मगध प्रमंडल में कई अनुसूचित जाति गांवों का अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने किया दौरा

सर्किट हाउस गया में शुक्रवार को प्रेस कॉफ्रेंस भी किया आयोजित, प्रेस कॉफ्रेंस में बोले अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन भुईयां उर्फ ललन राम, गड़बड़ करने वाला चाहे कोई भी हो, कानून के शिकंजे से बहुत दिन नहीं रहेगा बाहर, यह सरकार का है निर्णय

मगध प्रमंडल में कई अनुसूचित जाति गांवों का अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने किया दौरा
Lalan Ram visited several scheduled caste villages in Magadha division

अजय कुमार पाण्डेय:

गया: (बिहार) मगध प्रमंडल अंतर्गत गया जिले के कई अनुसूचित जाति गांवों में पहुंचकर अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक, ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने स्थल निरीक्षण करते हुए पायी गई कमियों के स्थान पर उसे दूर करने / करवाने हेतु आश्वासन भी दिया. ध्यातव्य हो कि अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन राम ने अपनी टीम के साथ गुरुवार दिनांक - 10 अगस्त 2023 को मानपुर प्रखंड अंतर्गत मोरा टाल पंचायत में भी अनुसूचित जाति टोला में पहुंचकर स्थल निरीक्षण किया, और रात्रि में बोधगया स्थित निरीक्षण भवन में विश्राम किया.

इसके बाद शुक्रवार दिनांक - 11 अगस्त 2023 को भी अनुसूचित जाति टोला में पहुंचकर स्थल निरीक्षण करते हुए जांच किया. ज्ञात हो कि गुरुवार दिनांक - 10 अगस्त 2023 को बिहार - सरकार की मंत्री, लेसी सिंह भी गया सर्किट हाउस में ही पहुंची हुई थी. जिनसे अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक, ललन राम की भी शिष्टाचार मुलाकात हुई थी, और बिहार सरकार के मंत्री, लेसी सिंह ने भी विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. साथ ही अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक, ललन राम ने भी पदाधिकारियों के साथ बैठक किया था.

क्षेत्र भ्रमण के क्रम में ही पानी की समस्या देखने के बाद अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन राम ने गया जिला पदाधिकारी को भी अवगत कराया. तब गया जिला के जिला पदाधिकारी ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित पानी समस्या से निजात दिलाने हेतु विभागीय पदाधिकारी को भी आदेश दिया. ध्यातव्य हो कि शुक्रवार को अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष, ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने पूर्वाह्न लगभग 11:30 बजे सर्किट हाउस गया पहुंचकर अपने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक किया.

इसके बाद सर्किट हाउस गया के कक्ष में ही उपस्थित पत्रकार बंधुओ के साथ एक प्रेस कॉफ्रेंस भी आयोजित किया. तब आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक, ललन राम से उपस्थित पत्रकारों ने सवाल पूछा कि आपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ बैठक किया है. वर्तमान बैठक अभी किस नतीजे पर पहुंची है. और आपका आगामी रणनीति क्या है. तब उपस्थित पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन राम ने कहा कि देखिए सर्वप्रथम तो आप लोग को धन्यवाद देना चाहेंगे, कि आप लोगों को माध्यम से बिहारवासी देखेंगे. उनको तहे दिल से शुक्रिया, नमस्कार, आदाब, प्रणाम. मैं कहना चाहता हूं कि अभी हम लोग सरकारी कार्यक्रम में आए हुए हैं.

हमारे साथ माननीय सदस्य, श्याम बिहारी राम भी हैं, और गया जिले के करीब - करीब सभी पदाधिकारी आए हुए हैं, और जो नहीं आए हैं किसी कारणवश, तो उन लोग से जवाब - तलब किया जाएगा, और हमने सभी लोगों को सख्त लहजे में कहा है कि 07 साल से आयोग का गठन नहीं हुआ था. अब आयोग का कार्यक्रम करने के लिए हमें माननीय नीतीश कुमार, बिहार सरकार ने नियुक्त किया है, और जिस आशा, उम्मीद से किया है. उस पर खरा उतरना है, और मैंने सभी लोगों को कहा है कि आप लोग अब पहले वाला देखिए.

हम लोग को कार्यक्रम करना है, नीचे जाकर. धरती पर रहना है. हवा - हवाई में कार्यक्रम केवल ऑफिस में आकर सर्किट हाउस में खाना - भोजन करके चले जाना. ये हम लोग का दायित्व नहीं है. हमने तो कई छात्रावास से लेकर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को भी देखा, और महादलित टोला / अनुसूचित जाति के गांव में भी गया, तो हम लोग धरती पर काम कर रहे हैं, और जहां भी गरीबों को सरकारी कार्यक्रम होना चाहिए. उसको हम लोग बताने का भी काम कर रहे हैं.

इसके बाद अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष, ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने उपस्थित पत्रकार बंधुओ को व्यान देते हुए कहा कि हम लोग दोनों पहलू पर विचार कर रहे हैं. आपसी समन्वय बनाकर हम लोग चाहते हैं, कि पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर बेहतर कार्य करें. पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि सभी से भी हमने आग्रह किया है, कि सभी लोग मिलकर चलिएगा, तो बिहार का विकास होगा, और आपस में को-ऑर्डिनेशन भी जरूरी है.

तब मौके पर उपस्थित संवाददाता आलोक कुमार ने अनुसूचित जाति आयोग उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक, ललन राम से सवाल पूछा कि नगर थाना औरंगाबाद में कांड संख्या - 266 / 18 दिनांक - 18 /07 2018 को एक प्राथमिकी दर्ज हुआ है. जिसमें अनुसूचित जाति के छात्रों के ही छात्रवृत्ति में काफी भयंकर घोटाला हुआ. इस कांड में तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी और उनके कई लोग बर्खास्त हो चुके हैं. लेकिन कुछ विद्यालय के सचिव और प्रधानाध्यापक है. वे आज भी प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद पुलिस पकड़ से बाहर हैं. और अनुसंधान के नाम पर उन्हें बचाया जा रहा है. जबकि वो अधिकारी सेवा से बर्खास्त हो गए हैं. पांच साल हो गया. फिर भी अभी तक जांच के नाम पर ही उन लोग को बचाया जा रहा है. तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन राम ने कहा कि इस प्रकार की बातें हम तक नहीं आई है, और हम लोग प्रयास करते हैं.

मीडिया के माध्यम से बात आई है, हम भी देखे हैं. हम लोग उसको आयोग के माध्यम से जांच करवाने का पूर्णतः आप लोगों को आश्वस्त करते हैं, और आप लोगों को हम बता रहे हैं, कि सरकार का निर्णय है, कि गड़बड़ करने वाले ना तो बचेंगे, और ना ही सरकार किसी को बचाती है, ना फंसाती है, तो यहां इसी सिद्धांत से कार्य होता है. गड़बड़ करने वाला चाहे कोई भी हो, कानून के शिकंजे से बहुत दिन बाहर नहीं रहेगा.

तब इस्मा टाइम्स संवाददाता ने अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन भुईयां उर्फ ललन राम से सवाल पूछा कि माननीय नीतीश कुमार 2005 से ही बिहार के मुख्यमंत्री हैं. लेकिन शिक्षा व्यवस्था अभी तक नहीं सुधर पायी है. और शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा बिहार की काफी बदनामी भी हो रही है. इसके अलावे सम्मान शिक्षा की बातें तो हमेशा सभी लोगों द्वारा की जाती हैं. लेकिन सम्मान शिक्षा अभी तक कहीं भी लागू नहीं हो रही है. इस मुद्दे पर आप क्या कहना चाहेंगे.

तब इस्मा टाइम्स संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन राम ने कहा कि देखिए ऐसी बात नहीं है. शिक्षक पहले से अधिक, सन् 2005 से पहले की बात तो हम नहीं करेंगे. लेकिन हम अभी बता रहे हैं, कि जब से माननीय नीतीश कुमार बिहार की गद्दी संभाले हैं. राज - पाट संभाले हैं. तब उस समय से शिक्षक की बहाली भी हुई है, और शिक्षक के बारे में भी सोचा गया. बच्चे के बारे में भी सोचा गया, बिल्डिंग के बारे में भी सोचा गया. हम लोग पहले देखते थे, कि पेड़ तर, एकदम सच्चाई आप लोग मीडिया के साथी हैं. आप ही लोग से पूछना चाहते हैं, कि आप लोग देखते होंगे, कि पेड़ तर (पेड़ के नीचे) बच्चे पढ़ते थे. कोई ऐसा बता दीजिए आप लोग. कि बिहार में अभी पेड़ तर बच्चे पढ़ते होंगे. स्कूल का व्यवस्था सुदृढ़ किया गया. बच्चे स्कूल जा रहे हैं. बच्चे का आप औसतन रिपोर्ट देख लीजिए. कितना पहले था. और आज क्या है. ऐसे अभी हम बहुत जल्द ही नियुक्त हुए हैं, और सारा रिपोर्ट बिहार का एक-एक बिंदुवार आप लोग को देने का हम काम करेंगे.

तब संवाददाता ने सवाल पूछा कि भवन तो बने हुए हैं. लेकिन शिक्षा की हालत आज भी जस की तस ही बनी हुई है. जो हमेशा चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मुद्दे पर आप क्या कहना चाहेंगे. तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने कहा कि अब बिहार में सन् 2005 से पहले वाली बात नहीं रह गई है. सब कुछ सुधार हुआ है, और हो भी रहा है. तब संवाददाता ने सवाल पूछा कि भारतीय लोकतंत्र में तो चार स्तंभ अवश्य माने जाते हैं. जिसमें कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका और पत्रकारिता शामिल है. लेकिन तीनों स्तंभों को तो सारी सुख सुविधाएं, सुरक्षा मौजूद है. परंतु जब कोई भी पत्रकार निष्पक्ष खबर लिखता है. तो उसे सिर्फ धमकी ही मिलती है. या फिर उसकी हत्या ही करा दी जाती है. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे.

तब संवाददाता द्वारा सर्किट हाउस गया के कक्ष में ही पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक, ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने कहा कि पत्रकार को धमकी कौन देगा. आप लोग तो खुद सुपर हीरो हैं. यदि पत्रकार चाहेंगे, तो किसी भी पार्टी की कहीं भी सरकार हिल जाएगी. आप लोग निष्पक्ष रुप से रिपोर्टिंग करते रहिए. सरकार आप लोगों के साथ हमेशा खड़ी है, और हम लोग भी तो माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को अवगत कराएंगे ही, क्योंकि हम लोग भी तो बिहार - सरकार में हीं है.

अंत में अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक, ललन भुईयां उर्फ ललन राम ने उपस्थित पत्रकार से अनुरोध करते हुए कहा कि अधिकांश लोग तो अभी केंद्र सरकार के सपोर्ट में ही रिपोर्टिंग कर रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार के बारे में तो जल्दी कोई न्यूज़ लिखता भी नहीं है. इसलिए कम से कम आप लोग भी तो हम लोगों का न्यूज़ लिखा करें. ताकि हम लोगों द्वारा भी लगातार किया जा रहा कार्य सबके समक्ष आए.

तब संवाददाता ने अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन भुईयां उर्फ ललन राम से कहा कि हम लोगों ने तो शुरू से ही सभी पार्टियों का न्यूज़ ईमानदारी पूर्वक ही लिखा है. जो आप लोगों को भी पता है. तब अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष, ललन राम ने कहा कि हां यह बात तो सही है, कि आप लोगों ने शुरू से ही निष्पक्ष रूप से रिपोर्टिंग किया है. इस बात को मैं भी जा रहा हूं. लेकिन अक्सर लोग ऐसा करते हैं. इसीलिए हमने आप लोगों से भी कहा है.