औरंगाबाद में अदरी नदी बचाओ आंदोलन: सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनिल कुमार सिंह ने मीडिया से कहा कि अदरी नदी पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में आ चुकी है, और इसके किनारे अतिक्रमण हो रहा है।
औरंगाबाद (बिहार): बिहार के औरंगाबाद में अदरी नदी की रक्षा के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनिल कुमार सिंह ने मीडिया से कहा कि अदरी नदी पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में आ चुकी है, और इसके किनारे अतिक्रमण हो रहा है। उन्होंने बताया कि शहर की गंदगी भी नदी में फेंकी जा रही है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है और विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
उन्होंने इस पर चिंता जताई कि छठ पूजा जैसे पवित्र त्योहार के दौरान व्रतियों को गंदे पानी में स्नान करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सरकार ने नदी-नालों की सफाई के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन अदरी नदी की सफाई न होना कई सवाल उठाता है।
अनिल कुमार सिंह ने कहा, "अदरी माता, औरंगाबाद की जीवनदायिनी हैं। अगर अदरी मरती है, तो औरंगाबाद भी मरेगा।" उन्होंने औरंगाबाद वासियों को एकजुट होकर अदरी नदी के संरक्षण की अपील की और कहा कि अगर प्रदूषण खत्म नहीं होता, तो आंदोलन जारी रहेगा।
कार्यक्रम में अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे कुमार शिवम, सूर्यकांत, पुरुषोत्तम कुमार, और अजीत कुमार ने भी समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और प्रतिनिधि इस स्थिति के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।
उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि कई स्थानों पर जल स्तर प्रदूषित हो चुका है, जिसके कारण लोग शुद्ध पेयजल के अभाव में बीमार हो रहे हैं। उन्होंने प्रदूषण के प्रभाव को लेकर चिंता जताई और इसे मानवाधिकार का उल्लंघन भी करार दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने भी जल प्रदूषण के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए और विधिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ नागरिक और बुद्धिजीवी मौजूद रहे।
— विश्वनाथ आनंद