औरंगाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन, अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए किए रिकॉर्ड वादों का हुआ निष्पादन
शनिवार दिनांक - 13 मई 2023 को संपन्न राष्ट्रीय लोक अदालत में पहली बार माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, संपूर्णानंद तिवारी, जिला पदाधिकारी, सुहर्ष भगत एवं पुलिस - अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम, औरंगाबाद को मिला शामिल होने का मौका, वादकारियों को मिला दोहरा लाभ, स्वास्थ्य जाँच शिविर के साथ - साथ वादों से भी मिली मुक्ति
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में आज शनिवार दिनांक - 13 मई 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार - न्यायालय, औरंगाबाद तथा अनुमंडलीय व्यवहार - न्यायालय, दाउदनगर में किया गया. इस राष्ट्रीय लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में किया गया, जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष, माननीय संपूर्णानंद तिवारी, जिला पदाधिकारी, सुहर्ष भगत, पुलिस अधीक्षक, श्रीमती स्वप्ना जी मेश्राम, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर, जिला विधि संघ अध्यक्ष, रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष, संजय कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से पूर्वाहन 9:30 बजे द्वीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया गया. इस उद्घाटन समारोह में सभी न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता अन्य विभागो के पदाधिकारी एवं अच्छी संख्या में वादकारी भी उपस्थित हुए.
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष, संपूर्णानंद तिवारी ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सुलहनीय वादों के निस्तारण के लिए सुअवसर के रूप में आता है, और आपके सहयोग तथा हम लोगो के प्रयास से ही आज यहां से अपने वादों से मुक्त होकर चेहरे पर प्रसन्नता लेकर जाएंगे. साथ ही अपने संबोधन के दौरान माननीय जिला एवं सत्र - न्यायाधीश, संपूर्णानंद तिवारी ने कहा कि आज मुझे औरंगाबाद में सबसे बड़ी खुशी इसी बात की है, कि यहां के पत्रकार बंधु, पदाधिकारी, पैनल अधिवक्ता, अधिवक्ता संघ के साथ-साथ सभी लोगों का बहुत ही सहयोग मिला है. इसके लिए मैं आप लोगों को धन्यवाद देता हूं. जिस प्रकार का औरंगाबाद में मैंने सभी लोगों का सहयोग देखा वैसा कहीं नहीं मिला. वहीं जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार उपाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एक साथ ही कई मामलों का निस्तारण होता है. जिसके निरंतरता हमेशा बनाये रखने की आवश्यकता है. जहां तक एडमिनिस्ट्रेशन की सहयोग की बात है, तो एडमिनिस्ट्रेशन हमेशा सहयोग करेगी. साथ ही मैं औरंगाबाद के पत्रकार बंधुओं सहित सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, की आप लोग काफी अच्छे ढंग से इस प्रकार के आयोजन में भी सहयोग करते हैं.
राष्ट्रीय लोक अदालत में पुलिस अधीक्षक सह प्राधिकार सदस्य, श्रीमती स्वप्ना जी मेश्राम ने संबोधन में कहा कि कहा कि पुलिस प्रशासन हमेशा से यह प्रयास करती है, कि लोगो के बीच आपसी सदभाव एवं प्रेम का वातावरण बना रहे, तथा राष्ट्रीय लोक अदालत में वादो का निष्पादन होने से आपसी प्रेम एवं सौहार्द भी बना हुआ रहता है, और पुलिस विभाग हमेशा ही प्राधिकार को राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग करती रही है. विधि संघ अध्यक्ष, रसिक बिहारी सिंह ने भी प्रारंभिक दौर की बात याद करते हुए कहा कि जब लोक अदालत की अवधारण सिर्फ एक विचार के तौर पर था, और अपने शैश्व अवस्था में था. तब से लगातार मैं किसी न किसी रूप में भागीदारी निभाते आया हूँ, और आज जिला विधि संघ अध्यक्ष के रूप में जब कभी भी मुझे मौका मिलता है. तब मैं अपना सक्रिय भागीदारी निभाता हूँ. वहीं अधिवक्ता संघ अध्यक्ष ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निष्पादन में ना किसी की जीत और ना ही किसी की हार होती है, बल्कि दोनों समान भाव से अपने वादों का निष्पादन कराते है, और प्रसन्न होते हैं. कार्यक्रम में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, माननीय सौरभ सिंह ने किया.
अपने धन्यवाद ज्ञापन में उन्होंने कहा कि आज महीनो से लगे हुए लोगो का ही परिणाम का दिन है, तथा लोक अदालत को सफल बनाने के लिए लगे सभी व्यक्तियों को मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. पुरे कार्यक्रम का मंच संचालन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, सुदीप पाण्डेय द्वारा किया गया. ध्यातव्य हो कि शनिवार दिनांक - 13 मई 2023 को संपन्न राष्ट्रीय लोक अदालत में कई दशको पुराने मामले का भी हुआ निस्पादन. दिब्यांग व्यक्ति के वाद खत्म होने पर भी दिखा ख़ुशी का भाव. साथ ही यह राष्ट्रीय लोक अदालत कई मामले में भी अविस्मरणीय रहा. इस लोक अदालत में जहां अपने वाद के निष्पादन में अपने ही कई रिकार्ड को तोडते हुए एक नया मिल का पत्थर स्थापित हुआ वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला पदाधिकारी एवं पुलिस - अधीक्षक द्वारा बेंच भ्रमण के दरम्यान एक दिब्यांग व्यक्ति पर भी उनकी नजर पड़ी. तब तत्काल उन्होंने उनका वाद संबंधित न्यायालय से निष्पादन करवाया. जिस पर उसके मुखमंडल पर ख़ुशी का भाव भी परिलक्षित होता हुए दिखा. उनका वाद मुफस्सिल थाना काण्ड संख्या - 193 / 15 धारा 406, 420 से संबंधित था. वही जिला विधिक सेवा प्राधिकार, न्यायालय, अधिवक्तागण के प्रयास से दर्जनों ऐसे मामलों का निष्पादन हुआ. जो दशकों पुराने मामले थे. जिनमें जी0आर0 1888 / 03 नवीनगर थाना कांड संख्या - 102 / 03 सिर्फ 323, 379 समेत जी0 आर0 - 2171 / 06, 366 / 07 जैसे कई ऐसे मामले रहे. जो इस लोक अदालत में निष्पादित हुए, और पक्षकारों में संतोष तथा उत्साह का भाव दिखा. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,594 वाद निष्पादन के साथ कुल - 03 करोड़ 72 लाख रुपये का समझौता कराया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में आज शनिवार को मोटर दुर्घटना से संबंधित 05 वादों में कुल 36 लाख 40 हजार रूपये का समझौता कराया गया.
पारिवारिक मामले से संबंधित 12 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से संबंधित 389 वाद, एन0आई0एक्ट0 के 10 मामलों में 12 लाख 14 हजार का समझौता, टेलीफ़ोन के 03 मामलों में, माप - तौल के 01 मामले. वहीं अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से संबंधित 539 वाद तथा बैंक ऋण से संबंधित मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 3.23 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया. इस तरह कुल - 1,593 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग - 3 करोड़ 72 लाख रूपये का समझौता कराया गया. जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ो के मामले में न्यायालय से जुड़े मामलों में ज्यादा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है. पिछला रिकॉर्ड 378 न्यायालय से जुड़े वादों के निष्पादन का था. जो बढ़ कर 396 वादों का निष्पादन हुआ. लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर ने कहा कि पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए 389 सिर्फ न्यायालय के लंबित वाद का निष्पादित होना एक बहुत बडी उपलब्धि हैं. जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश, संपूर्णानंद तिवारी का मार्गदर्शन और सभी न्यायिक पदाधिकारियों, वादकारियों, अधिवक्ताओं तथा लोक अदालत से जुडें समस्त लोगों के सहयोग से ही संभव हुआ है. इसके लिये सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं धन्यवाद.
इस पुरे राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन को सफल बनाने में प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता, अभिनन्दन कुमार, कर्मी सुनील कुमार सिंह, परशुराम कुमार सिंह, संजय कुमार, टेक्निकल स्टाफ, अर्पणा सहाय, सुनील कुमार सिन्हा, सहयोगी नवरतन कुमार, गीता कुमारी, कुंदन कुमार सहित सभी अर्धविधिक स्वयं सेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही. ध्यातव्य हो कि इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य जाँच शिविर के माध्यम से भी लोगो को मिला स्वास्थ्य का लाभ. राष्ट्रीय लोक अदालत की मुख्य विशेषता रही कि राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ साथ स्वास्थ जाँच शिविर का आयोजन भी विधिक सेवा सदन में ही किया गया था. जिसमे सुगर, ब्लड प्रेशर के साथ साथ चिकित्सीय जाँच और दवा का भी वितरण इत्यादि प्रमुख सुविधाओं से वादकारियों के साथ - साथ सभी उपस्थित लोगो ने लाभ उठाया.