जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जेल का किया गया औचक निरीक्षण
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रजनीश कुमार श्रीवास्तव द्वारा सोमवार दिनांक 17 अक्टूबर 2022 को मण्डल कारा औरंगाबाद का औचक निरीक्षण करते हुए भ्रमण किया गया. मण्डल कारा, औरंगाबाद में भ्रमण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर, मण्डल कारा, औरंगाबाद में प्रतिनियुक्त जेल भ्रमण अधिवक्ता, गजेन्द्र कुमार पाठक एवं निवेदिता कुमारी भी साथ में उपस्थित रहे.
निरीक्षण के दौरान मण्डल कारा में पदस्थापित जेल अधीक्षक, सुजीत कुमार झा भी मौजूद थे. माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वारा जेल के प्रत्येक वार्डो का निरीक्षण किया गया, तथा बंदियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई.
मण्डल कारा में निरीक्षण के दौरान पुरे समय तक जेल अधीक्षक उपस्थित रहे, एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कैदियों को कारा में उत्पन्न हो रही समस्याओं से अवगत होने के उपरान्त कैदियों के समक्ष ही तत्काल निदान करने का निर्देश जेल अधीक्षक को दिया. साथ ही माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वारा जेल निरीक्षण के क्रम में वैसे कैदी जो प्रथम दृष्टया देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि उनकी उम्र 18 वर्ष से कम है. उसको लेकर तत्काल कारा अधीक्षक को यह निदेशित किया, कि इनकी सूची सम्बन्धित न्यायालयों में उनकी आयु के सत्यापन हेतु प्रेषित करें.
इसके उपरान्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ने जेल में स्थापित लिगल एड क्लिनिक में प्रतिनियुक्त कैदी पारा विधिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण एवं उनके कार्यो का मूल्यांकन के दौरान उनके द्वारा पूर्व में बनाए गये पंजी का निरीक्षण किया.
जेल में निरीक्षण के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वारा जेल की साफ सफाई हेतु भी आवश्यक निर्देश भी दिए गए. साथ ही कारा प्रशाशन को सख्त निर्देश दिया गया कि कैदियों को सफाई युक्त स्वच्छ वातावरण और पौष्टिक खाना उपलब्ध होनी चाहिए. इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी. जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वारा कैदियों के बिच शैक्षणिक वातावारण के निर्माण हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार, द्वारा प्रदत पुस्तक जेल प्रशासन को उपलब्ध कराया गया.
माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वारा सभी कैदियों के बीच अच्छे तथा स्वस्थ्य वातावरण का निर्माण संभव हो. इसके लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ने कारा प्रशासन एवं जेल अधीक्षक को निदेशित किया कि वे समय समय पर कारा में शैक्षणिक कार्यक्रमों को आयोजित करें. साथ ही कारा में बंदियों के स्वास्थ्य बेहतर रहे. इसके लिए योगा का अभ्यास प्रतिदिन करने के लिए प्रेरित करें.