में भी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता, चंदन कुमार यादव से यही सवाल पूछा था. कि लोकतंत्र के चार स्तंभों में तीन स्तंभों को तो सारी सुख सुविधाएं, सुरक्षा मौजूद रहती है. लेकिन जब कोई भी पत्रकार निष्पक्ष खबर लिखता है. तब उसे सिर्फ धमकी ही मिलती है या फिर उसकी हत्या ही कर दी जाती है. जिसके कई उदाहरण भरे पड़े हुए हैं. तब जदयू प्रवक्ता, चंदन कुमार यादव ने भी संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि बिहार में आदरणीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार जी का सुशासन की सरकार है. इसलिए आप लोग खुलकर रिपोर्टिंग कीजिए.
ध्यातव्य हो कि उसी वक्त अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में पांचवीं चिविर दान कार्यक्रम के नाम पर आर0एस0एस0 के स्टार प्रचारक, इंद्रेश कुमार भी बोधगया ही पहुंचे हुए थे, और जहां भगवान बुद्ध ने विशाल पीपल वृक्ष के नीचे अपनी ज्ञान प्राप्त की थी. उसी स्थान पर छोटे-छोटे बच्चों से भी मिलकर आर0एस0एस0 स्टार प्रचारक, इंद्रेश कुमार ने अपने साथ फोटो खिंचवाई थी. इसके बाद संवाददाता ने जहानाबाद में अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, गृह - मंत्रालय, भारत - सरकार, नयी दिल्ली में कार्यरत डॉक्टर करुणा सागर से भी मुलाकात होने पर सर्किट हाउस में यही सवाल पूछा था कि लोकतंत्र में शामिल तीन स्तंभों को तो सारी सुख सुविधाएं मौजूद रहती है. लेकिन चौथा स्तंभ के रूप में शामिल पत्रकार यदि कोई भी निष्पक्ष खबर प्रकाशित करता है.
तब उसे सिर्फ़ धमकी ही मिलती है या फिर उसकी हत्या ही कर दी जाती है. जिसके कई उदाहरण भरे पड़े हुए हैं. इसलिए इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे. तब अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, गृह - मंत्रालय, भारत - सरकार, डॉक्टर करुणा सागर ने भी संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था. कि यह मामला तो गंभीर है ही. चौथा स्तंभ में शामिल पत्रकारों के लिए भी ठोस कानून अवश्य बनना चाहिए. जिससे पत्रकारों को भी सुरक्षा मिल सके. और खूलकर रिपोर्टिंग कर सकें.
ध्यातव्य हो कि उस वक्त माननीय, डॉक्टर करुणा सागर भी जहानाबाद में स्वामी सहजानंद सरस्वती के कार्यक्रम में ही शामिल होने हेतु आए हुए थे, और उसी कार्यक्रम में शारदा सर्वज्ञ पीठ, जम्मू कश्मीर के शंकराचार्य भी पहुंचकर शामिल हुए थे तथा संवाददाता से भी जहानाबाद में ही मुलाकात हुई थी, और कार्यक्रम समाप्ति पश्चात संध्या के वक्त काफी देर तक सर्किट हाउस में ही बैठकर शंकराचार्य जी से भी बातें हुई थी. इसलिए अब ऐसी परिस्थिति में सवाल तो उठेगा ही कि क्या चौथा स्तंभ के तहत निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता का कार्य करने वाले पत्रकार बंधुओं के लिए भी पत्रकार सुरक्षा कानून ठोस बनाने हेतु संसद भवन में कोई आवाज गूंजेगी या सिर्फ माननीय द्वारा हमेशा ब्यानबाजी ही होती रहेगी. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
ध्यातव्य हो कि स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती सह किसान समागम का कार्यक्रम 25 फरवरी 2023 को पटना स्थित बापू सभागार में होना है. इसी उद्देश्य से राज्यसभा सांसद, विवेक ठाकुर भी शुक्रवार को आमंत्रण देने हेतु औरंगाबाद परिसदन में पहुंचे थे.